भारत के भू-जल संसाधन (Groundwater Resources) देश के जल प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भू-जल का उपयोग कृषि, पीने के पानी, औद्योगिक उपयोग, और घरेलू जरूरतों के लिए किया जाता है। यहाँ भारत के भू-जल संसाधनों के विभिन्न पहलुओं का वर्णन किया गया है:
1. भू-जल की उपलब्धता
- भारत की भू-जल भंडारण क्षमता अनुमानित 432 मिलियन हेक्टेयर मीटर (MHM) है, जिसमें से लगभग 400 MHM का उपयोग किया जाता है।
- देश में भू-जल का प्रमुख स्रोत विभिन्न जलधाराओं, नदियों, और वर्षा के माध्यम से पुनर्भरण (recharge) होता है।
2. उपयोग
- कृषि: भारत की कृषि के लिए भू-जल सबसे महत्वपूर्ण जल स्रोत है। लगभग 60% से अधिक कृषि भूमि सिंचाई के लिए भू-जल पर निर्भर करती है।
- पेयजल: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पीने के पानी के लिए भू-जल का उपयोग किया जाता है। विशेषकर, कई ग्रामीण क्षेत्रों में भू-जल ही प्रमुख जल स्रोत है।
- औद्योगिक उपयोग: विभिन्न उद्योगों में, जैसे कि खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र उद्योग, और निर्माण में भू-जल का उपयोग किया जाता है।
3. भू-जल संसाधनों का संरक्षण
- भू-जल के स्तर में कमी, जल प्रदूषण, और अत्यधिक दोहन (over-extraction) के कारण भारत में भू-जल संसाधनों का संरक्षण आवश्यक हो गया है।
- वृष्टि के जल संचयन: वर्षा के जल को संचयित करने के उपायों को अपनाना चाहिए, जैसे कि वर्षा जल संचयन प्रणालियाँ।
- पुनर्भरण प्रयास: भू-जल पुनर्भरण के लिए तालाबों, जलाशयों, और अन्य जल संरचनाओं का निर्माण।
4. चुनौतियाँ
- अत्यधिक दोहन: भारत के कई क्षेत्रों में भू-जल का अत्यधिक दोहन हो रहा है, जिसके कारण जल स्तर में तेजी से कमी आ रही है।
- जल प्रदूषण: औद्योगिक कचरे, रासायनिक खाद, और अन्य प्रदूषकों के कारण भू-जल का प्रदूषित होना एक गंभीर समस्या है।
- जल संकट: विशेषकर गर्मियों में सूखे के कारण जल संकट की स्थिति उत्पन्न होती है।
5. सरकारी प्रयास
- भारत सरकार ने निजीकरण (privatization) और सामुदायिक प्रबंधन (community management) के माध्यम से भू-जल के स्थायी उपयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएँ बनाई हैं।
- जल शक्ति अभियान: जल संसाधनों के संरक्षण और जल स्तर में सुधार के लिए यह एक महत्वपूर्ण सरकारी पहल है।
6. भविष्य की दिशा
- टेक्नोलॉजी का उपयोग: जल प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग, जैसे कि ड्रिप सिंचाई, भू-जल निगरानी प्रणाली, और रिमोट सेंसिंग।
- समुदाय की भागीदारी: स्थानीय समुदायों को जल प्रबंधन के निर्णयों में शामिल करना और उन्हें जागरूक करना।
- नवीनतम अनुसंधान: भू-जल संसाधनों के प्रबंधन और संरक्षण के लिए नवीनतम अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित करना।
Leave a Reply