एक अच्छी कर व्यवस्था (Good Tax System) वह है जो न केवल सरकार के राजस्व को बढ़ाने में सक्षम हो, बल्कि आर्थिक विकास, सामाजिक न्याय, और कर अनुपालन को भी प्रोत्साहित करे। अच्छी कर व्यवस्था के निम्नलिखित गुण होते हैं:
1. निष्पक्षता (Equity)
- क्षैतिज निष्पक्षता (Horizontal Equity): एक ही आय या संपत्ति के स्तर वाले व्यक्तियों को समान कर देना चाहिए।
- लंबवत निष्पक्षता (Vertical Equity): अधिक आय या संपत्ति वाले व्यक्तियों को अधिक कर देना चाहिए, जिससे आय असमानता कम हो सके।
2. सरलता (Simplicity)
- कर प्रणाली को सरल और समझने में आसान होना चाहिए ताकि करदाता आसानी से कर का भुगतान कर सकें और कर अनुपालन सुनिश्चित कर सकें।
- जटिल कर नियम और प्रक्रियाएं कर चोरी और कर से बचने के प्रयासों को बढ़ावा देती हैं।
3. किफ़ायती (Economical)
- कर संग्रहण प्रक्रिया को सस्ता और प्रभावी बनाना चाहिए। कर संग्रहण की लागत न्यूनतम होनी चाहिए ताकि अधिकतम राजस्व जुटाया जा सके।
4. लचीला (Elasticity)
- कर प्रणाली को आर्थिक परिस्थितियों के अनुसार लचीला होना चाहिए। यह आय और व्यय के स्तर के साथ बदलना चाहिए ताकि सरकार की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
5. स्थिरता (Stability)
- कर दरों और नियमों में बार-बार परिवर्तन नहीं होना चाहिए। इससे करदाताओं को पूर्वानुमान लगाने और वित्तीय योजना बनाने में आसानी होती है।
6. पारदर्शिता (Transparency)
- कर प्रणाली पारदर्शी होनी चाहिए। कर दरें और कर नियम स्पष्ट और सार्वजनिक होनी चाहिए ताकि करदाताओं को पता हो कि उन्हें कितना और क्यों कर देना है।
7. प्रशासनिक दक्षता (Administrative Efficiency)
- कर प्रशासन को दक्ष और कुशल बनाना चाहिए ताकि कर संग्रहण और अनुपालन की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके।
- कर अधिकारियों का प्रशिक्षण और तकनीकी साधनों का उपयोग कर संग्रहण की दक्षता को बढ़ा सकता है।
8. प्रोत्साहन (Incentives)
- कर प्रणाली को निवेश, बचत, और उत्पादन को प्रोत्साहित करना चाहिए। कर में छूट और प्रोत्साहन योजनाओं का उपयोग किया जा सकता है।
9. व्यापकता (Broad Base)
- कराधान का आधार व्यापक होना चाहिए ताकि राजस्व जुटाने के लिए कम दरों का उपयोग किया जा सके और कर का बोझ एक वर्ग विशेष पर न पड़े।
- विविध स्रोतों से कर जुटाना चाहिए जैसे कि आयकर, संपत्ति कर, और उपभोग कर।
10. न्याय (Fairness)
- कर प्रणाली न्यायसंगत होनी चाहिए। इसमें किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए और सभी करदाताओं को समान रूप से कानून के अनुसार कर देना चाहिए।
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