हरित क्रांति” एक ऐतिहासिक पहल है जिसे भारतीय कृषि के विकास में महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे भारतीय कृषि के सुधार और उत्थान के लिए एक महत्वपूर्ण क्रांति के रूप में देखा जाता है, जिसने देश के कृषि क्षेत्र को विभिन्न पहलुओं से प्रभावित किया। यह क्रांति प्रमुखतः 1960 और 1970 के दशक में हुई और इसके मुख्य उद्देश्य थे:
- उन्नत बीज तकनीकी: हरित क्रांति के दौरान, नई उन्नत बीज तकनीकियों का प्रयोग किया गया जिनसे उत्पादकता में वृद्धि हो सके। इसमें खासकर गेहूं, चावल, और मक्का जैसी प्रमुख फसलों के लिए उन्नत बीज प्रोत्साहित किए गए।
- उन्नत उर्वरक और कीटनाशक: कृषि में उपयोग होने वाले उर्वरक और कीटनाशकों के उत्पादन और उपयोग में सुधार किया गया। इससे फसलों की सुरक्षा और उत्पादन में सुधार हुआ।
- सिंचाई व्यवस्था: हरित क्रांति में सिंचाई व्यवस्था में भी महत्वपूर्ण सुधार किया गया। नई सिंचाई तकनीकों का प्रयोग किया गया जिससे सूखे की स्थिति में भी किसान अपनी फसलों को पानी प्रदान कर सकें।
- विशेषज्ञता और प्रशिक्षण: किसानों को विशेषज्ञता और प्रशिक्षण प्रदान किया गया ताकि वे नई तकनीकियों का सही तरीके से उपयोग कर सकें।
- सरकारी समर्थन: सरकारी स्तर पर भी हरित क्रांति को समर्थन प्रदान किया गया, जिससे नई तकनीकियों का विकास और उपयोग किया जा सका।
हरित क्रांति के कारण:
- आजादी के बाद खाद्य की कमी: भारत को आजादी के बाद भोजन की भारी कमी का सामना करना पड़ा। इसके लिए देश को बड़ी मात्रा में अनाज का आयात करना पड़ता था।
- जनसंख्या वृद्धि: भारत की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही थी, जिसके लिए अधिक भोजन की आवश्यकता थी।
- पुराने कृषि तरीके: भारत में किसान सदियों से पुराने कृषि तरीकों का उपयोग कर रहे थे, जिनसे उत्पादन कम होता था।
हरित क्रांति का प्रभाव:
- खाद्य उत्पादन में वृद्धि: हरित क्रांति के परिणामस्वरूप भारत में खाद्य उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। इससे देश को खाद्य सुरक्षा प्राप्त करने में मदद मिली और भोजन की कमी दूर हुई।
- किसानों की आय में वृद्धि: खाद्य उत्पादन में वृद्धि के कारण किसानों की आय में भी वृद्धि हुई। इससे ग्रामीण इलाकों में जीवन स्तर में सुधार हुआ।
- रोजगार सृजन: कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि हुई।
- ग्रामीण बुनियादी ढांचे में सुधार: सरकार ने कृषि उत्पादों के भंडारण, परिवहन और विपणन के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे का निर्माण किया।
Leave a Reply