भारत के जलवायु क्षेत्र बहुत विविध हैं, और इन क्षेत्रों की विशेषताएँ भारत के समग्र भौगोलिक और पर्यावरणीय विशेषताओं का प्रभावी रूप से परिचय कराती हैं। भारत की जलवायु मुख्यतः मानसून (मौसम की बरसात का सीजन), और इन मौसमों से जुड़े अन्य पहलुओं द्वारा प्रभावित होती है। इसके अलावा, यहां के विभिन्न क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति, ऊँचाई, और सागरीय प्रभाव भी जलवायु के वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
भारत में जलवायु के विभिन्न प्रकारों को अधिक विस्तार से समझने के लिए हम कोपेन के जलवायु वर्गीकरण (Köppen Climate Classification) का सहारा लेते हैं। भारत में मुख्यत: छह प्रकार की जलवायवीय श्रेणियाँ पाई जाती हैं, और इनका वितरण भौगोलिक स्थिति के अनुसार होता है। इसके अतिरिक्त, भारतीय जलवायु में समुद्री प्रभाव, शुष्कता, हिमालयी प्रभाव और मानसून के विभिन्न चरण भी शामिल हैं।
आइए हम इन श्रेणियों और उनके अंतर्गत आने वाले प्रमुख क्षेत्रों को विस्तार से जानें।
1. उष्णकटिबंधीय वर्षा जलवायु (Tropical Rainy Climate)
- प्राकृतिक स्थिति: यह जलवायु भारत के दक्षिणी हिस्से में और पश्चिमी घाट के इलाकों में प्रमुख है। यहाँ वर्षभर उच्च तापमान और उच्च आर्द्रता (humidity) पाई जाती है।
- मुख्य विशेषताएँ:
- औसत वार्षिक तापमान 25°C-30°C के बीच रहता है।
- वर्षा की मात्रा 1000-4000 मिमी तक हो सकती है। मेघालय के कुछ हिस्सों, जैसे चेरापूंजी और मासिनराम में वर्षा बहुत अधिक होती है।
- वर्षा का अधिकांश हिस्सा दक्षिण-पश्चिम मानसून (June-September) से आता है।
- यहाँ की वनस्पति में उष्णकटिबंधीय वर्षावन, गहरे हरे पेड़, और समृद्ध जैव विविधता पाई जाती है।
- उदाहरण: कोचीन, त्रिवेंद्रम, कर्नाटका, और पश्चिमी घाट।
2. उष्णकटिबंधीय मोसमी जलवायु (Tropical Monsoon Climate)
- प्राकृतिक स्थिति: यह जलवायु मुख्य रूप से भारत के गंगेटिक और मध्य भारत के क्षेत्रों में पाई जाती है। यह एक गर्म, आर्द्र जलवायु है जिसमें मानसून की वर्षा प्रमुख होती है।
- मुख्य विशेषताएँ:
- गर्मी में तापमान 30°C से ऊपर जा सकता है, जबकि सर्दियों में यह 10°C-15°C के बीच रहता है।
- वर्षा की मात्रा 1,000-2,000 मिमी तक होती है।
- मानसून के दौरान वर्षा अधिक होती है और गर्मियों में अधिक उमस (humidity) महसूस होती है।
- यहाँ की प्रमुख फसलें धान, गन्ना, मक्का और तंबाकू हैं।
- उदाहरण: उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश।
3. उपोष्णकटिबंधीय जलवायु (Subtropical Climate)
- प्राकृतिक स्थिति: यह जलवायु मुख्य रूप से उत्तर भारत के कुछ हिस्सों, जैसे राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में पाई जाती है। यह जलवायु अत्यधिक गर्मियों के साथ ठंडी सर्दियों के लिए जानी जाती है।
- मुख्य विशेषताएँ:
- गर्मियों में तापमान 40°C-45°C तक बढ़ सकता है, और सर्दियों में 5°C-10°C के आसपास रहता है।
- वर्षा 500-1,000 मिमी तक होती है।
- यहाँ का वातावरण शुष्क होता है, और पानी की कमी महसूस होती है।
- यहाँ की प्रमुख फसलें गेहूँ, ज्वार, मक्का और बाजरा होती हैं।
- उदाहरण: पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश (कुछ क्षेत्र), दिल्ली।
4. शुष्क और अर्ध-शुष्क जलवायु (Desert and Semi-Desert Climate)
- प्राकृतिक स्थिति: यह जलवायु मुख्य रूप से राजस्थान के थार मरुस्थल में पाई जाती है, और साथ ही गुजरात के कुछ हिस्सों में भी मिलती है।
- मुख्य विशेषताएँ:
- वर्षा की मात्रा 100-500 मिमी के बीच होती है, जो अत्यंत कम होती है।
- यहाँ का तापमान गर्मियों में 40°C-50°C तक पहुँच सकता है, और सर्दियों में ठंडा होता है।
- यहाँ की प्रमुख फसलें बाजरा, ज्वार, तिलहन और फलियाँ होती हैं।
- यहाँ जल स्रोतों की कमी होती है, और भूमिगत जल का उपयोग अधिक किया जाता है।
- उदाहरण: जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर, कच्छ क्षेत्र, और गुजरात के कुछ हिस्से।
5. हिमालयी जलवायु (Himalayan Climate)
- प्राकृतिक स्थिति: यह जलवायु भारत के हिमालय क्षेत्र के ऊँचे इलाकों में पाई जाती है, जैसे जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में।
- मुख्य विशेषताएँ:
- यहाँ का तापमान पूरे वर्ष में ठंडा रहता है, और सर्दियों में बर्फबारी होती है।
- वर्षा यहाँ बर्फ के रूप में होती है, और यह क्षेत्र मानसून के दौरान अधिक वर्षा प्राप्त करता है।
- वार्षिक वर्षा 1,500-2,500 मिमी तक हो सकती है।
- यहाँ की वनस्पति में शंकुधारी पेड़ और बर्फीले क्षेत्र होते हैं।
- उदाहरण: कश्मीर घाटी, मनाली, नैनीताल, दार्जिलिंग।
6. समशीतोष्ण जलवायु (Temperate Climate)
- प्राकृतिक स्थिति: यह जलवायु भारत के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में पाई जाती है, जैसे ऊँचे हिमालयी क्षेत्र और पश्चिमी घाट के कुछ ऊँचे इलाकों में।
- मुख्य विशेषताएँ:
- यहाँ का तापमान शीतल होता है और सर्दियों में बर्फबारी होती है।
- वर्षा पूरे वर्षभर होती है, लेकिन मानसून के दौरान यह अधिक होती है।
- औसत वार्षिक वर्षा 1,000-2,000 मिमी होती है।
- यहाँ की वनस्पति में घने जंगल, शंकुधारी पेड़ और समृद्ध जैव विविधता होती है।
- उदाहरण: मसूरी, नैनीताल, माउंट आबू, और कश्मीर के ऊँचे इलाकों में।
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