ब्रिक्स बैंक, जिसे आधिकारिक रूप से न्यू डेवलपमेंट बैंक (New Development Bank – NDB) कहा जाता है, ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, और दक्षिण अफ्रीका) द्वारा स्थापित एक बहुपक्षीय विकास बैंक है। इसका मुख्य उद्देश्य सदस्य देशों और अन्य विकासशील देशों के लिए बुनियादी ढांचे और सतत विकास परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
मुख्य विशेषताएँ और उद्देश्य:
- स्थापना और उद्देश्य:
- ब्रिक्स बैंक की स्थापना 2014 में हुई थी।
- इसका उद्देश्य विकासशील देशों में बुनियादी ढांचे और सतत विकास परियोजनाओं के लिए वित्तीय संसाधनों को जुटाना और वितरित करना है।
- सदस्य देश:
- ब्रिक्स बैंक के संस्थापक सदस्य ब्राजील, रूस, भारत, चीन, और दक्षिण अफ्रीका हैं।
- यह बैंक अन्य विकासशील देशों के लिए भी खुला है जो इसके सदस्य बन सकते हैं।
- पूंजी और वित्तीय सहायता:
- ब्रिक्स बैंक की प्रारंभिक अधिकृत पूंजी $100 अरब अमेरिकी डॉलर है।
- यह बैंक सदस्य देशों को ऋण, गारंटी, इक्विटी निवेश, और अन्य वित्तीय उत्पाद प्रदान करता है।
- परियोजनाएँ और प्राथमिकताएँ:
- ब्रिक्स बैंक का मुख्य ध्यान बुनियादी ढांचा विकास, ऊर्जा, परिवहन, जल संसाधन प्रबंधन, और सतत विकास पर है।
- यह पर्यावरणीय और सामाजिक स्थिरता को प्रोत्साहित करने के लिए सतत विकास परियोजनाओं का समर्थन करता है।
- भारत और ब्रिक्स बैंक:
- भारत ब्रिक्स बैंक का एक महत्वपूर्ण सदस्य है और इसके संचालन और परियोजनाओं में सक्रिय भूमिका निभाता है।
- भारत में ब्रिक्स बैंक द्वारा वित्त पोषित परियोजनाएँ बुनियादी ढांचे के विकास और सतत विकास को बढ़ावा देने में मदद करती हैं।
बैंक की मुख्य विशेषताएं:
- समान मतदान शक्ति: प्रत्येक सदस्य देश का बैंक में समान मतदान अधिकार होता है।
- परियोजना-आधारित ऋण: बैंक केवल विशिष्ट परियोजनाओं को ऋण प्रदान करता है, नीतिगत ऋण नहीं।
- तेज़ निर्णय लेने की प्रक्रिया: बैंक का उद्देश्य ऋण आवेदनों पर तेज़ी से निर्णय लेना है।
- बहु मुद्रा: बैंक ऋण प्रदान करने के लिए विभिन्न मुद्राओं का उपयोग करता है।
बैंक की उपलब्धियां:
- बैंक ने विभिन्न क्षेत्रों में कई परियोजनाओं को वित्तपोषित किया है, जिसमें ऊर्जा, परिवहन, जल और स्वच्छता और संचार शामिल हैं।
- बैंक ने विकासशील देशों के लिए वैकल्पिक वित्तपोषण स्रोत प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- बैंक ने वैश्विक वित्तीय प्रणाली में बहुध्रुवीयता को बढ़ावा देने में मदद की है।
चुनौतियां:
- बैंक को अपनी वैश्विक पहुंच और प्रभाव का विस्तार करने की आवश्यकता है।
- बैंक को अपनी परियोजनाओं के पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभावों को संबोधित करने की आवश्यकता है।
- बैंक को अन्य बहुपक्षीय विकास बैंकों के साथ बेहतर तालमेल स्थापित करने की आवश्यकता है।
भारत और NDB:
- भारत NDB का संस्थापक सदस्य है और बैंक के गवर्नर बोर्ड में प्रतिनिधित्व करता है।
- भारत ने NDB में $10 बिलियन का योगदान दिया है।
- भारत ने NDB द्वारा वित्तपोषित कई परियोजनाओं से लाभान्वित हुआ है।
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