तटीय मैदान (Coastal Plains) में प्रमुख फसलें और कृषि पद्धतियाँ निम्नलिखित हैं:
प्रमुख फसलें
- चावल (Rice)
- तटीय मैदान में चावल की खेती बहुत प्रचलित है, खासकर ऐसे क्षेत्रों में जहाँ जलवायु उपयुक्त होती है।
- गन्ना (Sugarcane)
- गन्ने की खेती भी तटीय क्षेत्रों में की जाती है, जहाँ इसकी आवश्यक नमी उपलब्ध होती है।
- मक्का (Maize)
- मक्का की खेती गर्म और नम मौसम में की जाती है, जो तटीय मैदानों में उपयुक्त होता है।
- दलहन और तिलहन (Pulses and Oilseeds)
- विभिन्न प्रकार के दलहन (जैसे मूँग, अरहर) और तिलहन (जैसे सोयाबीन, सरसों) की खेती भी होती है।
- फल और सब्जियाँ (Fruits and Vegetables)
- तटीय मैदानों में आम, पपीता, नारियल, और अन्य फलों की खेती होती है। सब्जियों में टमाटर, भिंडी, और हरी मिर्च प्रमुख हैं।
कृषि पद्धतियाँ
- सिंचाई (Irrigation)
- तटीय मैदानों में जल की उपलब्धता के अनुसार सिंचाई प्रणाली का उपयोग किया जाता है, जिसमें नदियों, तालाबों, और अन्य जल स्रोतों से जल प्रदान किया जाता है।
- जैविक खेती (Organic Farming)
- कई किसान जैविक खादों और कीटनाशकों का उपयोग कर जैविक खेती को अपनाते हैं, जिससे उत्पादन के साथ-साथ पर्यावरण की सुरक्षा भी होती है।
- पारंपरिक खेती (Traditional Farming)
- कुछ क्षेत्रों में पारंपरिक खेती के तरीके अपनाए जाते हैं, जिसमें स्थानीय बीजों और तकनीकों का उपयोग किया जाता है।
- मिश्रित खेती (Mixed Farming)
- फसलों के साथ-साथ पशुपालन और मछली पालन जैसी अन्य गतिविधियाँ भी की जाती हैं, जिससे किसान अधिक लाभ प्राप्त कर सकें।
- सतत कृषि प्रथाएँ (Sustainable Agricultural Practices)
- जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, किसान सतत कृषि प्रथाओं को अपनाने लगे हैं, जैसे फसल चक्र और मिट्टी की उर्वरता बनाए रखना।
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