कडप्पा प्रणाली की आयु और भूगर्भीय विशेषताएँ
1. आयु
- गठन काल: कडप्पा प्रणाली की चट्टानें लगभग 2000 से 1600 मिलियन वर्ष पूर्व की हैं। यह समय प्रारंभिक प्राचीनतम युग (Archean) से संबंधित है और इसे प्री-कैम्ब्रियाई युग के अंतर्गत वर्गीकृत किया जा सकता है।
- भूवैज्ञानिक समय: यह प्रणाली भारतीय प्लेट के विकास और पृथ्वी के प्रारंभिक भूगर्भीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे भारतीय भूविज्ञान के विकास में महत्वपूर्ण माना जाता है।
2. भूगर्भीय विशेषताएँ
- चट्टानों के प्रकार: कडप्पा प्रणाली में विभिन्न प्रकार की चट्टानें पाई जाती हैं:
- जैविक चट्टानें: ये जीवाश्मों और जैविक अवशेषों से युक्त होती हैं।
- अवसादी चट्टानें: ये बलुआ पत्थर, चूना पत्थर, और मिट्टी के पत्थर जैसी चट्टानें हैं, जो विभिन्न भूगर्भीय प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप बनी हैं।
- आधार चट्टानें: इनमें क्रिस्टललाइन चट्टानें, जैसे ग्रेनाइट और ग्नैसिस, शामिल हैं।
- भूगर्भीय संरचना:
- कडप्पा प्रणाली का क्षेत्र मुख्य रूप से अवसादी और क्रिस्टललाइन चट्टानों का मिश्रण है।
- इसके भौगोलिक क्षेत्र में विभिन्न चट्टानों की परतें एक-दूसरे के ऊपर पाई जाती हैं, जो भूगर्भीय गतिविधियों का परिणाम हैं।
- टेक्टोनिक गतिविधियाँ:
- कडप्पा प्रणाली का गठन टेक्टोनिक गतिविधियों, जैसे प्लेट विवर्तनिकी और ज्वालामुखीय गतिविधियों के परिणामस्वरूप हुआ है। यह भूगर्भीय रूपांतरण के दौरान चट्टानों की उत्पत्ति और विकृति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- खनिज संसाधन:
- इस प्रणाली में विभिन्न प्रकार के खनिज पाए जाते हैं, जैसे कि लौह अयस्क, चूना पत्थर, और अन्य औद्योगिक खनिज, जो इसके आर्थिक महत्व को बढ़ाते हैं।
3. जलवायु और पारिस्थितिकी
- कडप्पा प्रणाली का क्षेत्र विविध जलवायु परिस्थितियों का अनुभव करता है, जो इसके भूगर्भीय विशेषताओं को प्रभावित करते हैं। यहाँ की जलवायु मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय है, जो विभिन्न प्रकार की पारिस्थितिकी तंत्रों को समर्थन देती है।
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