धारवार क्षेत्र (Dharwar Region) कर्नाटका राज्य के उत्तर भाग में स्थित है और यह प्राचीन सभ्यताओं के अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है। इस क्षेत्र का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व इसकी प्राचीन सभ्यताओं, जैसे कि इंद्र सभ्यता, चालुक्य, और होयसालों के माध्यम से समझा जा सकता है। यहाँ इस क्षेत्र में प्राचीन सभ्यताओं का अध्ययन विस्तार से किया गया है:
1. सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization)
- स्थान: धारवार क्षेत्र की निकटता में,सिंधु घाटी सभ्यता का प्रभाव देखने को मिलता है, जो कि हड़प्पा और मोहनजोदड़ो तक फैला हुआ था।
- विशेषताएँ:
- शहरी योजना: सिंधु घाटी सभ्यता के शहरों में सड़कों का सुव्यवस्थित नेटवर्क और जल निकासी प्रणाली थी। धारवार क्षेत्र में भी इस प्रकार के विकास के प्रमाण मिलते हैं।
- कला और शिल्प: यहाँ की संस्कृति में ज्वेलरी और बर्तन बनाने की कला का विकास हुआ। प्राचीन कलाकृतियों और कलाओं के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
2. चालुक्य साम्राज्य (Chalukya Dynasty)
- स्थान: चालुक्य साम्राज्य का मुख्यालय धारवार क्षेत्र में था, विशेष रूप से Badami, Aihole, और Pattadakal में।
- विशेषताएँ:
- वास्तुकला: चालुक्य काल की मंदिर वास्तुकला अद्वितीय थी, जिसमें शिल्पकला और वास्तुशिल्प के उत्कृष्ट उदाहरण देखने को मिलते हैं।
- धर्म: इस काल में हिंदू धर्म के विभिन्न रूपों के विकास के साथ-साथ जैन धर्म का भी प्रभाव रहा।
3. होयसाला साम्राज्य (Hoysala Dynasty)
- स्थान: धारवार क्षेत्र के पास होयसाला साम्राज्य का प्रभाव था, जिसका केंद्र Dwarasamudra (मदुरै) था।
- विशेषताएँ:
- कला और संस्कृति: होयसाला साम्राज्य ने शानदार मंदिरों का निर्माण किया, जैसे कि हलेबिड और सृषिलिंगेश्वर। इन मंदिरों की शिल्पकला और नक्काशी अद्वितीय हैं।
- साहित्य: इस काल में कन्नड़ साहित्य का विकास हुआ, जिसमें काव्य और नाटक का विशेष स्थान था।
4. प्राचीन शिल्प और संस्कृति
- धारवार क्षेत्र में शिल्पकला: यहाँ की प्राचीन सभ्यताओं में शिल्पकला, मिट्टी के बर्तन, और ज्वेलरी बनाने की परंपरा थी। कई पुरातात्त्विक स्थल, जैसे कि Dharwad और Hubli, में प्राचीन वस्तुएँ और कलाकृतियाँ मिली हैं।
- सामाजिक संरचना: प्राचीन समाज में कृषि, व्यापार, और वाणिज्य का विकास हुआ। यहाँ के निवासियों की सामाजिक संरचना में विभाजन और वर्गीकरण देखने को मिलता है।
5. धार्मिक स्थल और पूजा-पद्धतियाँ
- प्राचीन मंदिर: धारवार क्षेत्र में कई प्राचीन मंदिर हैं, जो विभिन्न धर्मों के प्रभाव को दर्शाते हैं। जैसे कि महादेव मंदिर और जैन मंदिर, जो यहाँ की धार्मिक विविधता को दर्शाते हैं।
- पौराणिक कथाएँ: धारवार क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत में कई पौराणिक कथाएँ और मिथक शामिल हैं, जो स्थानीय धार्मिकता और परंपराओं को प्रभावित करते हैं।
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