भारत के भूगोल में सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से विभिन्न मानवशास्त्रीय और जनसांख्यिकीय पहलुओं का गहन अध्ययन किया जाता है। इनमें मानव जाति का उत्पत्ति, जातीय विविधता, जनसंख्या की विशेषताएँ और स्वास्थ्य सूचकांक शामिल हैं।
आइए इन पहलुओं पर विस्तार से समझें:
1. मानव जाति का उत्पत्ति (Origin of Mankind)
- उत्पत्ति: मानव जाति का उत्पत्ति पूर्वी अफ्रीका में हुआ, जिसे मानव सभ्यता का उद्गम स्थल माना जाता है। समय के साथ मानव जाति ने विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में प्रवास किया और इसके परिणामस्वरूप विविध सांस्कृतिक और सामाजिक संरचनाओं का विकास हुआ।
- भारत में प्रभाव: भारतीय उपमहाद्वीप में मानव जाति की विभिन्न शाखाओं का विकास हुआ, जिसने यहाँ की सांस्कृतिक विविधता को प्रभावित किया।
2. जाति व्यवस्था (The Caste System)
- परिभाषा: जाति व्यवस्था भारतीय समाज की एक सामाजिक संरचना है, जो प्राचीन काल से चली आ रही है। यह जातिगत वर्गीकरण पर आधारित है, जिसमें लोगों को विभिन्न वर्गों में विभाजित किया गया है।
- भौगोलिक प्रभाव: जाति व्यवस्था का प्रभाव विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में देखने को मिलता है, जहाँ यह सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित करता है।
3. भारत में जातीय और नृजातीय विविधता (Racial and Ethnic Diversity in India)
- विविधता: भारत में विभिन्न जातीय और नृजातीय समूह निवास करते हैं, जिनमें आर्य, द्रविड़, मंगोल और आदिवासी शामिल हैं।
- भौगोलिक वितरण: प्रत्येक समूह की अपनी भौगोलिक पहचान है, जैसे कि द्रविड़ लोग दक्षिण भारत में पाए जाते हैं, मंगोल समूह पूर्वोत्तर भारत में और आर्य उत्तर भारत में केंद्रित हैं।
4. धार्मिक अल्पसंख्यक (Religious Minorities)
- परिभाषा: धार्मिक अल्पसंख्यक ऐसे समुदाय हैं, जो संख्यात्मक रूप से भारतीय समाज में अल्पसंख्यक हैं, जैसे मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और जैन।
- भौगोलिक स्थिति: भारत के विभिन्न राज्यों में धार्मिक अल्पसंख्यकों का वितरण असमान है, जैसे मुस्लिम समुदाय उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में अधिक है, जबकि सिख पंजाब में अधिक संख्या में हैं।
5. अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribes)
- परिभाषा: अनुसूचित जनजातियाँ भारत के मूल निवासी माने जाते हैं, जो पारंपरिक रूप से जंगलों, पहाड़ियों और दूरदराज के क्षेत्रों में निवास करते हैं।
- भौगोलिक वितरण: झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, और उत्तर-पूर्वी राज्यों में अनुसूचित जनजातियों की अधिकता है।
6. अनुसूचित जाति (Scheduled Castes)
- परिभाषा: अनुसूचित जातियाँ भारतीय समाज का एक प्रमुख हिस्सा हैं, जिन्हें समाज के निचले वर्ग में रखा गया है। ये देश की कुल जनसंख्या का लगभग 16.60% हैं।
- भौगोलिक स्थिति: अनुसूचित जातियों की अधिकता पंजाब, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, और बिहार में है। सरकारी योजनाओं के माध्यम से इनके सामाजिक और आर्थिक सुधार के प्रयास किए जाते हैं।
7. सांस्कृतिक क्षेत्र (Cultural Regions)
- परिभाषा: सांस्कृतिक क्षेत्र ऐसे भौगोलिक क्षेत्र हैं जहाँ समान सांस्कृतिक परंपराएँ और सामाजिक मान्यताएँ होती हैं।
- उदाहरण: भारत में विविध सांस्कृतिक क्षेत्र हैं, जैसे राजस्थान में मारवाड़ी संस्कृति, पंजाब में पंजाबी संस्कृति, और दक्षिण भारत में द्रविड़ संस्कृति।
8. भारतीय जनसंख्या की जनसांख्यिकीय विशेषताएँ (Demographic Characteristics of Indian Population)
- संरचना: भारतीय जनसंख्या की जनसांख्यिकीय विशेषताओं में आयु संरचना, लिंग अनुपात, जन्म और मृत्यु दर, साक्षरता दर, और शहरीकरण का स्तर शामिल है।
- भौगोलिक वितरण: यह विशेषताएँ देश के भौगोलिक क्षेत्रों में असमान हैं, जैसे कि शहरी क्षेत्रों में साक्षरता दर अधिक है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में जन्म दर अधिक है।
9. साक्षरता दर (Literacy Rate)
- महत्त्व: साक्षरता दर किसी भी देश की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का महत्वपूर्ण सूचक है। यह व्यक्तियों की शिक्षा और उनके आर्थिक अवसरों को दर्शाता है।
- भौगोलिक स्थिति: केरल, गोवा और मिजोरम में साक्षरता दर उच्च है, जबकि बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में यह अपेक्षाकृत कम है।
10. आयु संरचना (Age Composition)
- परिभाषा: आयु संरचना जनसंख्या का आयु वर्गों में विभाजन है, जैसे बच्चे (0-14), युवा (15-59), और वृद्ध (60+)। इससे समाज की उत्पादन क्षमता और निर्भरता का आकलन किया जाता है।
- भौगोलिक स्थिति: शहरी क्षेत्रों में युवाओं की संख्या अधिक होती है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में वृद्धों की संख्या अधिक होती है।
11. प्रवास (Migration)
- प्रकार: प्रवास का प्रकार आंतरिक और बाह्य होता है। आंतरिक प्रवास ग्रामीण से शहरी क्षेत्रों में होता है जबकि बाह्य प्रवास अन्य देशों की ओर होता है।
- कारण: रोजगार के अवसर, शिक्षा, जीवन स्तर, और प्राकृतिक आपदाएँ प्रवास के मुख्य कारण हैं।
- प्रभाव: प्रवास के कारण शहरीकरण में वृद्धि होती है, जिससे शहरों में जनसंख्या का दबाव बढ़ता है और सामाजिक समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।
12. जनसंख्या समस्याएँ (Population Problems)
- प्रमुख समस्याएँ: भारत की मुख्य जनसंख्या समस्याएँ हैं—उच्च जन्म दर, शिक्षा और स्वास्थ्य की कमी, रोजगार की समस्याएँ, और जनसंख्या का असंतुलित वितरण।
- प्रभाव: ये समस्याएँ देश की आर्थिक और सामाजिक विकास में बाधक हैं। अधिक जनसंख्या के कारण पर्यावरणीय समस्याएँ भी उत्पन्न होती हैं।
13. स्वास्थ्य सूचकांक (Health Indicators)
- परिभाषा: स्वास्थ्य सूचकांक किसी देश की स्वास्थ्य सुविधाओं और जीवन स्तर का मापक है। इसमें जीवन प्रत्याशा, शिशु मृत्यु दर, और पोषण स्तर शामिल हैं।
- भौगोलिक स्थिति: शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएँ अधिक उपलब्ध हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है।
14. भारत में मानव विकास सूचकांक (Human Development Index in India)
- परिभाषा: मानव विकास सूचकांक किसी देश की शिक्षा, स्वास्थ्य, और प्रति व्यक्ति आय के आधार पर सामाजिक विकास को मापता है।
- भौगोलिक स्थिति: केरल और दिल्ली जैसे राज्यों में मानव विकास सूचकांक उच्च है, जबकि बिहार, उत्तर प्रदेश, और झारखंड जैसे राज्यों में यह निम्न है।
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