विषय | पूर्णांक | परीक्षा की अवधि |
सामान्य हिन्दी | 100 अंक | 3 घंटे |
सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र – I | 300 अंक | 3 घंटे |
सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र – II | 300 अंक | 3 घंटे |
निबंध | 300 अंक | 3 घंटे |
वैकल्पिक विषय (MCQ आधारित) | 100 अंक | 2 घंटे |
टिप्पणी: सामान्य अध्ययन- I, सामान्य अध्ययन- II तथा निबंध में प्राप्त अंकों के आधार पर ही मुख्य परीक्षा की मेधा सूची तैयार की जाएगी।
नोट: 1. सामान्य हिन्दी में 30 प्रतिशत लब्धांक (अंक) प्राप्त करना अनिवार्य है, किंतु मेधा निर्धारण के प्रयोजनार्थ इसकी गणना नहीं की जाती है।
- वैकल्पिक विषय में बिहार राज्य सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम प्राप्तांक (सामान्य वर्ग-40%, पिछड़ा वर्ग-36.5%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग-34%, अनुसूचित जाति/जनजाति, महिलाएँ तथा दिवयांग-32%) करना अनिवार्य होगा परंतु मेधा निर्धारण के प्रयोजनार्थ इसकी गणना नहीं की जाएगी।
वैकल्पिक विषय (MCQ पर आधारित)- प्रत्येक विषय 100 अंकों का (परीक्षा की अवधि 2 घंटे की)
विषय | विषय |
कृषि विज्ञान | पशुपालन तथा पशु चिकित्सा विज्ञान |
मानव विज्ञान | वनस्पति विज्ञान |
रसायन विज्ञान | सिविल इंजीनियरिंग |
वाणिज्यिक शास्त्र तथा लेखा विधि | अर्थशास्त्र |
विद्युत इंजीनियरिंग | भूगोल |
भू-विज्ञान | इतिहास |
श्रम एवं समाज कल्याण | विधि |
प्रबंध | गणित |
यांत्रिक इंजीनियरिंग | दर्शनशास्त्र |
भौतिकी | राजनीति विज्ञान तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध |
मनोविज्ञान | लोक प्रशासन |
समाजशास्त्र | सांख्यिकी |
प्राणी विज्ञान | हिन्दी भाषा और साहित्य |
अंग्रेज़ी भाषा और साहित्य | उर्दू भाषा और साहित्य |
बांग्ला भाषा और साहित्य | संस्कृत भाषा और साहित्य |
फारसी भाषा और साहित्य | अरबी भाषा और साहित्य |
पालि भाषा और साहित्य | मैथिली भाषा और साहित्य |
अनिवार्य विषय
सामान्य हिन्दी
इस प्रश्नपत्र में प्रश्न बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के माध्यमिक (सेकेंडरी) स्तर के होंगे। इस परीक्षा में सरल हिन्दी में अपने भावों को स्पष्टत: एवं शुद्ध-शुद्ध रूप में व्यक्त करने की क्षमता और सहज बोध शक्ति की जाँच समझी जाएगी। अंकों का विवरण निम्न प्रकार होगा-
निबंध – 30 अंक
व्याकरण – 30 अंक
वाक्य-विन्यास – 25 अंक
संक्षेपण – 15 अंक
इसके अंतर्गत दो प्रश्नपत्र होंगे-
1. भारत का आधुनिक इतिहास और भारतीय संस्कृति
2. राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व का वर्तमान घटनाचक्र
3. सांख्यिकीय विश्लेषण, आरेखन व चित्रण
1. भारतीय राजव्यवस्था
2. भारतीय अर्थव्यवस्था और भारत का भूगोल
3. भारत के विकास में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका और प्रभाव
प्रश्नपत्र-I में आधुनिक भारत (तथा बिहार के विशेष संदर्भ में) के इतिहास और भारतीय संस्कृति के अंतर्गत लगभग उन्नीसवीं शताब्दी के मध्य भाग से लेकर देश के इतिहास की रूपरेखा के साथ-साथ गांधी, रवीन्द्र और नेहरू से संबंधित प्रश्न भी सम्मिलित होंगे। बिहार के आधुनिक इतिहास के संदर्भ में प्रश्न इस क्षेत्र में पाश्चात्य शिक्षा (प्रौद्योगिकी शिक्षा समेत) के आरंभ और विकास से पूछे जाएंगे। इसमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बिहार की भूमिका से संबंधित प्रश्न रहेंगे। ये प्रश्न मुख्यत: संथाल विद्रोह, बिहार में 1857 की क्रांति, बिरसा का आंदोलन, चंपारण सत्याग्रह तथा 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन से पूछे जाएंगे। परीक्षार्थियों से आशा की जाती है कि वे मौर्य काल तथा पाल काल की कला और पटना कलम चित्रकला की मुख्य विशेषताओं से परिचित होंगे। सांख्यिकीय विश्लेषण, आरेखन और सचित्र निरूपण से संबंधित विषयों में सांख्यिकीय आरेखन या चित्रात्मक रूप से प्रस्तुत सामग्री की जानकारी के आधार पर सहज बुद्धि का प्रयोग करते हुए कुछ निष्कर्ष निकालना और उसमें पाई गई कमियों, सीमाओं और असंगतियों का निरूपण करने की क्षमता की परीक्षा होगी।
प्रश्नपत्र-II में भारतीय राजव्यवस्था से संबंधित खंड में भारत की (तथा बिहार की) राजनीतिक व्यवस्था से संबंधित प्रश्न होंगे। भारतीय अर्थव्यवस्था और भारत तथा बिहार के भूगोल से संबंधित खंड में भारत की योजना और भारत के भौतिक, आर्थिक और सामाजिक भूगोल से संबंधित प्रश्न पूछ जाएंगे। भारत के विकास में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के महत्त्व और प्रभाव से संबंधित तीसरे खंड में ऐसे प्रश्न पूछे जाएंगे, जो भारत तथा बिहार में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के महत्त्व के बारे में उम्मीदवार की जानकारी की परीक्षा करे। इनमें प्रायोगिक पक्ष पर बल दिया जाएगा।
- यूपीएससी पैटर्न पर
- बिहार संबंधित विषय
निबंध का पेपर 300 अंकों का होगा। यह प्रश्नपत्र तीन भागों में विभक्त होगा। पहले और दूसरे भाग का निबंध यूपीएससी पैटर्न पर आधारित होगा जबकि तीसरे भाग में बिहार ओरिएंटेड विषय पर निबंध होगा।
बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम पर आधारित वैकल्पिक विषय 100 अंकों का होगा जो अब वस्तुनिष्ठ प्रकृति का होगा। और साथ ही इसमें आयोग द्वारा निर्धारित न्यूनतम प्राप्तांक अर्जित करना अनिवार्य होगा परंतु मेधा निर्धारण में इसकी गणना नहीं की जाएगी। वहीं पूरे पाठ्यक्रम को मिलाकर (खंड-1 और खंड 2) एक प्रश्नपत्र होगा।
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