कडप्पा प्रणाली (Kadappa System) पृथ्वी के भूगर्भीय इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखती है, और इसका संबंध अन्य भूगर्भीय संरचनाओं से जटिल भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं और समय के साथ बदलती भू-संरचनाओं के माध्यम से समझा जा सकता है। कडप्पा प्रणाली का गठन प्रीकैम्ब्रियन युग में हुआ था, जो इसे पृथ्वी के प्रारंभिक इतिहास का साक्षी बनाता है। इसका अन्य भूगर्भीय संरचनाओं से संबंध निम्नलिखित बिंदुओं में समझा जा सकता है:
1. धारवाड़ क्रेटोन से संबंध:
- कडप्पा प्रणाली का घनिष्ठ संबंध धारवाड़ क्रेटोन से है, जो भारत का प्राचीनतम भूगर्भीय आधारभूत प्लेट है। धारवाड़ क्रेटोन का निर्माण भी प्रीकैम्ब्रियन युग में हुआ था और यह कडप्पा प्रणाली के गठन की नींव के रूप में कार्य करता है।
- कडप्पा प्रणाली धारवाड़ क्रेटोन पर स्थित है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह प्रणाली धारवाड़ की चट्टानों के ऊपर बने अवसादी जमावों का परिणाम है। धारवाड़ क्रेटोन की चट्टानें मेटामॉर्फिक हैं, जबकि कडप्पा प्रणाली मुख्य रूप से अवसादी चट्टानों से बनी है।
2. विंध्यन प्रणाली से संबंध:
- कडप्पा प्रणाली की संरचना और काल का विंध्यन प्रणाली से भी संबंध है। विंध्यन प्रणाली भारत के उत्तरी भाग में अवस्थित है और प्रीकैम्ब्रियन युग के बाद की अवसादी चट्टानों का समूह है। दोनों प्रणालियों में अवसादन की प्रक्रिया समान है, जो प्राचीन महासागरों और नदियों में अवसादों के जमाव से बनी हैं।
- भूगर्भीय संरचना और चट्टानों के प्रकार के आधार पर कडप्पा और विंध्यन प्रणालियों के बीच समानताएं हैं। कडप्पा प्रणाली को दक्षिण भारत की प्रमुख अवसादी संरचना माना जाता है, जबकि विंध्यन प्रणाली उत्तरी भारत में अवस्थित है।
3. अर्कियन क्रेटोन से संबंध:
- कडप्पा प्रणाली का संबंध भारतीय उपमहाद्वीप के अर्कियन क्रेटोन से भी है। अर्कियन काल, जो लगभग 4,000 मिलियन से 2,500 मिलियन वर्ष पहले का है, पृथ्वी की प्राचीनतम चट्टानों के निर्माण का समय था। अर्कियन क्रेटोन की चट्टानों पर कडप्पा प्रणाली विकसित हुई है।
- अर्कियन क्रेटोन की स्थिरता और मजबूत भूगर्भीय संरचना के कारण कडप्पा प्रणाली में अवसादन की प्रक्रिया सुचारू रूप से हुई, जिससे इसकी चट्टानें लंबे समय तक संरक्षित रहीं।
4. सतपुड़ा और सिंगभूम क्रेटोन से संबंध:
- कडप्पा प्रणाली का संबंध पूर्वी भारत के सिंगभूम क्रेटोन और मध्य भारत की सतपुड़ा संरचना से भी जोड़ा जा सकता है। सिंगभूम क्रेटोन और सतपुड़ा क्षेत्र भी प्राचीन अवसादी और मेटामॉर्फिक चट्टानों से समृद्ध हैं। हालांकि ये क्षेत्र भूगर्भीय दृष्टिकोण से अलग-अलग हैं, फिर भी इनके गठन की प्रक्रियाओं में समानताएं पाई जाती हैं।
- सतपुड़ा प्रणाली, जो मुख्य रूप से गोंडवाना युग के दौरान विकसित हुई थी, और कडप्पा प्रणाली दोनों ही महाद्वीपीय प्लेटों की गतिविधियों और अवसादी प्रक्रियाओं से प्रभावित रही हैं।
5. टेक्टोनिक प्लेटों और महाद्वीपीय गतिविधियों का प्रभाव:
- कडप्पा प्रणाली का निर्माण विभिन्न टेक्टोनिक गतिविधियों के परिणामस्वरूप हुआ, जिनमें महाद्वीपीय प्लेटों की गति, उठने-गिरने की प्रक्रियाएं, और भूकंपीय घटनाएं शामिल हैं। यह अन्य भूगर्भीय संरचनाओं, जैसे धारवाड़ और सिंगभूम क्रेटोन, से सीधे या परोक्ष रूप से जुड़ा हुआ है।
- इन संरचनाओं के बीच संबंध यह दर्शाते हैं कि महाद्वीपीय प्लेटों की गतिविधियों ने भारतीय उपमहाद्वीप के भूगर्भीय इतिहास को आकार दिया और विभिन्न भूवैज्ञानिक संरचनाओं को जन्म दिया।
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