1948 की औद्योगिक नीति का प्रस्ताव
- मुख्य उद्देश्य: देश की स्वतंत्रता के बाद औद्योगिक विकास को गति देना।
- सार्वजनिक क्षेत्र की भूमिका: महत्वपूर्ण उद्योगों में केवल सार्वजनिक क्षेत्र की भागीदारी।
- प्राथमिकता: आधारभूत उद्योगों का विकास और कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
1956 की औद्योगिक नीति का प्रस्ताव
- समाजवादी सिद्धांत: समाजवाद की ओर अग्रसर होने की नीति।
- संगठित क्षेत्र का विस्तार: 17 प्रमुख क्षेत्रों में केवल सार्वजनिक क्षेत्र की अनुमति।
- उद्योगों का वर्गीकरण: प्राथमिक, द्वितीयक, और तृतीयक क्षेत्रों में विभाजन।
1969 की औद्योगिक नीति
- सार्वजनिक क्षेत्र का विस्तार: 17 प्रमुख क्षेत्रों में केवल सार्वजनिक क्षेत्र की अनुमति।
- निजी क्षेत्र का स्थान: सार्वजनिक क्षेत्र के साथ निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा।
1973 की औद्योगिक नीति
- खादी और ग्रामोद्योग: ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा।
- नवोन्मेषी उद्योग: निजी क्षेत्र को चुनिंदा उद्योगों में भागीदारी की अनुमति।
1977 की औद्योगिक नीति
- निजीकरण: सरकारी नियंत्रण में नरमी, निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करना।
- लाइसेंस व्यवस्था में सुधार: उद्योगों के लिए लाइसेंसिंग व्यवस्था में सुधार।
1980 की औद्योगिक नीति का प्रस्ताव
- लाइसेंस प्रणाली में सुधार: उद्योगों के लिए लाइसेंस की आवश्यकता कम करना।
- प्रोत्साहन नीति: नई और उन्नत तकनीकों का विकास।
1985 तथा 1986 की औद्योगिक नीतियों का प्रस्ताव
- नई नीतियां: छोटे और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में सुधार।
- उद्योगों की स्वायत्तता: निजी क्षेत्र को और अधिक स्वतंत्रता।
Leave a Reply