मेग्मा और लावा ज्वालामुखीय गतिविधियों से संबंधित दो महत्वपूर्ण अवधारणाएँ हैं। ये दोनों पदार्थ पृथ्वी की आंतरिक संरचना से उत्पन्न होते हैं, लेकिन इनके निर्माण, स्थिति, और विशेषताओं में महत्वपूर्ण अंतर होते हैं। आइए, इनकी उत्पत्ति को विस्तार से समझते हैं।
मेग्मा (Magma)
- परिभाषा:
- मेग्मा वह पिघला हुआ चट्टान है जो पृथ्वी की आंतरिक परतों में पाया जाता है। यह मुख्यतः सिलिकेट खनिजों, गैसों, और पानी के मिश्रण से बना होता है।
- उत्पत्ति:
- गहराई में तापमान और दबाव: मेग्मा का निर्माण तब होता है जब पृथ्वी के अंदर गहरी परतों में उच्च तापमान और दबाव के कारण चट्टानों का पिघलना शुरू होता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर 700 डिग्री सेल्सियस से 1300 डिग्री सेल्सियस के बीच होती है।
- प्लेट विवर्तनिकी: प्लेट सीमाओं पर, विशेष रूप से सबडक्शन जोन में, जहाँ एक प्लेट दूसरी के नीचे धंसती है, वहाँ मेग्मा का निर्माण होता है। यहाँ पर चट्टानों का पिघलना और पानी का मुक्त होना मेग्मा निर्माण में योगदान करता है।
- गर्मी का संचरण: जब गर्मी या मैग्मा का प्रवाह भूपर्पटी के भीतर होता है, तो इससे आस-पास की ठोस चट्टानों का पिघलना संभव होता है, जिससे मेग्मा उत्पन्न होता है।
- विशेषताएँ:
- मेग्मा का तापमान आमतौर पर उच्च होता है, और यह चिपचिपा हो सकता है। इसमें विभिन्न प्रकार के खनिज और गैसें शामिल होती हैं, जो इसके रासायनिक संरचना को प्रभावित करती हैं।
लावा (Lava)
- परिभाषा:
- लावा वह मेग्मा है जो पृथ्वी की सतह पर निकलने के बाद ठंडा होकर ठोस रूप में परिवर्तित हो जाता है। इसे ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान देखा जा सकता है।
- उत्पत्ति:
- ज्वालामुखीय विस्फोट: जब मेग्मा पृथ्वी की सतह के करीब पहुँचता है और भूपर्पटी में दरारों या ज्वालामुखीय शिखरों के माध्यम से बाहर निकलता है, तो इसे लावा कहा जाता है। यह प्रक्रिया ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान होती है।
- लावा का ठंडा होना: जब लावा सतह पर पहुँचता है, तो यह ठंडा होना शुरू होता है और ठोस चट्टान में परिवर्तित हो जाता है। लावा का ठंडा होना उसकी गति, तापमान, और वातावरण पर निर्भर करता है।
- विशेषताएँ:
- लावा आमतौर पर अधिक तरल होता है, जो सतह पर फैल सकता है। इसकी चिपचिपापन (viscosity) मेग्मा की तुलना में कम होती है। लावा में भी विभिन्न खनिज और गैसें होती हैं, लेकिन इसके रासायनिक गुण मेग्मा से अलग हो सकते हैं।
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