ज्वालामुखियों का वितरण पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों की सीमाओं से गहराई से संबंधित है। विभिन्न प्लेट सीमाएँ तीन प्रमुख प्रकार की होती हैं: संकुचन (कॉन्वर्जेंट), फैलाव (डाइवर्जेंट), और प्रतिच्छेदन (ट्रांसफॉर्म)। प्रत्येक प्रकार की सीमा पर ज्वालामुखियों का वितरण और उनकी विशेषताएँ भिन्न होती हैं।
यहाँ इन प्लेट सीमाओं पर ज्वालामुखियों का वितरण और उनके प्रकार का विवरण दिया गया है:
1. संकुचन सीमाएँ (Convergent Boundaries):
- विवरण: जब दो टेक्टोनिक प्लेटें एक-दूसरे की ओर बढ़ती हैं और टकराती हैं, तो यह संकुचन सीमा कहलाती है। इस स्थिति में एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे धंस जाती है, जिसे सबडक्शन कहा जाता है।
- ज्वालामुखी वितरण:
- यहाँ सक्रिय ज्वालामुखी पाए जाते हैं, जैसे कि पैसिफिक रिंग ऑफ़ फ़ायर में।
- उदाहरण:
- जापान (फिलीपीन प्लेट और यूरेशियन प्लेट के बीच)
- अमेरिकी पश्चिमी तट (कास्केड पर्वत)
- एंडीज पर्वत (नाज़्का प्लेट और दक्षिण अमेरिका प्लेट के बीच)
2. फैलाव सीमाएँ (Divergent Boundaries):
- विवरण: जब दो टेक्टोनिक प्लेटें एक-दूसरे से दूर होती हैं, तो यह फैलाव सीमा कहलाती है। इस प्रक्रिया में नई क्रस्ट का निर्माण होता है, जैसे कि समुद्र के तल में।
- ज्वालामुखी वितरण:
- यहाँ भी सक्रिय ज्वालामुखी होते हैं, जो आमतौर पर महासागरीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
- उदाहरण:
- मध्य-अटलांटिक रीफ (उत्तर अमेरिका और यूरोप के बीच)
- पूर्वी अफ्रीकी रिफ्ट (अफ्रीकी प्लेट के विभिन्न हिस्सों के बीच)
3. प्रतिच्छेदन सीमाएँ (Transform Boundaries):
- विवरण: जब दो टेक्टोनिक प्लेटें एक-दूसरे के पास से खिसकती हैं, तो इसे प्रतिच्छेदन सीमा कहा जाता है। यहाँ ज्वालामुखीय गतिविधियाँ कम होती हैं, लेकिन भूकंपों की गतिविधियाँ आम होती हैं।
- ज्वालामुखी वितरण:
- यहाँ पर ज्वालामुखी बहुत कम या नहीं होते हैं।
- उदाहरण:
- सैन एंड्रियास Fault (कैलिफोर्निया, अमेरिका)
4. हॉट स्पॉट्स (Hot Spots):
- विवरण: हॉट स्पॉट्स वो क्षेत्र होते हैं जहाँ मैग्मा का स्रोत गहराई में होता है, जो प्लेट सीमाओं से दूर भी हो सकता है। ये ज्वालामुखी गतिविधि का कारण बनते हैं।
- ज्वालामुखी वितरण:
- इन क्षेत्रों में ज्वालामुखी स्वतंत्र रूप से उत्पन्न होते हैं।
- उदाहरण:
- हवाई द्वीप (हॉट स्पॉट)
- येलोस्टोन नेशनल पार्क (हॉट स्पॉट)
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