हिमालयी क्षेत्र में कई संरक्षित क्षेत्र और राष्ट्रीय उद्यान स्थित हैं, जो इसकी जैव विविधता को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन संरक्षित क्षेत्रों और राष्ट्रीय उद्यानों का उद्देश्य वन्यजीवों और वनस्पतियों का संरक्षण, पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखना, और हिमालय के पारिस्थितिकी तंत्र को बचाना है। यहाँ कुछ प्रमुख संरक्षित क्षेत्र और राष्ट्रीय उद्यानों का वर्णन किया गया है:
1. जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (उत्तराखंड)
- स्थापना: 1936 में स्थापित, यह भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है।
- मुख्य आकर्षण: बाघ संरक्षण के लिए प्रसिद्ध, जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क बाघ, हाथी, हिरण, मगरमच्छ, और विभिन्न प्रकार के पक्षियों का घर है।
- क्षेत्रफल: लगभग 520 वर्ग किलोमीटर।
- विशेषता: यह ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ का हिस्सा है और जंगल सफारी के लिए एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।
2. नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान (उत्तराखंड)
- स्थापना: नंदा देवी नेशनल पार्क को 1982 में स्थापित किया गया था और यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल भी है।
- मुख्य आकर्षण: नंदा देवी की ऊँची चोटियाँ, विभिन्न प्रकार के रंग-बिरंगे फूल, हिमालयी भालू, हिम तेंदुआ, और कई अन्य जंगली प्रजातियाँ यहाँ पाई जाती हैं।
- क्षेत्रफल: नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान लगभग 630 वर्ग किलोमीटर और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान लगभग 87.5 वर्ग किलोमीटर में फैला है।
- विशेषता: यह अपनी अनोखी जैव विविधता और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, विशेष रूप से गर्मियों के महीनों में जब यहाँ असंख्य रंग-बिरंगे फूल खिलते हैं।
3. ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क (हिमाचल प्रदेश)
- स्थापना: 1984 में स्थापित, इसे 2014 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया।
- मुख्य आकर्षण: यहाँ हिम तेंदुआ, कस्तूरी मृग, हिमालयी थार, और विभिन्न प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं।
- क्षेत्रफल: लगभग 754 वर्ग किलोमीटर।
- विशेषता: यह हिमालय की अनमोल जैव विविधता का घर है, और यहाँ कई लुप्तप्राय और दुर्लभ प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
4. दाचीगम नेशनल पार्क (जम्मू और कश्मीर)
- स्थापना: 1981 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला।
- मुख्य आकर्षण: यहाँ कश्मीर हिरण (हंगुल), हिमालयी काला भालू, और तेंदुए जैसे जंतु पाए जाते हैं।
- क्षेत्रफल: लगभग 141 वर्ग किलोमीटर।
- विशेषता: यह कश्मीर हिरण के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र है और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है।
5. पिंडारी ग्लेशियर वन्यजीव अभयारण्य (उत्तराखंड)
- मुख्य आकर्षण: यहाँ पर हिम तेंदुआ, हिमालयी भालू, और कस्तूरी मृग जैसे दुर्लभ जीव देखे जा सकते हैं।
- विशेषता: पिंडारी ग्लेशियर ट्रेकिंग के लिए भी प्रसिद्ध है, जहाँ से यात्री हिमालय की सुंदरता का अनुभव कर सकते हैं।
6. कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान (सिक्किम)
- स्थापना: 1977 में स्थापित, यह भारत का एकमात्र मिक्स्ड-हेरिटेज साइट है (प्राकृतिक और सांस्कृतिक)।
- मुख्य आकर्षण: कंचनजंगा पर्वत, जो विश्व की तीसरी सबसे ऊँची चोटी है, इस पार्क का प्रमुख आकर्षण है। इसके अलावा यहाँ हिम तेंदुआ, लाल पांडा, और तिब्बती मकर पाए जाते हैं।
- क्षेत्रफल: लगभग 1784 वर्ग किलोमीटर।
- विशेषता: यहाँ की जैव विविधता और सांस्कृतिक महत्व इसे एक अनोखा संरक्षण क्षेत्र बनाते हैं।
7. हेमिस नेशनल पार्क (लद्दाख)
- स्थापना: 1981 में स्थापित, यह भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है।
- मुख्य आकर्षण: यह हिम तेंदुआ और अन्य लुप्तप्राय प्रजातियों का प्रमुख निवास स्थान है।
- क्षेत्रफल: लगभग 4400 वर्ग किलोमीटर।
- विशेषता: यह राष्ट्रीय उद्यान मुख्य रूप से हिम तेंदुए के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है और विश्व का एक प्रमुख स्नो लेपर्ड संरक्षित क्षेत्र है।
8. नामदाफा नेशनल पार्क (अरुणाचल प्रदेश)
- स्थापना: 1983 में स्थापित, यह जैव विविधता के मामले में अत्यधिक समृद्ध क्षेत्र है।
- मुख्य आकर्षण: यहाँ चार प्रकार की बड़ी बिल्लियाँ-बाघ, हिम तेंदुआ, तेंदुआ, और धूम्रपृष्ठीय तेंदुआ-पाई जाती हैं।
- क्षेत्रफल: लगभग 1985 वर्ग किलोमीटर।
- विशेषता: यह उद्यान जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है और इसमें पक्षियों की भी कई दुर्लभ प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
9. पांगोलिंग वन्यजीव अभयारण्य (सिक्किम)
- मुख्य आकर्षण: यह लाल पांडा और हिमालयी तीतर के लिए प्रसिद्ध है।
- विशेषता: यह अभयारण्य सिक्किम के अल्पाइन क्षेत्र में स्थित है और बर्फीले इलाके में पाए जाने वाले अनोखे जीव-जंतुओं का निवास स्थान है।
10. राजाजी नेशनल पार्क (उत्तराखंड)
- स्थापना: 1983 में स्थापित, यह हाथियों के लिए एक प्रसिद्ध उद्यान है।
- मुख्य आकर्षण: हाथी, बाघ, तेंदुआ, और विभिन्न प्रकार के पक्षी यहाँ प्रमुख रूप से पाए जाते हैं।
- क्षेत्रफल: लगभग 820 वर्ग किलोमीटर।
- विशेषता: यह राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीव संरक्षण और जंगल सफारी के लिए एक प्रमुख स्थल है।
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