भारत सरकार द्वारा द्वीपों के विकास के लिए विभिन्न नीतियाँ और योजनाएँ बनाई गई हैं, जो आर्थिक, सामाजिक, और पर्यावरणीय विकास को सुनिश्चित करने का प्रयास करती हैं।
कुछ प्रमुख नीतियों और योजनाओं का विवरण दिया गया है:
1. द्वीप विकास नीति (Island Development Policy)
- लक्ष्य: इस नीति का मुख्य उद्देश्य द्वीपों के समग्र विकास को बढ़ावा देना, उनके संसाधनों का उचित उपयोग करना, और पर्यावरण संरक्षण को सुनिश्चित करना है।
- संरचना: यह नीति स्थानीय संसाधनों, जैसे कि कृषि, मछली पकड़ने, और पर्यटन के विकास पर केंद्रित है।
2. एकीकृत द्वीप विकास योजना (Integrated Island Development Programme)
- संवर्धन: इस कार्यक्रम का लक्ष्य द्वीपों के विकास में समन्वय लाना और विभिन्न विभागों के बीच समग्र दृष्टिकोण सुनिश्चित करना है।
- मुख्य पहलें:
- बुनियादी ढाँचे का विकास, जैसे सड़कें, जल आपूर्ति, और विद्युत व्यवस्था।
- आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना, विशेष रूप से पर्यटन और मछली पकड़ने के क्षेत्रों में।
3. द्वीपों का पर्यटन विकास
- पर्यटन को बढ़ावा: द्वीपों की प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर को पर्यटन के माध्यम से संरक्षित करने के लिए विभिन्न योजनाएँ बनाई गई हैं।
- इको-टूरिज्म: पर्यावरणीय संवेदनशीलता के साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए योजनाएँ लागू की गई हैं, ताकि जैव विविधता का संरक्षण हो सके।
4. स्थायी विकास और संरक्षण
- संसाधनों का प्रबंधन: प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और सतत प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए नीतियाँ बनाई गई हैं।
- स्थानीय समुदायों की भागीदारी: स्थानीय समुदायों को विकास योजनाओं में शामिल करना और उन्हें लाभ पहुंचाना, ताकि वे संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभा सकें।
5. समुद्री सुरक्षा और विकास
- समुद्री सीमाओं का संरक्षण: द्वीपों की सुरक्षा और समुद्री संसाधनों के संरक्षण के लिए नीतियाँ बनाई गई हैं।
- समुद्री पर्यावरण की सुरक्षा: समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को सुरक्षित रखने के लिए उपाय किए जा रहे हैं।
6. अनुसंधान और विकास
- वैज्ञानिक अध्ययन: द्वीपों के पारिस्थितिकी और संसाधनों के प्रबंधन के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- प्रवर्तनशील नीतियाँ: वैज्ञानिक अनुसंधान के आधार पर नीतियों का निर्माण और कार्यान्वयन किया जा रहा है।
7. विकास में वित्तीय सहायता
- सरकारी अनुदान और सहायता: द्वीपों के विकास के लिए वित्तीय सहायता और अनुदान प्रदान किए जा रहे हैं, जिससे विकास परियोजनाओं को लागू किया जा सके।
- स्वायत्तता: द्वीपों के विकास के लिए स्थानीय सरकारों को अधिक स्वायत्तता प्रदान की गई है, ताकि वे स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार नीतियाँ बना सकें।
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