तटीय मैदान के वन्यजीव और वनस्पति की विविधता
तटीय मैदान, जो कि समुद्र के किनारे फैले हुए होते हैं, जैव विविधता के मामले में समृद्ध होते हैं। यहां की वन्यजीव और वनस्पति की विविधता इस क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
1. वनस्पति विविधता:
- नमकीन और गीली भूमि की वनस्पतियाँ:
- हालोफाइट्स: ये ऐसे पौधे होते हैं जो खारे पानी में उगते हैं, जैसे कि समुद्री जड़ी-बूटियाँ और साल्टमार्श ग्रास। ये पौधे समुद्री जल के प्रभाव को सहन कर सकते हैं और तटीय पारिस्थितिकी के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- मैंग्रोव:
- तटीय क्षेत्र में मैंग्रोव वनस्पति विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। ये पेड़ और झाड़ियाँ समुद्र के किनारे उगते हैं और समुद्री ज्वार के प्रभाव को सहन करते हैं। उदाहरण के लिए, सुंदरबन में पाए जाने वाले मैंग्रोव वन जलवायु परिवर्तन के खिलाफ एक प्राकृतिक सुरक्षा प्रदान करते हैं।
- तटीय घास के मैदान:
- तटीय मैदानों में घास के मैदान भी पाए जाते हैं, जो विभिन्न घासों और जड़ी-बूटियों से भरे होते हैं। ये जलीय पौधों की प्रजातियों के साथ-साथ अन्य स्थलीय पौधों के लिए आवास प्रदान करते हैं।
2. वन्यजीव विविधता:
- पक्षी:
- तटीय क्षेत्रों में कई जलपक्षियों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जैसे कि बगुल, किंगफिशर, और पेलिकन। ये पक्षी मुख्यतः भोजन के लिए जल में शिकार करते हैं और इनका habitat तटीय जल और आर्द्रभूमियाँ होती हैं।
- सरीसृप:
- तटीय क्षेत्रों में कई प्रकार के सरीसृप भी मिलते हैं, जैसे कि समुद्री कछुए और मगरमच्छ। ये जीव समुद्री और तटीय पारिस्थितिकी तंत्र के महत्वपूर्ण हिस्से हैं। उदाहरण के लिए, भारतीय तटों पर विभिन्न प्रकार के समुद्री कछुए पाए जाते हैं जो समुद्री जीवों का सेवन करते हैं।
- मत्स्य प्रजातियाँ:
- तटीय जल में मछलियों की कई प्रजातियाँ निवास करती हैं, जैसे कि झींगा, सांप मछली, और तिलापिया। ये मछलियाँ स्थानीय आर्थिक गतिविधियों का भी आधार हैं, खासकर मत्स्य पालन के क्षेत्र में।
- स्तनधारी जीव:
- तटीय क्षेत्रों में कुछ स्तनधारी भी पाए जाते हैं, जैसे कि लोमड़ी, खरगोश, और अन्य छोटे स्तनधारी। ये जीव तटीय जंगलों और घास के मैदानों में रहते हैं।
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