भारत में नदी बेसिन न केवल जल संसाधनों का प्रबंधन करते हैं, बल्कि ये भूगोल, पारिस्थितिकी और संस्कृति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यहाँ भारत के प्रमुख नदी बेसिनों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया जा रहा है:
भारत में प्रमुख नदी बेसिनों का विस्तृत विवरण निम्नलिखित है, जिसमें उनके विशेषताओं, महत्व, और संबंधित नदियों का समावेश है:
1. गंगा बेसिन
- नदियाँ: गंगा, यमुना, घाघरा, गंडक, कोसी, बागमती, आदि।
- क्षेत्र: उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, और नेपाल के कुछ हिस्से।
- विशेषताएँ:
- गंगा भारत की सबसे लंबी नदी है और इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत अधिक है।
- यह बेसिन उपजाऊ अलुवीय मैदानों से भरा हुआ है, जो कृषि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- प्रमुख सहायक नदियाँ, विशेषकर बिहार में, मौसमी बाढ़ का कारण बनती हैं।
- महत्व:
- गंगा बेसिन कृषि, जल आपूर्ति, और जल विद्युत उत्पादन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
- यह क्षेत्र जैव विविधता के लिए भी महत्वपूर्ण है और विभिन्न पारिस्थितिकी तंत्रों का समर्थन करता है।
2. ब्रह्मपुत्र बेसिन
- नदियाँ: ब्रह्मपुत्र, तीस्ता नदी, धंसिरी, आदि।
- क्षेत्र: अरुणाचल प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, और बांग्लादेश का कुछ भाग।
- विशेषताएँ:
- यह नदी तिब्बत से यारलुंग त्सांगपो के रूप में निकलती है और असम के माध्यम से बहती है।
- ब्रह्मपुत्र का जलग्रहण क्षेत्र उच्च पर्वतीय क्षेत्रों से शुरू होकर समतल क्षेत्रों में फैलता है।
- महत्व:
- यह क्षेत्र जल संसाधनों का समृद्ध स्रोत है और इसे सिंचाई और जल विद्युत उत्पादन के लिए उपयोग किया जाता है।
- क्षेत्र की पारिस्थितिकी और कृषि के लिए महत्वपूर्ण है।
3. सरस्वती बेसिन
- नदियाँ: सरस्वती (प्रमुख रूप से प्राचीन) और यमुना।
- क्षेत्र: हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्से।
- विशेषताएँ:
- यह नदी प्राचीन काल में एक प्रमुख नदी थी, लेकिन अब यह सूख चुकी है।
- इसका जलग्रहण क्षेत्र मुख्य रूप से सूखने से पहले के ऐतिहासिक महत्व का है।
- महत्व:
- ऐतिहासिक संदर्भ में, यह क्षेत्र वैदिक सभ्यता का केंद्र रहा है।
4. ताप्ती बेसिन
- नदियाँ: ताप्ती।
- क्षेत्र: मध्य प्रदेश, गुजरात।
- विशेषताएँ:
- यह नदी पश्चिम की ओर बहती है और अरब सागर में मिलती है।
- ताप्ती का जलग्रहण क्षेत्र पहाड़ी क्षेत्रों और घाटियों से बना है।
- महत्व:
- ताप्ती नदी कृषि, जल आपूर्ति, और पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण है।
5. नर्मदा बेसिन
- नदियाँ: नर्मदा।
- क्षेत्र: मध्य प्रदेश, गुजरात।
- विशेषताएँ:
- यह नदी पश्चिम की ओर बहती है और अरब सागर में गिरती है।
- नर्मदा भारत की सबसे बड़ी नदी है जो पश्चिम की ओर बहती है।
- महत्व:
- यह क्षेत्र जलविद्युत उत्पादन और सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है।
6. माही बेसिन
- नदियाँ: माही।
- क्षेत्र: मध्य प्रदेश, राजस्थान, और गुजरात।
- विशेषताएँ:
- यह नदी उत्तर से दक्षिण की ओर बहती है, जो इसे अद्वितीय बनाता है।
- माही का जलग्रहण क्षेत्र पहाड़ी और घाटियों से भरा हुआ है।
- महत्व:
- माही नदी जल संसाधनों के लिए महत्वपूर्ण है और इसका उपयोग सिंचाई के लिए किया जाता है।
7. कावेरी बेसिन
- नदियाँ: कावेरी, काबिनी।
- क्षेत्र: कर्नाटक, तमिलनाडु।
- विशेषताएँ:
- कावेरी नदी दक्षिण भारत की प्रमुख नदियों में से एक है।
- इसका जलग्रहण क्षेत्र कृषि और जल विद्युत उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है।
- महत्व:
- कावेरी नदी का धार्मिक महत्व भी है, खासकर तमिलनाडु में।
8. गोदावरी बेसिन
- नदियाँ: गोदावरी, पेंगंगा।
- क्षेत्र: महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश।
- विशेषताएँ:
- यह भारत की दूसरी सबसे लंबी नदी है।
- गोदावरी का जलग्रहण क्षेत्र उपजाऊ है और इसमें जलवायु परिवर्तन का प्रभाव पड़ता है।
- महत्व:
- यह क्षेत्र जल आपूर्ति, सिंचाई, और जल विद्युत के लिए महत्वपूर्ण है।
9. महानदी बेसिन
- नदियाँ: महानदी।
- क्षेत्र: छत्तीसगढ़, ओडिशा।
- विशेषताएँ:
- महानदी का जलग्रहण क्षेत्र विस्तृत और विविध है।
- यह नदी कई जलाशयों और बांधों को पोषित करती है।
- महत्व:
- महानदी सिंचाई, जल विद्युत, और मछली पालन के लिए महत्वपूर्ण है।
10. सुबर्नरेखा बेसिन
- नदियाँ: सुबर्नरेखा।
- क्षेत्र: झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल।
- विशेषताएँ:
- यह नदी औद्योगिक गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण है।
- सुबर्नरेखा का जलग्रहण क्षेत्र खनिज संसाधनों से भरा हुआ है।
- महत्व:
- यह नदी क्षेत्र में सिंचाई और जल आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण है।
11. कृष्णा नदी बेसिन
- स्थान: दक्षिण भारत
- क्षेत्रफल: लगभग 258,948 किमी²
- मुख्य नदियाँ: कृष्णा, तुंगभद्रा, और अन्य सहायक नदियाँ।
- विशेषताएँ:
- कृष्णा नदी का उद्गम पश्चिमी घाट से होता है और यह आंध्र प्रदेश में बहती है।
- यह क्षेत्र की कृषि में महत्वपूर्ण योगदान करती है, विशेषकर धान और अन्य फसलों के लिए।
- कृष्णा नदी पर कई बड़े बाँध बनाए गए हैं, जो जल प्रबंधन में मदद करते हैं।
12. इंडस नदी बेसिन
- स्थान: उत्तर-पश्चिम भारत
- क्षेत्रफल: लगभग 1,165,000 किमी²
- मुख्य नदियाँ: इंडस , झेलम, चेनाब, रावी, ब्यास, और सतलज।
- विशेषताएँ:
- इंडस नदी का उद्गम तिब्बत के मानसरोवर से होता है और यह पाकिस्तान में बहती है।
- यह नदी क्षेत्र के सूखे और अर्ध-सूखे क्षेत्रों में जल प्रदान करती है और सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है।
- इंडस नदी का बेसिन ऐतिहासिक रूप से सिंधु घाटी सभ्यता का केंद्र रहा है।
नदी बेसिन का महत्व
- जल प्रबंधन: जल की उपलब्धता और गुणवत्ता के प्रबंधन में मदद करते हैं।
- पारिस्थितिकी संतुलन: जैव विविधता का संरक्षण और पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन में योगदान करते हैं।
- आर्थिक विकास: कृषि, उद्योग, और पर्यटन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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