राष्ट्रीय विकास परिषद (National Development Council, NDC) का गठन 1952 में हुआ, भारत में राष्ट्रीय स्तर पर विकास की नीतियों और योजनाओं का मूल्यांकन और समीक्षा करने के लिए एक महत्वपूर्ण संस्था है। इसका मुख्य उद्देश्य है सरकारों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में विकास की प्राथमिकताओं की समन्वयित तयारी करना और एक समग्र राष्ट्रीय विकास रणनीति को समर्थन देना।
NDC की भूमिका:
- NDC भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- यह राष्ट्रीय विकास योजनाओं के लिए एक मंच प्रदान करता है और केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय सुनिश्चित करता है।
- NDC विकास के मुद्दों पर राष्ट्रीय बहस को बढ़ावा देने में भी मदद करता है।
NDC के कार्य:
- राष्ट्रीय विकास योजनाओं का अनुमोदन करना।
- विकास के लिए रणनीति और नीतियां तैयार करना।
- विकास योजनाओं के कार्यान्वयन की निगरानी करना।
- केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय स्थापित करना।
- विकास के मुद्दों पर राष्ट्रीय बहस को बढ़ावा देना।
NDC की बैठकें:
NDC की बैठकें आमतौर पर साल में दो बार होती हैं, एक बार वार्षिक योजना को मंजूरी देने के लिए और दूसरी बार योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा करने के लिए। अतिरिक्त बैठकें आवश्यकतानुसार बुलाई जा सकती हैं।
आलोचना:
NDC की कुछ आलोचना भी हुई है।
- कुछ लोगों का तर्क है कि यह बहुत अधिक केंद्रित है और राज्यों की पर्याप्त भागीदारी नहीं है।
- दूसरों का तर्क है कि NDC पर्याप्त रूप से प्रभावी नहीं है और विकास योजनाओं के कार्यान्वयन में सुधार करने के लिए अधिक करने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष:
- कुल मिलाकर, NDC भारत के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- यह राष्ट्रीय विकास योजनाओं के लिए एक मंच प्रदान करता है, केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय सुनिश्चित करता है, और विकास के मुद्दों पर राष्ट्रीय बहस को बढ़ावा देता है।
- हालांकि, NDC को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कुछ सुधार किए जा सकते हैं।
- यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि:
- 2015 में, भारत सरकार ने योजना आयोग को समाप्त कर दिया और इसकी जगह नीति आयोग ने ले ली। नीति आयोग अब NDC का सचिवालय है।
Leave a Reply