ज्वालामुखीय चट्टानें (Volcanic Rocks) वे चट्टानें हैं, जो ज्वालामुखीय गतिविधियों के दौरान उत्पन्न होती हैं। जब पृथ्वी के गर्भ में मौजूद मैग्मा बाहर निकलता है और ठंडा होकर जमता है, तब ज्वालामुखीय चट्टानों का निर्माण होता है। ये चट्टानें मुख्यतः बाह्य ज्वालामुखीय प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप बनती हैं और अपने भौतिक व रासायनिक गुणों के अनुसार कई प्रकारों में विभाजित होती हैं।
ज्वालामुखीय चट्टानों के प्रकार
- प्यूमिक्स (Pumice):
- निर्माण: प्यूमिक्स का निर्माण तब होता है जब अत्यधिक गैसों वाला मैग्मा अचानक ठंडा होता है, जिससे छिद्रयुक्त हल्की चट्टान बनती है।
- विशेषताएँ: यह तैरने की क्षमता वाली हल्की, छिद्रयुक्त चट्टान है, जो सफेद, हल्के भूरे या पीले रंग की होती है।
- उपयोग: इसका उपयोग पॉलिशिंग, निर्माण सामग्री, और सौंदर्य उत्पादों में किया जाता है।
- ऑब्सिडियन (Obsidian):
- निर्माण: यह तब बनती है जब सिलिका-युक्त मैग्मा तेजी से ठंडा हो जाता है और काँच जैसी संरचना प्राप्त करता है।
- विशेषताएँ: यह काला, चमकदार, और काँच जैसा दिखता है, लेकिन इसकी संरचना ठोस होती है।
- उपयोग: इसका उपयोग प्राचीन काल से औजार, हथियार, और शल्य चिकित्सा उपकरण बनाने में किया जाता है।
- बैसाल्ट (Basalt):
- निर्माण: बैसाल्ट तब बनता है जब लौह और मैग्नीशियम से भरपूर मैग्मा बाहर आकर तेजी से ठंडा होता है।
- विशेषताएँ: यह गहरे रंग का, ठोस और सघन चट्टान है, जो अक्सर समुद्री प्लेटों में पाया जाता है।
- उपयोग: इसका उपयोग निर्माण सामग्री और सड़कों के निर्माण में किया जाता है।
- रायोलाइट (Rhyolite):
- निर्माण: यह सिलिका-युक्त मैग्मा के ठंडा होने से बनती है, और इसकी संरचना फेल्सिक होती है।
- विशेषताएँ: यह हल्के रंग की चट्टान होती है जिसमें क्वार्ट्ज़ और फेल्डस्पार जैसे खनिज पाए जाते हैं।
- उपयोग: इसका उपयोग सजावटी पत्थरों, टाइल्स और निर्माण सामग्री में होता है।
- एन्डेसाइट (Andesite):
- निर्माण: यह मध्यम सिलिका-युक्त मैग्मा के ठंडा होने से बनती है और साधारणतया उपोष्णकटिबंधीय ज्वालामुखीय क्षेत्रों में पाई जाती है।
- विशेषताएँ: यह भूरे, हरे या धूसर रंग की चट्टान होती है और इसमें फेल्डस्पार और एम्फिबोल जैसे खनिज होते हैं।
- उपयोग: इसका उपयोग निर्माण कार्यों में किया जाता है।
ज्वालामुखीय चट्टानों का महत्व
- भूवैज्ञानिक अध्ययन: ज्वालामुखीय चट्टानें पृथ्वी की आंतरिक संरचना, तापमान, और भूवैज्ञानिक इतिहास के बारे में जानकारी देती हैं।
- उद्योग और निर्माण: इनका उपयोग विभिन्न औद्योगिक कार्यों, जैसे निर्माण, सजावट, और शल्य चिकित्सा उपकरणों में किया जाता है।
- खनिज स्रोत: इन चट्टानों में कई प्रकार के खनिज पाए जाते हैं, जो औद्योगिक कार्यों में उपयोगी होते हैं।
Leave a Reply