भारत में नियोजन के संदर्भ में राष्ट्रीय योजना समिति (National Planning Committee) एक महत्वपूर्ण पहल थी जिसे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने प्रस्तुत किया था। यह योजना 1938 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के अध्यक्ष सुभाष चंद्र बोस के अधीन गठित एक राष्ट्रीय योजना समिति (National Planning Committee) थी।
राष्ट्रीय योजना समिति का गठन (Formation of NPC):
- स्थापना: राष्ट्रीय योजना समिति की स्थापना 1938 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के हरिपुरा अधिवेशन के दौरान की गई थी।
- अध्यक्ष: पंडित जवाहरलाल नेहरू (Pandit Jawaharlal Nehru)
- उद्देश्य: भारत के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए दीर्घकालिक योजनाओं का निर्माण।
राष्ट्रीय योजना समिति का महत्व (Importance of NPC):
- यह स्वतंत्र भारत में योजनाबद्ध विकास की नींव रखने वाला पहला प्रयास था।
- औद्योगिकीकरण, गरीबी उन्मूलन, और आर्थिक आत्मनिर्भरता जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित किया।
- समिति ने सुझाव दिया कि भारत के विकास में सार्वजनिक क्षेत्र की मुख्य भूमिका होनी चाहिए।
प्रमुख योगदान (Key Contributions):
- देश की आर्थिक और सामाजिक समस्याओं की पहचान की।
- औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे पर बल दिया।
- संसाधनों के बेहतर उपयोग और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अपनाने की सिफारिश की।
- कृषि, उद्योग, स्वास्थ्य, और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुधार के उपाय प्रस्तावित किए।
राष्ट्रीय योजना समिति के सुझाव (Recommendations of NPC):
- भारत में नियोजित अर्थव्यवस्था (Planned Economy) की स्थापना।
- आर्थिक विकास के लिए सामाजिक न्याय का ध्यान।
- कृषि सुधारों और भूमि सुधार का कार्यान्वयन।
- महिलाओं और बच्चों के कल्याण पर विशेष ध्यान।
- वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान को प्रोत्साहन।
स्वतंत्र भारत और NPC (NPC and Post-Independence India):
- NPC द्वारा किए गए सुझाव स्वतंत्र भारत की योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था (Planned Economy) का आधार बने।
- 1950 में योजना आयोग (Planning Commission) की स्थापना NPC की सिफारिशों पर आधारित थी।
- पंचवर्षीय योजनाओं (Five-Year Plans) की शुरुआत NPC की दृष्टि का परिणाम था।
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