प्रायद्वीप भारत की नदियाँ, जो मुख्यतः पश्चिम और पूर्वी घाट के बीच बहती हैं, न केवल जलस्रोत प्रदान करती हैं, बल्कि कृषि, परिवहन और जलवायु को भी प्रभावित करती हैं। यहाँ प्रायद्वीप भारत की कुछ प्रमुख नदियों का विवरण दिया गया है:
1. नर्मदा नदी
- स्थान: मध्य प्रदेश से शुरू होकर गुजरात में समाप्त होती है।
- विशेषताएँ:
- यह भारत की सबसे लंबी पश्चिमी बहने वाली नदी है।
- नर्मदा रिवर वैली में कई जलप्रपात और प्राकृतिक सौंदर्य हैं।
- यह रॉक फॉर्मेशन के बीच बहती है, जिसे ‘रेशमी घाटी’ कहा जाता है।
2. ताप्ती नदी
- स्थान: मध्य प्रदेश से शुरू होकर महाराष्ट्र और गुजरात से होती हुई अरब सागर में मिलती है।
- विशेषताएँ:
- ताप्ती नदी नर्मदा के समानांतर बहती है, लेकिन यह थोड़ी छोटी है।
- इसका जलग्रहण क्षेत्र घने जंगलों और पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा हुआ है।
3. माही नदी
- स्थान: मध्य प्रदेश से शुरू होकर राजस्थान और गुजरात से होते हुए अरब सागर में मिलती है।
- विशेषताएँ:
- यह एकमात्र नदी है जो उत्तर से दक्षिण की ओर बहती है।
- माही नदी का जलग्रहण क्षेत्र कृषि के लिए महत्वपूर्ण है।
4. साबरमती नदी
- स्थान: मध्य प्रदेश से निकलकर गुजरात में बहती है।
- विशेषताएँ:
- यह अहमदाबाद के निकट बहती है और इसकी जलधारा में कई छोटे जलप्रपात हैं।
- साबरमती का उपयोग सिंचाई और पीने के पानी के लिए किया जाता है।
5. गंगा नदी
- स्थान: उत्तर भारत से निकलकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है, लेकिन इसकी सहायक नदियाँ प्रायद्वीप क्षेत्र में भी फैली हैं।
- विशेषताएँ:
- गंगा नदी का महत्व धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यधिक है।
- इसके किनारे कई प्रमुख शहर और तीर्थ स्थल स्थित हैं।
6. कृष्णा नदी
- स्थान: पश्चिमी घाट से निकलकर आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से गुजरती हुई बंगाल की खाड़ी में मिलती है।
- विशेषताएँ:
- कृष्णा नदी का जलग्रहण क्षेत्र कृषि और उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है।
- इसमें कई जलाशय और बांध बनाए गए हैं।
7. गोदावरी नदी
- स्थान: पश्चिमी घाट से निकलकर आंध्र प्रदेश में बहती है।
- विशेषताएँ:
- यह भारत की दूसरी सबसे लंबी नदी है।
- गोदावरी का जलग्रहण क्षेत्र कृषि के लिए उपयुक्त है।
8. महानदी नदी
- स्थान: छत्तीसगढ़ से निकलकर ओडिशा में बहती है और बंगाल की खाड़ी में मिलती है।
- विशेषताएँ:
- महानदी का जलग्रहण क्षेत्र भंडारण और सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है।
- इसमें कई जलाशय और बाँध हैं, जो ऊर्जा उत्पादन में मदद करते हैं।
9. कावेरी नदी
- स्थान: पश्चिमी घाट से निकलकर कर्नाटक और तमिलनाडु में बहती है।
- विशेषताएँ:
- कावेरी का जलग्रहण क्षेत्र धान और गन्ना जैसी फसलों के लिए महत्वपूर्ण है।
- इसे “दक्षिण भारत की गंगा” भी कहा जाता है।
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