धारवार प्रणाली, जो भारत की सबसे प्राचीन भूवैज्ञानिक संरचनाओं में से एक है, विभिन्न प्रकार के महत्त्वपूर्ण खनिज संसाधनों से समृद्ध है। इस प्रणाली में लगभग 3.3 से 3.5 अरब वर्ष पुरानी चट्टानें पाई जाती हैं, और इनमें कई आर्थिक और औद्योगिक दृष्टि से महत्वपूर्ण खनिजों का भंडार है। धारवार प्रणाली के खनिजों का अध्ययन निम्नलिखित बिंदुओं में किया जा सकता है:
1. लौह अयस्क (Iron Ore)
धारवार प्रणाली में लौह अयस्क के बड़े भंडार पाए जाते हैं, जो मुख्य रूप से कर्नाटक के बेल्लारी, चिक्कमगलूर, और शिमोगा जिलों में केंद्रित हैं। हेमेटाइट और मैग्नेटाइट यहाँ के मुख्य लौह खनिज हैं। लौह अयस्क का उपयोग इस्पात निर्माण और अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में किया जाता है, जिससे यह क्षेत्र भारतीय इस्पात उद्योग के लिए एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है।
2. सोना (Gold)
धारवार प्रणाली का सोने के खनन में विशेष स्थान है। विशेष रूप से, कर्नाटक का कोलार गोल्ड फील्ड और हत्ती गोल्ड माइंस सोने की खदानों के लिए प्रसिद्ध है। इन क्षेत्रों में प्राचीन समय से सोने का खनन किया जा रहा है, और यहाँ की चट्टानों में सोने के अंश मिले हैं। धारवार प्रणाली का यह खनिज क्षेत्र भारत में सोने के सबसे समृद्ध स्रोतों में से एक माना जाता है।
3. मैंगनीज (Manganese)
धारवार क्षेत्र में मैंगनीज के भी अच्छे भंडार पाए जाते हैं, जो मुख्यतः बैटरी, इस्पात उत्पादन, और रसायन उद्योग में प्रयोग किए जाते हैं। धारवार में पाया जाने वाला मैंगनीज खनिज उच्च गुणवत्ता का होता है और कई औद्योगिक प्रक्रियाओं में सहायक होता है।
4. तांबा (Copper)
धारवार क्षेत्र में तांबे के भंडार भी पाए जाते हैं, जो बिजली और संचार उपकरणों में एक प्रमुख धातु के रूप में उपयोग किए जाते हैं। धारवार में तांबे की उपस्थिति का प्रमाण मिलता है, और यह क्षेत्र भारतीय तांबा उद्योग के लिए एक आवश्यक स्रोत है।
5. बॉक्साइट (Bauxite)
धारवार प्रणाली के कुछ क्षेत्रों में बॉक्साइट, जो एल्यूमिनियम का प्रमुख अयस्क है, पाया जाता है। बॉक्साइट का उपयोग एयरोस्पेस, ऑटोमोटिव, और निर्माण उद्योग में एल्यूमिनियम उत्पादन के लिए किया जाता है। इस खनिज की उपस्थिति धारवार क्षेत्र को आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण बनाती है।
6. क्रोमाइट (Chromite)
धारवार प्रणाली में क्रोमाइट के कुछ भंडार भी पाए जाते हैं, जो स्टेनलेस स्टील उत्पादन में उपयोगी होते हैं। क्रोमाइट का उपयोग रसायन उद्योग में और विभिन्न मिश्र धातुओं में किया जाता है, और धारवार में इसका पाया जाना इस क्षेत्र को और अधिक महत्त्वपूर्ण बनाता है।
7. चूना पत्थर (Limestone)
चूना पत्थर का भंडार धारवार क्षेत्र में व्यापक रूप से फैला है। चूना पत्थर का उपयोग मुख्यतः सीमेंट उद्योग में किया जाता है और इसे निर्माण सामग्री के रूप में भी उपयोग किया जाता है। यह खनिज इस क्षेत्र के आर्थिक और औद्योगिक विकास में सहायक है।
8. ग्रेफाइट (Graphite)
धारवार प्रणाली में ग्रेफाइट भी पाया जाता है, जिसका उपयोग पेंसिल निर्माण, बैटरियों, और इलेक्ट्रोड में किया जाता है। ग्रेफाइट का विशेष गुण इसकी उच्च तापीय और विद्युत चालकता है, जो इसे कई तकनीकी उपयोगों के लिए उपयुक्त बनाता है।
9. अलौह धातु खनिज (Non-Ferrous Minerals)
धारवार प्रणाली में कुछ अलौह धातु खनिज, जैसे कि लेड और जिंक भी पाए जाते हैं। ये धातुएँ विभिन्न उद्योगों में उपयोगी होती हैं और धारवार प्रणाली को एक बहुमूल्य खनिज स्रोत बनाती हैं।
10. अभ्रक (Mica)
धारवार में अभ्रक का भी उल्लेखनीय भंडार है। अभ्रक का उपयोग मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक उद्योग, सौंदर्य प्रसाधन, और इन्सुलेशन में किया जाता है। धारवार में पाए जाने वाले अभ्रक खनिज का भारतीय उद्योगों में विशेष महत्व है।
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