भारतीय मरुस्थलों, विशेष रूप से थार और कच्छ में, विभिन्न प्रकार की वनस्पतियाँ पाई जाती हैं, जो इस क्षेत्र की शुष्क जलवायु और कठोर परिस्थितियों के अनुसार विकसित हुई हैं।
यहाँ पर पाए जाने वाले प्रमुख वनस्पति के प्रकार निम्नलिखित हैं:
1. कंटीली झाड़ियाँ (Thorny Shrubs)
- विशेषताएँ: ये झाड़ियाँ शुष्क परिस्थितियों में जीवित रहने के लिए विकसित हुई हैं और इनमें कांटे होते हैं, जो उन्हें चरम मौसम से बचाने में मदद करते हैं।
- उदाहरण:
- बबूल (Acacia): इसकी प्रजातियाँ जैसे Acacia nilotica, Acacia senegal बहुत आम हैं।
- कांटेदार झाड़ियाँ: जैसे कि कैरवा (Capparis decidua) और जूफ (Ziziphus jujuba)।
2. सूखी घास (Dry Grasses)
- विशेषताएँ: ये घासें सूखे मौसम में उगती हैं और कम पानी की आवश्यकता होती है।
- उदाहरण:
- द्रव्य घास (Cenchrus): इस घास की प्रजातियाँ जैसे Cenchrus setaceus और Cenchrus ciliaris आम हैं।
3. सुखी पत्तेदार पौधे (Succulent Plants)
- विशेषताएँ: ये पौधे पानी को अपने तनों और पत्तियों में संग्रहित करते हैं, जिससे वे शुष्क परिस्थितियों में जीवित रह सकते हैं।
- उदाहरण:
- कैक्टस (Cacti): जैसे कि Opuntia spp. जो सूखे में जीवित रहने के लिए जाने जाते हैं।
4. जड़ी-बूटियाँ (Herbs)
- विशेषताएँ: ये छोटी और नाजुक होती हैं, और अक्सर बारिश के मौसम में उगती हैं।
- उदाहरण:
- चक्रफूल (Chrysopogon): ये जड़ी-बूटियाँ सामान्यत: ठंडी और बारिश के मौसम में उगती हैं।
5. पशु-चरित पौधे (Animal-Resistant Plants)
- विशेषताएँ: ये पौधे ऐसे होते हैं जो अपने स्वाद या रासायनिक संरचना के कारण जानवरों द्वारा नहीं खाए जाते।
- उदाहरण:
- जैविक पौधे (Biodynamic plants): जैसे कि लहसुन और प्याज, जो कीटों और अन्य जानवरों से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
6. रेगिस्तानी फलदार पौधे (Desert Fruit Plants)
- विशेषताएँ: ये पौधे ऐसे फल पैदा करते हैं जो सूखे में भी जीवित रह सकते हैं।
- उदाहरण:
- खजूर (Phoenix dactylifera): यह विशेष रूप से थार में पाया जाता है और इसके फलों का स्थानीय अर्थव्यवस्था में महत्व है।
7. अधिकतम जल सहिष्णुता वाले पौधे (Halophytes)
- विशेषताएँ: ये पौधे नमकीन भूमि में उगते हैं और उच्च नमक सहिष्णुता के लिए जाने जाते हैं।
- उदाहरण:
- साल्टी प्लांट (Salicornia): जो नमकीन जलवायु में उगता है।
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