कायांतरित चट्टानें (Metamorphic Rocks) परिचय: कायांतरित चट्टानें वे चट्टानें हैं, जो पहले से मौजूद आग्नेय (igneous) या तलछटी (sedimentary) चट्टानों के रूपांतरित होने से बनती हैं। यह रूपांतरण उच्च तापमान, अत्यधिक दबाव, और रासायनिक क्रियाओं के कारण होता है। इस प्रक्रिया के दौरान, चट्टानों की आंतरिक संरचना, खनिज संघटन, बनावट और रूप बदल जाता है, जिससे नई कायांतरित चट्टानें बनती हैं।
1. कायांतरण की प्रक्रिया (Metamorphism Process):
- तापमान (Temperature): उच्च तापमान के कारण चट्टानों के खनिज पिघलते नहीं, लेकिन उनका रूप और संघटन बदल जाता है। यह तापमान आमतौर पर 200°C से 700°C के बीच होता है।
- दबाव (Pressure): अत्यधिक दबाव से चट्टानों की परतें संकुचित होती हैं और उनकी बनावट बदल जाती है। यह दबाव चट्टानों की गहराई में और टेक्टोनिक प्लेटों की हलचलों के दौरान उत्पन्न होता है।
- रासायनिक क्रियाएँ (Chemical Reactions): जब चट्टानें ताप और दबाव के साथ-साथ पानी और अन्य रासायनिक पदार्थों के संपर्क में आती हैं, तो उनमें रासायनिक परिवर्तन होते हैं, जिससे नए खनिजों का निर्माण होता है।
2. कायांतरित चट्टानों के प्रकार (Types of Metamorphic Rocks):
कायांतरित चट्टानों को उनके बनने की प्रक्रिया और संरचना के आधार पर दो प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:
- प्रादेशिक कायांतरण (Regional Metamorphism):
- यह प्रक्रिया बड़े भूगर्भीय क्षेत्रों में होती है, जैसे पर्वत निर्माण के समय, जब चट्टानें बहुत गहराई पर दबाव और तापमान के प्रभाव में रूपांतरित होती हैं।
- इस प्रकार की कायांतरित चट्टानों में परतों की व्यवस्था (foliation) पाई जाती है।
- उदाहरण: ग्नाइस (Gneiss), शिस्ट (Schist)।
- संपर्क कायांतरण (Contact Metamorphism):
- यह तब होता है जब आग्नेय मैग्मा या लावा आसपास की चट्टानों के संपर्क में आता है और उन्हें उच्च तापमान के कारण रूपांतरित करता है।
- इसमें अधिकतर स्थानीय कायांतरण होता है और चट्टानें फॉलिएशन के बिना भी बन सकती हैं।
- उदाहरण: मार्बल (Marble), क्वार्टजाइट (Quartzite)।
3. कायांतरित चट्टानों के प्रमुख उदाहरण:
- मार्बल (Marble):
- यह चट्टान चूना पत्थर (Limestone) के कायांतरण से बनती है।
- मार्बल मुख्य रूप से कैल्साइट से बना होता है और इसका उपयोग मूर्तिकला और इमारतों में सजावटी पत्थर के रूप में होता है।
- मार्बल का रंग सफेद, गुलाबी, या हरा हो सकता है, जो इसमें मौजूद अशुद्धियों के कारण होता है।
- ग्नाइस (Gneiss):
- यह चट्टान ग्रेनाइट या तलछटी चट्टानों के कायांतरण से बनती है।
- इसमें फॉलिएशन (परतें) पाई जाती हैं, जो इसे एक विशेष धारावली बनावट देती हैं।
- इसका उपयोग निर्माण कार्यों में होता है, जैसे सड़क निर्माण और इमारतों के पत्थर के रूप में।
- शिस्ट (Schist):
- यह चट्टान मुख्य रूप से मिकास जैसे खनिजों के कायांतरण से बनती है और इसमें स्पष्ट रूप से परतें होती हैं।
- शिस्ट का उपयोग निर्माण और सजावटी कार्यों में किया जाता है।
- क्वार्टजाइट (Quartzite):
- यह चट्टान बलुआ पत्थर (Sandstone) के कायांतरण से बनती है।
- क्वार्टजाइट अत्यधिक कठोर और ठोस चट्टान होती है, और इसका उपयोग निर्माण में किया जाता है।
- स्लेट (Slate):
- यह शेल (Shale) के कायांतरण से बनने वाली चट्टान है, और इसमें पतली परतें होती हैं जिन्हें आसानी से अलग किया जा सकता है।
- इसका उपयोग छत की टाइलों और फर्श के लिए किया जाता है।
4. कायांतरित चट्टानों की विशेषताएँ:
- फॉलिएशन (Foliation):
- कई कायांतरित चट्टानों में फॉलिएशन (परतों की व्यवस्था) होती है, जो दबाव के कारण उत्पन्न होती है। इससे चट्टानों में धाराओं और परतों की स्पष्ट व्यवस्था दिखाई देती है।
- गैर-फॉलिएटेड (Non-Foliated):
- कुछ चट्टानों में फॉलिएशन नहीं होता है। ये चट्टानें समान दिशा में दबाव का अनुभव नहीं करतीं, जैसे मार्बल और क्वार्टजाइट।
- कठोरता और घनत्व:
- कायांतरित चट्टानें अत्यधिक कठोर और ठोस होती हैं, क्योंकि इन्हें उच्च तापमान और दबाव के प्रभाव में रूपांतरित किया गया होता है। ये चट्टानें निर्माण कार्यों में उपयुक्त होती हैं।
5. कायांतरित चट्टानों का उपयोग (Uses of Metamorphic Rocks):
- निर्माण सामग्री: मार्बल, स्लेट, और क्वार्टजाइट का उपयोग इमारतों, सड़कों, और सजावटी पत्थरों के रूप में होता है।
- औद्योगिक उपयोग: कई कायांतरित चट्टानें औद्योगिक कार्यों में उपयोग की जाती हैं, जैसे लोहे, तांबे, और अन्य खनिजों के स्रोत के रूप में।
- सजावटी कला: मार्बल और अन्य कायांतरित चट्टानों का उपयोग मूर्तियों और अन्य सजावटी कलाओं में किया जाता है।
6. भारत में कायांतरित चट्टानों का वितरण:
- राजस्थान: यहाँ पर मार्बल का प्रमुख भंडार है, विशेष रूप से मकराना क्षेत्र में।
- तमिलनाडु और कर्नाटक: इन क्षेत्रों में ग्नाइस और शिस्ट जैसी चट्टानें पाई जाती हैं।
- हिमालयी क्षेत्र: यहाँ पर शिस्ट, स्लेट और क्वार्टजाइट की प्रमुख उपस्थिति है, जो भूगर्भीय रूप से कायांतरित हैं।
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