आर.एल. सिंह द्वारा भारतीय जलवायु का वर्गीकरण (1971) भारतीय जलवायु को समझने और वर्गीकृत करने के लिए एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण है, जिसे आर.एल. सिंह ने 1971 में प्रस्तुत किया था। उनका वर्गीकरण भारतीय जलवायु के विविध रूपों और पर्यावरणीय विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए किया गया था। इस वर्गीकरण में भारतीय जलवायु को विभिन्न प्रकार के जलवायु क्षेत्रों में बाँटा गया, जो तापमान, वर्षा, और अन्य पर्यावरणीय कारकों के आधार पर आधारित हैं।
आर.एल. सिंह का भारतीय जलवायु वर्गीकरण (1971)
आर.एल. सिंह ने भारतीय जलवायु को 7 प्रमुख जलवायु श्रेणियों में बाँटा, जो निम्नलिखित हैं:
1. उष्णकटिबंधीय वर्षा जलवायु (Tropical Rainy Climate)
- स्थान: दक्षिण भारत, पश्चिमी घाट, और पूर्वोत्तर भारत के अधिकतर क्षेत्र।
- विशेषताएँ:
- यह जलवायु श्रेणी उच्च वर्षा और उच्च तापमान वाले क्षेत्रों को शामिल करती है।
- वर्षा सामान्यतः 2000 मिमी से अधिक होती है, और पूरे वर्ष भर उच्च आर्द्रता होती है।
- वनस्पति: उष्णकटिबंधीय वर्षावन (Tropical Rainforest).
- उदाहरण: पश्चिमी घाट, चेरापूंजी (मेघालय), कर्नाटका और केरल।
2. उष्णकटिबंधीय मोनसूनी जलवायु (Tropical Monsoon Climate)
- स्थान: भारत के अधिकांश हिस्से, खासकर गंगा-ब्रह्मपुत्र बेसिन और मध्य भारत।
- विशेषताएँ:
- यहाँ का तापमान गर्म रहता है (25°C से 35°C), और वर्षा मुख्य रूप से मानसून के दौरान होती है।
- वर्षा 1000-2000 मिमी होती है, और यह मानसून की अवधि में होती है (जून से सितंबर)।
- वनस्पति: उष्णकटिबंधीय मोनसूनी वन (Tropical Monsoon Forest).
- उदाहरण: उत्तर भारत (उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश), पश्चिम बंगाल।
3. उष्णकटिबंधीय शुष्क जलवायु (Tropical Dry Climate)
- स्थान: भारत के शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों, जैसे राजस्थान, गुजरात और मध्य भारत।
- विशेषताएँ:
- वर्षा की मात्रा 500 मिमी से 1000 मिमी के बीच होती है, और यहाँ गर्मी के मौसम में तापमान 45°C तक पहुँच सकता है।
- सर्दियों में हल्की ठंडक होती है, जबकि गर्मियों में अत्यधिक गर्मी होती है।
- वनस्पति: शुष्क घास के मैदान और छोटे झाड़ियाँ।
- उदाहरण: राजस्थान, गुजरात, कच्छ, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्से।
4. उपोष्णकटिबंधीय जलवायु (Sub-Tropical Climate)
- स्थान: उत्तर भारत के कुछ हिस्से, जैसे हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, और पंजाब के कुछ हिस्से।
- विशेषताएँ:
- यह जलवायु श्रेणी गर्मियों में गर्म और सर्दियों में ठंडी होती है।
- वर्षा अधिकतर मानसून के दौरान होती है, लेकिन यहाँ की वर्षा अपेक्षाकृत कम होती है (500 मिमी से 1500 मिमी)।
- वनस्पति: शुष्क घास के मैदान और मिश्रित वन।
- उदाहरण: पंजाब, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड।
5. मध्य शीतोष्ण जलवायु (Mid-Latitude Temperate Climate)
- स्थान: हिमालय के उच्च इलाकों और कश्मीर घाटी में।
- विशेषताएँ:
- यह जलवायु ठंडी होती है और यहाँ बर्फबारी होती है।
- यहाँ की वनस्पति शीतोष्ण वन (Temperate Forest) होती है।
- शीतकाल में तापमान बहुत कम होता है, और यहाँ बर्फबारी भी होती है।
- उदाहरण: कश्मीर, मनाली, नैनीताल, शिमला।
6. उच्च पर्वतीय जलवायु (Highland Climate)
- स्थान: हिमालय के ऊँचे क्षेत्रों में, जैसे कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊँचे इलाकों में।
- विशेषताएँ:
- यहाँ का तापमान हमेशा ठंडा रहता है, और शीतकाल में बर्फबारी होती है।
- वर्षा मुख्यतः बर्फ के रूप में होती है।
- वनस्पति: शंकुधारी वन और बर्फीले क्षेत्र।
- उदाहरण: हिमालय के उच्चतम क्षेत्र, जैसे कश्मीर, उत्तराखंड के ऊँचे इलाकों।
7. रेगिस्तानी जलवायु (Desert Climate)
- स्थान: राजस्थान के थार मरुस्थल और गुजरात के कुछ हिस्से।
- विशेषताएँ:
- वर्षा बहुत कम होती है (100 मिमी से कम) और यहाँ गर्मी में तापमान 45°C तक पहुँच सकता है।
- यहाँ का तापमान उच्च गर्मी के दौरान बहुत बढ़ जाता है।
- वनस्पति: मरुस्थलीय वनस्पति, जैसे झाड़ियाँ और छोटे पेड़।
- उदाहरण: राजस्थान, कच्छ, थार मरुस्थल।
आर.एल. सिंह के वर्गीकरण का सारांश:
आर.एल. सिंह का वर्गीकरण भारतीय जलवायु की भौगोलिक और पर्यावरणीय विविधताओं को ध्यान में रखते हुए किया गया था। इसमें जलवायु के प्रकार, वर्षा के वितरण, तापमान और वनस्पति को प्रमुख मानक माना गया था। उनका यह वर्गीकरण भारतीय जलवायु के विशिष्ट रूपों को समझने के लिए एक सशक्त तरीका प्रदान करता है।
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