ज्वालामुखीय राख, गैस, और टेफ्रा ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान उत्पन्न होने वाले विभिन्न प्रकार के सामग्री हैं। ये सभी ज्वालामुखीय गतिविधियों के महत्वपूर्ण उत्पाद हैं और इनके अध्ययन से ज्वालामुखीय प्रक्रियाओं और उनके प्रभावों को समझने में मदद मिलती है।
आइए इन्हें विस्तार से जानें:
1. ज्वालामुखीय राख (Volcanic Ash)
- परिभाषा: ज्वालामुखीय राख छोटे, सूक्ष्म कणों के रूप में होती है जो ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान हवा में फैलती हैं। ये कण आमतौर पर 2 मिमी से छोटे होते हैं।
- विशेषताएँ:
- रासायनिक संरचना: इसमें मुख्य रूप से सिलिका, एल्यूमीनियम, और लौह ऑक्साइड होते हैं।
- प्रभाव: राख हवा में फैलकर व्यापक क्षेत्रों में पहुँच सकती है और स्वास्थ्य समस्याएँ, कृषि पर प्रभाव, और परिवहन में बाधाएँ उत्पन्न कर सकती है।
- उदाहरण: 1980 में सेंट हेलेन्स ज्वालामुखी के विस्फोट से उत्पन्न राख ने आस-पास के क्षेत्रों को प्रभावित किया था।
2. ज्वालामुखीय गैस (Volcanic Gas)
- परिभाषा: ज्वालामुखीय गैसें वे गैसें होती हैं जो ज्वालामुखी गतिविधियों के दौरान निकलती हैं। ये गैसें magma के अंदर से उत्पन्न होती हैं और विस्फोट के दौरान वायुमंडल में छोड़ दी जाती हैं।
- प्रकार:
- पानी के वाष्प (Water Vapor): यह सबसे सामान्य ज्वालामुखीय गैस है।
- कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂): यह एक महत्वपूर्ण ग्रीनहाउस गैस है और ज्वालामुखी से निकलने वाली गैसों में से एक है।
- सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂): यह गैस वातावरण में जाकर एसिड वर्षा का कारण बन सकती है।
- हाइड्रोजन सल्फाइड (H₂S): यह गैस तीव्र गंध के साथ होती है और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है।
- प्रभाव: ज्वालामुखीय गैसें वायुमंडल को प्रभावित कर सकती हैं, जलवायु परिवर्तन का कारण बन सकती हैं, और मानव स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डाल सकती हैं।
3. टेफ्रा (Tephra)
- परिभाषा: टेफ्रा उस सामग्री को संदर्भित करता है जो ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान वायुमंडल में फेंकी जाती है। इसमें राख, प्यूमिस, और अन्य ठोस सामग्री शामिल होती हैं।
- प्रकार:
- विफलन (Pumice): हल्की और झागदार चट्टान जो जल में तैर सकती है। यह ज्वालामुखीय विस्फोट के दौरान बनती है।
- लैपिलि (Lapilli): ये 2 मिमी से 64 मिमी के बीच के छोटे कण होते हैं, जो विस्फोट के दौरान वायुमंडल में फैलते हैं।
- बोल्डर (Blocks): ये बड़े ठोस टुकड़े होते हैं जो विस्फोट के समय बाहर निकलते हैं।
- प्रभाव: टेफ्रा के संचय से भूमि का आकार और भूगोल बदल सकता है। यह कृषि, पारिस्थितिकी, और मानव बस्तियों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
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