धारवार प्रणाली की चट्टानें (Rocks of the Dharwar System)
धारवार प्रणाली (Dharwar System) भारतीय उपमहाद्वीप के प्राचीन भूगर्भीय गठन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो मुख्यतः प्रोटेरोजोइक युग में विकसित हुई थी। इस प्रणाली की चट्टानें मुख्य रूप से आग्नेय, कायांतरित और तलछटी चट्टानों का संयोजन हैं। यहाँ कुछ प्रमुख चट्टानों का विवरण दिया गया है:
1. ग्नाइस (Gneiss)
- विशेषताएँ:
- यह एक कायांतरित चट्टान है, जिसमें स्पष्ट रूप से परतें (foliation) होती हैं।
- इसकी बनावट हल्की और गहरे रंग की होती है, जिसमें क्वार्ट्ज, फेल्डस्पार और मिका जैसे खनिज होते हैं।
- उपयोग:
- निर्माण में उपयोग किया जाता है, जैसे इमारतों और सड़कों में।
- इसे सजावटी पत्थर के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।
2. क्वार्ट्जाइट (Quartzite)
- विशेषताएँ:
- यह एक कायांतरित चट्टान है, जो बलुआ पत्थर (sandstone) के कायांतरण से बनती है।
- यह अत्यधिक कठोर होती है और इसमें मुख्यतः क्वार्ट्ज खनिज होता है।
- उपयोग:
- निर्माण कार्यों में उपयोग किया जाता है, जैसे फर्श की टाइलें और इमारतों में।
- इसका उपयोग सजावटी कार्यों में भी किया जाता है।
3. बासाल्ट (Basalt)
- विशेषताएँ:
- यह एक बहिर्मुखी आग्नेय चट्टान है, जो लावा के ठंडा होने से बनती है।
- इसका रंग गहरा होता है और इसमें मैग्नीशियम और आयरन की अधिकता होती है।
- उपयोग:
- निर्माण में उपयोग किया जाता है, जैसे सड़कों और फर्श की टाइलें।
- इसका उपयोग निर्माण सामग्री के रूप में भी किया जाता है।
4. ग्रेनाइट (Granite)
- विशेषताएँ:
- यह एक अंतर्मुखी आग्नेय चट्टान है, जिसमें क्वार्ट्ज, फेल्डस्पार और मिका होते हैं।
- इसका रंग हल्का होता है और इसमें बड़े क्रिस्टल होते हैं।
- उपयोग:
- निर्माण में उपयोग किया जाता है, जैसे इमारतों, स्मारकों, और रसोई के काउंटर में।
- इसे सजावटी पत्थर के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।
5. फेल्साइट (Felsite)
- विशेषताएँ:
- यह एक हल्की रंग की आग्नेय चट्टान है, जो छोटे क्रिस्टल में दिखाई देती है।
- इसमें मुख्य रूप से फेल्डस्पार और क्वार्ट्ज होते हैं।
- उपयोग:
- निर्माण में उपयोग किया जाता है, विशेष रूप से सजावटी कार्यों में।
6. स्लेट (Slate)
- विशेषताएँ:
- यह एक कायांतरित चट्टान है, जो शेल (shale) के कायांतरण से बनती है।
- इसकी परतें पतली और स्पष्ट होती हैं, जिससे इसे आसानी से अलग किया जा सकता है।
- उपयोग:
- इसका उपयोग छत की टाइलों और फर्श के लिए किया जाता है।
7. इंडोरेनाइट (Indurite)
- विशेषताएँ:
- यह एक कठिन चट्टान है, जो धातु के खनिजों के उच्च मात्रा के कारण बनती है।
- इसमें अक्सर लौह और मैंगनीज की अधिकता होती है।
- उपयोग:
- इसका उपयोग निर्माण में किया जाता है, विशेष रूप से खनिज संसाधनों के विकास में।
सारांश
धारवार प्रणाली की चट्टानें विभिन्न प्रकार की होती हैं और इनका निर्माण विभिन्न भूगर्भीय प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप होता है। ये चट्टानें न केवल भूगर्भीय अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनके औद्योगिक और निर्माण कार्यों में भी महत्वपूर्ण उपयोग होते हैं। इन चट्टानों का अध्ययन हमें पृथ्वी के विकास और भूगर्भीय इतिहास को समझने में मदद करता है।
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