प्रोटेरोजोइक युग (Proterozoic Era)
प्रोटेरोजोइक युग, भूवैज्ञानिक समय का एक महत्वपूर्ण काल है, जो लगभग 2.5 बिलियन वर्ष पूर्व से लेकर 541 मिलियन वर्ष पूर्व तक फैला हुआ है। यह युग पूर्व कैम्ब्रियन युग का एक हिस्सा है और इसमें कई महत्वपूर्ण भूगर्भीय और जैविक घटनाएँ हुईं। प्रोटेरोजोइक युग में पृथ्वी का पर्यावरण और जीवन के प्रारंभिक रूपों का विकास हुआ।
प्रोटेरोजोइक युग की विशेषताएँ:
- कालखंड:
- प्रोटेरोजोइक युग में तीन मुख्य काल होते हैं:
- टोनियन (Tonian): 2.5 बिलियन से 1 बिलियन वर्ष पूर्व
- क्रायोजोइक (Cryogenian): 1 बिलियन से 720 मिलियन वर्ष पूर्व
- एडीआकरन (Ediacaran): 720 मिलियन से 541 मिलियन वर्ष पूर्व
- प्रोटेरोजोइक युग में तीन मुख्य काल होते हैं:
- भौगोलिक परिवर्तन:
- इस युग के दौरान महाद्वीपों का गठन और विघटन होता रहा। प्रारंभिक महाद्वीपों के निर्माण में भारी मात्रा में ग्रेनाइट और अन्य हल्की चट्टानों का निर्माण हुआ।
- क्रायोजोइक काल के दौरान “स्नोबॉल अर्थ” जैसी घटनाएँ हुईं, जब पूरी पृथ्वी बर्फ से ढक गई थी।
- ऑक्सीजन का संचय:
- प्रोटेरोजोइक युग में वायुमंडल में ऑक्सीजन का स्तर तेजी से बढ़ा, जो मुख्य रूप से साइनोबैक्टीरिया (जलीय जीवाणु) द्वारा fotosynthesis के परिणामस्वरूप हुआ।
- इस ऑक्सीजन क्रांति ने अन्य जीवों के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ बनाई, जिससे जटिल जीवन का विकास संभव हो सका।
- जीवों का विकास:
- प्रोटेरोजोइक युग में सूक्ष्मजीवों का विकास हुआ, जिसमें बैक्टीरिया और प्रोटिस्ट जैसे एककोशिकीय जीव शामिल हैं।
- एडीआकरन काल के अंत में, बहुकोशिकीय जीवों का विकास हुआ। इनमें से कुछ जीव जैसे एडीआकरन जीव (Ediacaran biota) विशेष रूप से महत्वपूर्ण थे, क्योंकि ये सबसे पहले ज्ञात बहुकोशिकीय जीव थे।
- महाद्वीपों का वितरण:
- इस युग में महाद्वीपों का स्थान और आकार बदलता रहा। सुपरकॉन्टिनेंट्स जैसे कि रोडिनिया (Rodinia) का निर्माण और टूटना इसी काल में हुआ।
- खनिजों का विकास:
- प्रोटेरोजोइक युग में खनिजों का भी विकास हुआ, जिसमें विभिन्न प्रकार के मेटल्स जैसे लोहे और निकेल का संचय हुआ।
प्रमुख घटनाएँ:
- ऑक्सीजन क्रांति:
यह घटना 2.5 बिलियन वर्ष पूर्व हुई, जब वायुमंडल में ऑक्सीजन की मात्रा में तेजी से वृद्धि हुई। यह प्रक्रिया ऑक्सीजन-उत्पादक बैक्टीरिया के विकास के कारण संभव हुई। - स्नोबॉल अर्थ:
यह घटना क्रायोजोइक काल में हुई, जब पृथ्वी पूरी तरह बर्फ से ढक गई थी। इसका असर जलवायु, पारिस्थितिकी और जीवों के विकास पर पड़ा। - एडीआकरन जीवों का विकास:
एडीआकरन काल में बहुकोशिकीय जीवों का विकास हुआ। ये जीव समुद्र में रहते थे और पृथ्वी के पहले बहुकोशिकीय जीवों के रूप में जाने जाते हैं।
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