BPSC परीक्षा द्वारा बिहार सरकार की सिविल सेवाओं में उच्च पदों पर सीधी नियुक्ति होने के कारण इसे राज्य सरकार की सर्वाधिक प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं में सम्मिलित किया जाता है। इस परीक्षा द्वारा बिहार प्रशासनिक सेवा, बिहार पुलिस सेवा, बिहार वित्त सेवा, बिहार शिक्षा सेवा आदि पदों पर नियुक्ति की जाती है। BPSC परीक्षा की तैयारी भी लगभग संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा की तरह ही की जाती है, अंतर यह है कि BPSC के लिये बिहार से संबंधित इतिहास, कला-संस्कृति, भूगोल, आर्थिक पहलुओं, बिहार के प्रशासन एवं बिहार से संबंधित समसामयिक घटनाओं के संबंध में विशेष तैयारी करनी होती है। BPSC प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा की तैयारी हेतु इससे संबंधित पाठ्यक्रम को भली-भाँति पढ़ना और समझना ज़रूरी है।
प्रारंभिक परीक्षा दो घंटे की होती है, जिसमें सामान्य अध्ययन का एक प्रश्नपत्र 150 अंकों का होता है। प्रश्नपत्र हिन्दी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में छपे होते हैं। प्रश्नों की कुल संख्या 150 होती है। सभी प्रश्न वस्तुनिष्ठ प्रकृति के बहुविकल्पीय होते हैं। प्रारंभिक परीक्षा की प्रकृति में संशोधन करके 68वीं BPSC प्रारंभिक परीक्षा से गलत उत्तर के लिये निगेटिव मार्किंग (एक चौथाई – ¼ या 0.25 अंक) का प्रावधान किया गया है। प्रारंभिक परीक्षा महज जाँच परीक्षा होती है, जिसके आधार पर मुख्य परीक्षा हेतु उम्मीदवारों का चयन किया जाता है। अत: इसमें प्राप्त किये गए अंकों का मुख्य परीक्षा से कोई संबंध नहीं होता है। इसमें उत्तीर्णता अनिवार्य होती है और इसके लिये आयोग द्वारा निर्धारित न्यूनतम अर्हतांक प्राप्त करना होता है।
प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य विज्ञान, राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की समसामयिक घटनाएँ, भारत का इतिहास तथा बिहार के इतिहास की प्रमुख विशेषताएँ, सामान्य भूगोल, बिहार के प्रमुख भौगोलिक प्रभाग तथा यहाँ की महत्त्वपूर्ण नदियाँ, भारत की राजव्यवस्था और अर्थव्यवस्था, आज़ादी के पश्चात् बिहार की अर्थव्यवस्था के प्रमुख परिवर्तन, भारत का राष्ट्रीय आंदोलन तथा इसमें बिहार का योगदान एवं सामान्य मानसिक योग्यता को जाँचने वाले प्रश्न होंगे।
- सामान्य विज्ञान के अंतर्गत दैनिक अनुभव तथा प्रेक्षण से संबंधित विषयों सहित विज्ञान की सामान्य जानकारी तथा परिबोध पर ऐसे प्रश्न पूछे जाते हैं, जिसकी किसी भी सुशिक्षित व्यक्ति से अपेक्षा की जा सकती है, जिसने वैज्ञानिक विषयों का विशेष अध्ययन नहीं किया है।
- इतिहास के अंतर्गत विषय के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में विषय की सामान्य जानकारी पर विशेष ध्यान दिया जाता है। परीक्षार्थियों से आशा की जाती है कि वे बिहार के इतिहास की मुख्य घटनाओं से परिचित हों।
- भूगोल में ‘भारत तथा बिहार’ के भूगोल पर विशेष ध्यान दिया जाता है। ‘भारत तथा बिहार का भूगोल’ के अंतर्गत देश के सामाजिक तथा आर्थिक भूगोल से संबंधित प्रश्न होते हैं, जिनमें भारतीय कृषि तथा प्राकृतिक संसाधनों की प्रमुख विशेषताएँ सम्मिलित होती हैं।
- भारत की राजव्यवस्था और अर्थव्यवस्था के अंतर्गत देश की राजनीतिक प्रणाली, पंचायती राज, सामुदायिक विकास तथा भारतीय योजना (बिहार के संदर्भ में भी) संबंधी जानकारी का परीक्षण किया जाता है।
‘भारत के राष्ट्रीय आंदोलन’ के अंतर्गत उन्नीसवीं शताब्दी के पुनरुत्थान के स्वरूप और स्वभाव, राष्ट्रीयता का विकास तथा स्वतंत्रता प्राप्ति से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। परीक्षार्थियों से आशा की जाती है कि वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बिहार की भूमिका पर पूछे गए प्रश्नों के भी उत्तर दें।
नोट: BPSC द्वारा अब समान प्रकृति वाले पदों के लिये होने वाली अलग-अलग प्रारंभिक परीक्षाओं की जगह साल में संयुक्त रूप से एक ही कॉमन प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद उसके स्कोर के आधार पर अभ्यर्थियों को अलग-अलग मुख्य (लिखित) परीक्षा में बैठने की अनुमति मिलेगी। यह बदलाव 69वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा से लागू किया जाएगा।
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