नैरोबी वार्ता (Nairobi Agreement) एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय समझौता है जो विश्व व्यापार संगठन (WTO) के अंडर अनुसंधान और विकास के लिए किया गया था। यह समझौता 1980 में नैरोबी, केन्या में हुआ था और इसका मुख्य उद्देश्य विकासशील देशों को व्यापार में अधिक पहुंच प्रदान करना था।
भारत और नैरोबी वार्ता:
- विकासशील देशों के लिए सबसिडी: नैरोबी वार्ता ने विकासशील देशों को खाद्य एवं किसानों के लिए अपनी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नीतियों में सबसिडी प्रदान करने की अनुमति दी। भारत ने इसका उपयोग खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए किया।
- कृषि उत्पादों की व्यापारिक सुविधा: भारत ने नैरोबी वार्ता में इस बात का समर्थन किया कि कृषि उत्पादों को व्यापारिक सुविधा प्रदान की जाए, जो उनके निर्यात में मदद करता है।
- अनुसंधान और विकास: भारत ने नैरोबी वार्ता में उपास्थिति दर्ज की जिसमें विकासशील देशों के लिए अनुसंधान और विकास की अधिक समर्थन की गई।
नैरोबी वार्ता को भारत के लिए एक सफलता माना जाता है क्योंकि इसने विकासशील देशों के हितों को आगे बढ़ाने में मदद की और वैश्विक व्यापार प्रणाली को अधिक न्यायसंगत और समावेशी बनाया।
नैरोबी वार्ता के बाद, भारत ने बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को मजबूत करने और विकासशील देशों के हितों की रक्षा के लिए सक्रिय रूप से काम करना जारी रखा है।
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