सक्रिय ज्वालामुखी वे ज्वालामुखी हैं जो हाल के इतिहास में विस्फोटित हुए हैं या जिनमें गतिविधि अभी भी जारी है। ये ज्वालामुखी तब सक्रिय माने जाते हैं जब वे लावा, गैस, और अन्य पदार्थों को पृथ्वी की सतह पर निकालते हैं। सक्रिय ज्वालामुखी की गतिविधि अक्सर भूकंपों और ज्वालामुखीय विस्फोटों से जुड़ी होती है।
सक्रिय ज्वालामुखी के प्रमुख लक्षण
- लावा प्रवाह: सक्रिय ज्वालामुखियों से लावा का प्रवाह होना। यह लावा धीरे-धीरे बाहर निकल सकता है या विस्फोट के रूप में तेजी से फैल सकता है।
- गैसों का उत्सर्जन: सक्रिय ज्वालामुखियों से विभिन्न गैसों, जैसे कि सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, और जल वाष्प का उत्सर्जन होता है।
- धूल और राख का फैलाव: विस्फोट के दौरान ज्वालामुखी से भारी मात्रा में राख और धूल वातावरण में फैल सकती है, जो आसपास के क्षेत्र में जीवन को प्रभावित कर सकती है।
- भूकंप: ज्वालामुखी के आसपास भूकंपों की गतिविधि बढ़ सकती है, जो यह संकेत देती है कि magma चेंबर में दबाव बढ़ रहा है।
विश्व में प्रमुख सक्रिय ज्वालामुखी
- माउंट सेंट हेलेंस (Mount St. Helens), अमेरिका:
- 1980 में बड़ा विस्फोट हुआ, जिसके बाद से यह ज्वालामुखी सक्रिय बना हुआ है।
- किलाउआ (Kilauea), हवाई:
- यह एक बहुत ही सक्रिय ज्वालामुखी है, जो लगातार लावा प्रवाह कर रहा है।
- माउंट फूजी (Mount Fuji), जापान:
- यह जापान का सबसे प्रसिद्ध ज्वालामुखी है, जो 1707 में अंतिम बार सक्रिय हुआ था। हालाँकि, इसकी सक्रियता का स्तर कम है, लेकिन यह अभी भी एक सक्रिय ज्वालामुखी माना जाता है।
- एतना (Mount Etna), इटली:
- यूरोप का सबसे सक्रिय ज्वालामुखी, जो लगातार विस्फोटित होता है।
- केंया वॉटरिंग (Mount Kenya), केन्या:
- यह ज्वालामुखी भी सक्रिय है और इसके आसपास के क्षेत्रों में भूगर्भीय गतिविधियाँ देखी जाती हैं।
सक्रिय ज्वालामुखियों का महत्व
- भूवैज्ञानिक अध्ययन: सक्रिय ज्वालामुखी पृथ्वी की आंतरिक प्रक्रियाओं को समझने में महत्वपूर्ण होते हैं। भूविज्ञानियों के लिए ये अध्ययन के एक महत्वपूर्ण विषय होते हैं।
- पर्यावरण पर प्रभाव: ज्वालामुखीय गतिविधियाँ जलवायु परिवर्तन, पारिस्थितिकी तंत्र और मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकती हैं।
- आर्थिक महत्व: कई सक्रिय ज्वालामुखी क्षेत्रों में खनिज संसाधन होते हैं, जो आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होते हैं।
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