भारत का ‘कोटा’ और ‘रैंक’ IMF (International Monetary Fund) में उसकी सदस्यता स्थिति को दर्शाते हैं। IMF में हर सदस्य देश को एक निर्दिष्ट कोटा अनुसार अपनी सदस्यता होती है, जिसमें उस देश की आर्थिक स्थिति, गणराज्य उत्कृष्टता, और अन्य कारकों का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
भारत का IMF में कोटा और रैंक:
कोटा:
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में प्रत्येक सदस्य देश का कोटा उसकी आर्थिक स्थिति और वैश्विक अर्थव्यवस्था में योगदान को दर्शाता है।
- यह सदस्य देश द्वारा IMF में किए जाने वाले वित्तीय योगदान और ऋण प्राप्त करने की क्षमता को निर्धारित करता है।
- भारत का वर्तमान IMF कोटा 8.16 बिलियन SDR (Special Drawing Rights) है, जो 2.61% का वैश्विक कोटा हिस्सा है।
- यह भारत को 10.31 बिलियन SDR तक ऋण प्राप्त करने की अनुमति देता है।
रैंक:
- IMF सदस्य देशों को उनके कोटा के आधार पर रैंक किया जाता है।
- 2024 में, भारत IMF में 11वें स्थान पर है, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, जापान, जर्मनी, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम, इटली, कनाडा, रूस और सऊदी अरब के बाद।
भारत के लिए महत्व:
- भारत का IMF में एक बड़ा कोटा और उच्च रैंक देश के वैश्विक वित्तीय ढांचे में महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।
- यह भारत को IMF के निर्णय लेने की प्रक्रिया में अधिक आवाज देता है और वैश्विक वित्तीय मुद्दों पर नीतिगत दिशा को प्रभावित करने में मदद करता है।
- एक बड़ा कोटा भारत को IMF से ऋण प्राप्त करने की अधिक क्षमता भी प्रदान करता है, जो आर्थिक संकट के समय महत्वपूर्ण हो सकता है।
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