फसल पद्धति (Cropping System) के तहत विभिन्न कृषि प्रणालियाँ प्रचलित हैं, जो जलवायु, मिट्टी, संसाधन उपलब्धता और स्थानीय परंपराओं के अनुसार भिन्न-भिन्न होती हैं। आधुनिक समय में, जैविक कृषि, पारंपरिक पद्धतियाँ और आधुनिक पद्धतियाँ महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इसके अलावा, मल्टीक्रॉपिंग और इंटरक्रॉपिंग जैसी फसल पद्धतियों में भी महत्वपूर्ण बदलाव देखे जा रहे हैं।
प्रचलित कृषि प्रणाली (Prevailing Agricultural Systems)
- जैविक कृषि (Organic Farming):
- जैविक कृषि में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जाता है।
- इसके बजाय, जैविक खाद, कंपोस्ट, हरी खाद, और जैविक कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है।
- उद्देश्य: पर्यावरण संरक्षण, मृदा स्वास्थ्य में सुधार, और स्वस्थ खाद्य उत्पादन।
- उदाहरण: जैविक सब्जियाँ, फल, और अनाज।
- पारंपरिक पद्धतियाँ (Traditional Practices):
- पारंपरिक पद्धतियों में स्थानीय ज्ञान और अनुभव का उपयोग होता है।
- इसमें स्थानीय बीजों, पारंपरिक सिंचाई तकनीकों, और पारंपरिक खेती के तरीकों का उपयोग शामिल है।
- उद्देश्य: स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल खेती और आत्मनिर्भरता।
- उदाहरण: हिमालयी क्षेत्रों में जूम खेती, राजस्थान में बावर प्रणाली।
- आधुनिक पद्धतियाँ (Modern Practices):
- आधुनिक पद्धतियों में उन्नत तकनीक, उच्च उपज देने वाले बीज, रासायनिक उर्वरक, और कीटनाशकों का उपयोग होता है।
- इसका उद्देश्य उत्पादन में वृद्धि और किसानों की आय बढ़ाना है।
- उदाहरण: हरित क्रांति के दौरान उन्नत बीजों और सिंचाई तकनीकों का उपयोग, आधुनिक ट्रैक्टर और मशीनों का उपयोग।
फसल पद्धति में बदलाव (Changes in Cropping Systems)
- मल्टीक्रॉपिंग (Multi cropping):
- मल्टीक्रॉपिंग में एक ही खेत में एक वर्ष के दौरान एक से अधिक फसलें उगाई जाती हैं।
- उद्देश्य: भूमि की उत्पादकता बढ़ाना और जोखिम को कम करना।
- उदाहरण: एक खेत में रबी सीजन में गेहूं और खरीफ सीजन में धान उगाना।
- इंटरक्रॉपिंग (Intercropping):
- इंटरक्रॉपिंग में मुख्य फसल के साथ सहायक फसलें उगाई जाती हैं।
- उद्देश्य: भूमि का अधिकतम उपयोग करना, उत्पादन बढ़ाना, और फसलों के बीच सहजीविता का लाभ उठाना।
- उदाहरण: गन्ने के साथ मूंगफली की खेती, मक्का के साथ मूंग या उरद की खेती।
फसल पद्धतियों का महत्व और लाभ
- मिट्टी की उर्वरता में सुधार (Improving Soil Fertility):
- जैविक कृषि और मल्टीक्रॉपिंग जैसी पद्धतियाँ मृदा की उर्वरता को बनाए रखने और सुधारने में मदद करती हैं।
- उदाहरण: दलहनी फसलों का इंटरक्रॉपिंग में उपयोग नाइट्रोजन स्थिरीकरण में मदद करता है।
- पर्यावरण संरक्षण (Environmental Conservation):
- जैविक कृषि और पारंपरिक पद्धतियाँ पर्यावरण के अनुकूल होती हैं और जैव विविधता को बनाए रखने में सहायक होती हैं।
- उदाहरण: जैविक कीटनाशकों का उपयोग पर्यावरण प्रदूषण को कम करता है।
- आर्थिक लाभ (Economic Benefits):
- मल्टीक्रॉपिंग और इंटरक्रॉपिंग से कुल उत्पादन और आय में वृद्धि होती है।
- उदाहरण: विभिन्न फसलों से किसानों को अलग-अलग समय पर आय प्राप्त होती है, जिससे उनकी वित्तीय स्थिरता बनी रहती है।
- खाद्य सुरक्षा (Food Security):
- विविध फसलों की खेती खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने में मदद करती है।
- उदाहरण: एक खेत में विभिन्न फसलों की खेती से खाद्य उत्पादों की उपलब्धता बढ़ती है।
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