खरीफ” और “रबी” दोनों ही भारत में महत्वपूर्ण ऋतुओं को दर्शाते हैं, जिनका महत्व खेती और फसल उत्पादन में होता है। ये दोनों ही हिंदी कैलेंडर की ऋतुएं हैं, जो भारत में मौसम के अनुसार फसल उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
- खरीफ: खरीफ ऋतु भारत में ग्रीष्म और वर्षा के मध्य का समय होता है। यह ऋतु जुलाई से सितंबर तक चलती है। इस दौरान में भारत के अधिकांश हिस्सों में मानसून बरसता है और भूमि में उच्च गर्मी के कारण बहुतायत में फसल उत्पादन किया जाता है। खरीफ में मुख्य फसलें मक्का, धान, जौ, बाजरा, उड़द, मूँगफली और अनाज होती हैं।
- रबी: रबी ऋतु भारत में सर्दियों के मध्य का समय होता है, जो अक्टूबर से मार्च तक चलती है। इस दौरान में मानसून की कमी होती है और भूमि पर शीतल हवाओं का प्रभाव होता है। रबी में प्रमुख फसलें गेहूं, जौ, सरसों, चना, चावल, मटर, और अनाज होती हैं।
भारतीय कृषि में खरीफ और रबी फसलों का महत्व:
- खाद्य सुरक्षा: खरीफ और रबी फसलें भारत की खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इन फसलों से चावल, गेहूं, दलहन और तिलहन जैसे प्रमुख खाद्य पदार्थों का उत्पादन होता है।
- किसानों की आय: खरीफ और रबी फसलें किसानों की आय का मुख्य स्रोत हैं। इन फसलों की बिक्री से किसानों को अच्छी आय होती है।
- राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था: खरीफ और रबी फसलें भारत की राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में भी योगदान करती हैं। इन फसलों के निर्यात से देश को विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है।
- रोजगार: खरीफ और रबी फसलों की खेती में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलता है।
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