आर्कियन संरचनाएँ (Archaean Formations)
परिचय: आर्कियन संरचनाएँ (Archaean Formations) भूवैज्ञानिक कालक्रम में पृथ्वी के सबसे प्राचीन हिस्सों का निर्माण करती हैं। ये संरचनाएँ आर्कियन युग से संबंधित हैं, जो पृथ्वी के इतिहास का एक अत्यंत प्राचीन युग था, लगभग 4 अरब से 2.5 अरब वर्ष पहले। आर्कियन संरचनाएँ पृथ्वी की सबसे पुरानी चट्टानों का समूह हैं, जिनसे न केवल पृथ्वी की प्रारंभिक संरचना और विकास का पता चलता है, बल्कि ये महत्वपूर्ण खनिज संसाधनों का स्रोत भी हैं।
1. आर्कियन युग (Archaean Eon):
- समय सीमा: 4 अरब से 2.5 अरब वर्ष पूर्व।
- पृथ्वी की स्थिति: यह युग पृथ्वी के प्रारंभिक विकास का समय था जब पृथ्वी की सतह ठंडी होकर ठोस हुई और महाद्वीपीय क्रस्ट का निर्माण हुआ। इस दौरान वायुमंडल में ऑक्सीजन की बहुत कमी थी, और जीवन के प्रारंभिक रूपों का विकास हो रहा था।
- जलवायु और वातावरण: वायुमंडल में मुख्यतः कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और अन्य गैसें थीं, और ऑक्सीजन की मात्रा बहुत कम थी। जलवायु अत्यधिक गर्म थी।
2. मुख्य आर्कियन संरचनाएँ:
आर्कियन संरचनाएँ पृथ्वी की सबसे पुरानी चट्टानों से बनी होती हैं, जिनमें प्रमुख रूप से कायांतरित (metamorphic) और आग्नेय (igneous) चट्टानें शामिल होती हैं। इन संरचनाओं का गठन भूगर्भीय प्लेटों की हलचल और ज्वालामुखीय गतिविधियों के कारण हुआ।
- ग्रीनस्टोन बेल्ट्स (Greenstone Belts):
- ये आर्कियन युग की प्रमुख संरचनाएँ हैं, जिनमें कायांतरित और आग्नेय चट्टानों का समूह पाया जाता है।
- ये बेल्ट मुख्यतः बेसाल्ट, शेल, ग्रेनाइट और अन्य आग्नेय चट्टानों से बने होते हैं।
- ग्रीनस्टोन बेल्ट्स का निर्माण ज्वालामुखीय गतिविधियों और तलछटी चट्टानों के संघटन से हुआ है।
- इन बेल्ट्स में सोने, लोहे और अन्य धातुओं की प्रचुरता होती है, जो इन्हें खनिज संसाधनों का एक महत्वपूर्ण स्रोत बनाते हैं।
- उदाहरण: धारवाड़ ग्रीनस्टोन बेल्ट (भारत), अबितीबी ग्रीनस्टोन बेल्ट (कनाडा), और यिलगर्न ग्रीनस्टोन बेल्ट (ऑस्ट्रेलिया)।
- ग्रेनाइट-ग्नाइस परिसरों (Granite-Gneiss Complexes):
- आर्कियन संरचनाओं में ग्रेनाइट और ग्नाइस चट्टानों का प्रमुख स्थान है। ये चट्टानें अत्यधिक कायांतरित होती हैं और बहुत कठोर होती हैं।
- ग्रेनाइट-ग्नाइस परिसरों में कई प्रकार के खनिज पाए जाते हैं, जैसे क्वार्ट्ज, फेल्डस्पार, और मिकास।
- ये संरचनाएँ पृथ्वी के प्रारंभिक महाद्वीपीय क्रस्ट का मुख्य हिस्सा हैं।
- उदाहरण: भारत के सिंहभूम और धारवाड़ क्षेत्र में ग्रेनाइट-ग्नाइस संरचनाएँ प्रमुख रूप से पाई जाती हैं।
- प्राचीन प्लेट विवर्तनिकी (Plate Tectonics):
- आर्कियन काल के दौरान भूगर्भीय प्लेटों की गतिविधियों के कारण महाद्वीपीय क्रस्ट का गठन हुआ। प्लेट विवर्तनिकी ने महाद्वीपों और महासागरों की प्रारंभिक संरचनाओं को आकार दिया।
- महाद्वीपीय प्लेटों के बीच टकराव और विवर्तनिकी प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप पर्वत श्रृंखलाएँ और घाटियाँ बनीं।
- आर्कियन युग की चट्टानों में प्लूटोनिक और वोल्कैनिक प्रक्रियाओं के स्पष्ट संकेत मिलते हैं।
3. भारत में आर्कियन संरचनाएँ:
- धारवाड़ क्रेटन (Dharwar Craton):
- धारवाड़ क्रेटन दक्षिण भारत में स्थित है और यह आर्कियन युग की चट्टानों से बना हुआ है।
- यह क्षेत्र सोने और लौह अयस्क जैसे खनिज संसाधनों के लिए प्रसिद्ध है।
- इस क्रेटन में ग्रीनस्टोन बेल्ट्स और ग्रेनाइट-ग्नाइस चट्टानों की उपस्थिति है।
- सिंहभूम क्रेटन (Singhbhum Craton):
- यह झारखंड में स्थित है और यहाँ पर आर्कियन युग की पुरातन चट्टानें पाई जाती हैं।
- सिंहभूम क्रेटन लौह अयस्क, तांबा और अन्य धातुओं के लिए प्रसिद्ध है।
- बस्तर क्रेटन (Bastar Craton):
- यह मध्य भारत में स्थित है और इसमें भी आर्कियन युग की चट्टानों की उपस्थिति है। यहाँ ग्रीनस्टोन बेल्ट्स पाए जाते हैं जो प्रमुख रूप से धात्विक संसाधनों का स्रोत हैं।
4. खनिज संसाधन:
आर्कियन संरचनाएँ खनिज संसाधनों में समृद्ध होती हैं। ये संरचनाएँ सोना, तांबा, लौह अयस्क, और हीरा जैसी धातुओं और खनिजों का प्रमुख स्रोत होती हैं।
- सोना: ग्रीनस्टोन बेल्ट्स में सोने की प्रचुरता होती है, विशेष रूप से धारवाड़ ग्रीनस्टोन बेल्ट में।
- लौह अयस्क: सिंहभूम और धारवाड़ क्षेत्र में लौह अयस्क के विशाल भंडार पाए जाते हैं।
- तांबा: सिंहभूम क्रेटन तांबे का एक प्रमुख स्रोत है।
- हीरे: आर्कियन संरचनाओं में हीरे भी पाए जाते हैं, विशेष रूप से दक्षिण अफ्रीका के क्रेटन क्षेत्रों में।
5. जीवाश्म और प्रारंभिक जीवन:
आर्कियन युग में सबसे प्रारंभिक जीवन का उदय हुआ। इस समय पृथ्वी पर सूक्ष्मजीव (माइक्रोब्स) और साइनोबैक्टीरिया (Cyanobacteria) जैसे जीवन रूप उत्पन्न हुए। इन सूक्ष्मजीवों द्वारा प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया शुरू हुई, जिसने वायुमंडल में ऑक्सीजन का उत्पादन किया।
- स्ट्रोमेटोलाइट्स (Stromatolites): यह साइनोबैक्टीरिया द्वारा बनाई गई संरचनाएँ हैं, जो पृथ्वी पर सबसे पुराने ज्ञात जीवाश्मों में से एक हैं। ये प्रारंभिक जीवन के प्रमाण देते हैं।
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