भारत में धारवार प्रणाली की प्रमुख बेल्टें कुछ विशेष खनिजों और भू-आकृतिक विशेषताओं के लिए जानी जाती हैं। ये बेल्टें मुख्य रूप से दक्षिण और मध्य भारत में विस्तृत हैं और यहाँ के खनिज संसाधन भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। निम्नलिखित धारवार बेल्टें प्रमुख हैं और उनकी स्थानीय विशेषताएँ दी गई हैं:
1. कर्नाटक क्रेटन (धारवाड़ बेल्ट)
- स्थान: कर्नाटक के धारवाड़, बेल्लारी, चिक्कमगलूर, और शिमोगा जिलों में।
- विशेषताएँ: यह बेल्ट लौह अयस्क और सोने के विशाल भंडार के लिए प्रसिद्ध है। इस क्षेत्र में होसपेट और संकेश्वरी जैसे खनिज-समृद्ध स्थान हैं, जहां लौह अयस्क का खनन बड़े पैमाने पर किया जाता है।
- खनिज: सोना, लौह अयस्क, मैंगनीज, और क्रोमाइट।
- विशेष गुण: यहाँ की चट्टानें अत्यधिक रूपांतरित हैं और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण खनिज संसाधनों से युक्त हैं।
2. कडप्पा बेल्ट (आंध्र प्रदेश और तेलंगाना)
- स्थान: मुख्यतः आंध्र प्रदेश के कडप्पा, अनंतपुर और तेलंगाना के कुछ जिलों में।
- विशेषताएँ: इस क्षेत्र में लौह अयस्क, डोलोमाइट और चूना पत्थर के प्रमुख भंडार हैं। यह क्षेत्र खासकर सीमेंट उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है।
- खनिज: लौह अयस्क, चूना पत्थर, और मैंगनीज।
- विशेष गुण: यहाँ की चट्टानें तलछटी शृंखलाओं का हिस्सा हैं और इनमें उच्च गुणवत्ता वाले खनिजों का भंडार है।
3. हत्ती गोल्ड फील्ड्स (कर्नाटक)
- स्थान: रायचूर जिले के हत्ती क्षेत्र में।
- विशेषताएँ: हत्ती क्षेत्र सोने के खनन के लिए प्रसिद्ध है और यह भारत के सबसे पुराने सोना उत्पादक क्षेत्रों में से एक है। यहाँ खनिजों का खनन 1902 से हो रहा है।
- खनिज: मुख्यतः सोना।
- विशेष गुण: यहाँ की धारवार शृंखला में सोने की उच्च गुणवत्ता वाली शिराएँ पाई जाती हैं, जो भूगर्भीय दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।
4. सिंघभूम क्रेटन (ओडिशा और झारखंड)
- स्थान: ओडिशा के क्योंझर और सुंदरगढ़ जिले तथा झारखंड के सिंहभूम जिले में।
- विशेषताएँ: यह बेल्ट लौह अयस्क, मैंगनीज और तांबा भंडार के लिए प्रसिद्ध है। इस क्षेत्र में लौह अयस्क का उच्च गुणवत्ता वाला भंडार है, जो भारतीय इस्पात उद्योग के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- खनिज: लौह अयस्क, तांबा, और मैंगनीज।
- विशेष गुण: यहाँ के लौह अयस्क में उच्च लौह प्रतिशत है, जिससे इस बेल्ट का खनिज निर्यात में महत्वपूर्ण योगदान है।
5. बेंगलुरु-शिवसमुद्रम बेल्ट (तमिलनाडु और कर्नाटक)
- स्थान: कर्नाटक और तमिलनाडु के सीमांत क्षेत्रों में।
- विशेषताएँ: इस क्षेत्र में ग्रेनाइट और माइका के भंडार पाए जाते हैं। इसका उपयोग निर्माण और सजावट के लिए किया जाता है।
- खनिज: ग्रेनाइट, माइका, और कुछ मात्रा में लौह अयस्क।
- विशेष गुण: यहाँ के ग्रेनाइट की उच्च गुणवत्ता इसे निर्यात के लिए उपयुक्त बनाती है।
6. बालाघाट बेल्ट (मध्य प्रदेश)
- स्थान: मध्य प्रदेश के बालाघाट और छिंदवाड़ा जिलों में।
- विशेषताएँ: इस बेल्ट में तांबे का भंडार प्रमुख है, और यह भारतीय तांबा उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
- खनिज: तांबा, चूना पत्थर, और सिल्वर।
- विशेष गुण: तांबे का भंडार यहाँ उच्च गुणवत्ता वाला है, और इस क्षेत्र में तांबे का खनन बड़े पैमाने पर किया जाता है।
7. कोलार गोल्ड फील्ड्स (कर्नाटक)
- स्थान: कर्नाटक के कोलार जिले में।
- विशेषताएँ: यह बेल्ट सोने के खनन के लिए प्रसिद्ध है और 20वीं सदी में यहाँ भारत का सबसे बड़ा सोना खनन कार्य हुआ करता था।
- खनिज: मुख्यतः सोना।
- विशेष गुण: यहाँ की चट्टानों में सोने की उच्च गुणवत्ता वाली शिराएँ पाई जाती हैं। हालाँकि खनन अब बंद हो चुका है, लेकिन यह क्षेत्र भारत के सोना उत्पादन का प्रमुख स्रोत रहा है।
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