प्रश्न 1: क्या मॉक टेस्ट देने से BPSC प्रारंभिक परीक्षा में कोई लाभ होगा ? यदि हाँ, तो क्या?
उत्तर: मॉक टेस्ट का प्रयास करना BPSC प्रारंभिक परीक्षाओं के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप परीक्षा में तनाव को नियंत्रित करना सीखते हैं, साथ ही समय प्रबंधन की क्षमता में भी सुधार होता है।
मॉक टेस्ट देने से आपको यह पता चलता है कि आपके प्रतिस्पर्धियों की तुलना में आपका स्तर क्या है। साथ ही अलग-अलग परीक्षाओं में आप यह देखने के लिए प्रयोग कर सकते हैं कि प्रश्नों को किस क्रम में व्यवस्थित किया गया है जो आपको सबसे अच्छे परिणाम देता है। इन प्रयोगों के आधार पर आप अपनी परीक्षा की रणनीति तय कर सकते हैं।
ध्यान रखें कि ये सभी लाभ तभी उपलब्ध होंगे जब आपने मॉक टेस्ट सीरीज़ को सावधानी से चुना होगा।
प्रश्न 2: BPSC प्रारंभिक परीक्षा में प्रश्नों को किस क्रम में हल करना चाहिए? क्या किसी विशेष क्रम से लाभ होता है?
उत्तर: सभी के लिए उत्तर एक नहीं हो सकता। अगर आप सामान्य अध्ययन के सभी विषयों में सहज हैं और आपकी गति भी संतोषजनक है तो आप किसी भी क्रम में प्रश्न हल करके सफल हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में, जिस क्रम में प्रश्न आते हैं, उन्हें उसी क्रम में करते हुए, उन्हें बढ़ाना बेहतर होता है। लेकिन अगर आपकी स्थिति इतनी सुरक्षित नहीं है तो आपको प्रश्नों के क्रम पर विचार करना चाहिए। ऐसी स्थिति में, सबसे पहले उन प्रश्नों को हल करें जिनमें कम से कम समय लगता है।
अगर आपको बिहार राज्य के बारे में अच्छी जानकारी है तो आपको पहले उससे जुड़े 15 से 20 सवाल हल करने चाहिए क्योंकि इससे समय कम लगेगा और जवाब सही होने की संभावना भी ज़्यादा होगी। इन 15-20 सवालों को हल करने के बाद आपकी स्थिति काफ़ी मज़बूत हो जाएगी। उसके बाद आप जल्दी-जल्दी उन सवालों को पूछ सकते हैं जिनमें आप सहज हैं और जो आपकी सीमाओं से बाहर हैं उन्हें छोड़ सकते हैं। जिन सवालों के बारे में आपको लगता है कि अगर आपको पर्याप्त समय मिले तो उन्हें हल किया जा सकता है, उनके लिए एक निशान छोड़ दें।
एक सुझाव यह भी हो सकता है कि लगातार एक ही तरह के सवाल हल करने से बचें। अगर आपका मन करे तो बीच-बीच में कुछ गणित या रीजनिंग के सवाल हल करें, फिर दूसरे सवाल हल करें।
प्रश्न 3: बीपीएससी परीक्षा में समय प्रबंधन सबसे बड़ी चुनौती बन जाती है, इसके लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर: पिछले प्रश्न के उत्तर में दिए गए सुझावों पर ध्यान दें। इसके अलावा, परीक्षा से पहले मॉक टेस्ट सीरीज़ में भाग लें और प्रत्येक पेपर में यह परखें कि प्रश्न के किस भाग को कवर करने के लिए कितना समय मिलता है। यदि आप पहले से ही अधिक समय लेने वाले प्रश्नों की पहचान कर लेंगे, तो परीक्षा में समय बर्बाद नहीं होगा। बार-बार अभ्यास करने से गति बढ़ाई जा सकती है।
प्रश्न 4: BPSC प्रारंभिक परीक्षा में गणित से कितने प्रश्न पूछे जाते हैं? मैं शुरू से ही गणित में कमजोर रहा हूँ, क्या मैं यह परीक्षा पास कर सकता हूँ?
उत्तर: हां, आप निश्चित रूप से सफल हो सकते हैं। BPSC प्रारंभिक परीक्षा में गणित और रीजनिंग से लगभग 10-12 प्रश्न पूछे जाते हैं जो मुख्य रूप से मैट्रिकुलेशन स्तर/इंटरमीडिएट स्तर के होते हैं। ये प्रश्न सरल प्रकृति के होते हैं, इसलिए इन्हें कम प्रयास से हल किया जा सकता है। हो सके तो गणित और रीजनिंग में कुछ ऐसे टॉपिक तैयार करें जो आपको समझ में आते हों और जिनसे अक्सर प्रश्न पूछे जाते हों।
प्रश्न 5: बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में बिहार राज्य के संदर्भ में कितने प्रश्न पूछे जाते हैं? इसकी तैयारी कैसे करें?
उत्तर: BPSC प्रारंभिक परीक्षा में राज्य विशेष के संदर्भ में लगभग 15-20 प्रश्न पूछे जाते हैं। सामान्य अध्ययन के इस पेपर में कुल 150 प्रश्नों में से 15-20 प्रश्न केवल बिहार राज्य विशेष के संदर्भ में पूछे जाते हैं, इससे इस विषय का महत्व स्वयं ही स्पष्ट हो जाता है।
बिहार राज्य विशेष के संदर्भ में ऐतिहासिक घटनाओं, स्वतंत्रता संग्राम में बिहार की भूमिका तथा भूगोल विषय में भारत और बिहार के भूगोल पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसी प्रकार प्रारंभिक परीक्षा के सम्पूर्ण पाठ्यक्रम का अध्ययन बिहार राज्य के संदर्भ में करना लाभदायक रहता है। बाजार में उपलब्ध किसी भी पुस्तक का अध्ययन बिहार राज्य विशेष के संदर्भ में किया जा सकता है।
कुछ आसान प्रश्नों के अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए बिहार सरकार के हालिया बजट और आर्थिक सर्वेक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है।
प्रश्न 6: क्या ओ.एम.आर. शीट पर दिए गए सभी प्रश्नों के उत्तर एक साथ भरने चाहिए या उत्तर चुनते समय एक साथ भरने चाहिए?
उत्तर: बेहतर होगा कि 4-5 प्रश्नों के उत्तर निकालकर शीट पर भर दें। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर अलग-अलग ओएमआर में भरने से भरने में अधिक समय लगेगा। वहीं, कई बार ऐसा भी होता है कि कई अभ्यर्थी समय की कमी के कारण अंत में ओएमआर भरे बिना ही रह जाते हैं।
ऐसी दुर्घटना से बचने का सही तरीका यह है कि 4-5 प्रश्नों के उत्तर एक साथ भरते रहें। चूँकि गोलों को काले या नीले बॉलपॉइंट पेन से भरना है, इसलिए उन्हें भरते समय विशेष सावधानी बरतें। व्हाइटनर का इस्तेमाल कभी न करें।
प्रश्न 7: ‘कट-ऑफ’ क्या है? BPSC परीक्षा में इसका निर्धारण कैसे किया जाता है?
उत्तर: ‘कट-ऑफ’ का अर्थ है वह न्यूनतम अंक जिसके द्वारा कोई अभ्यर्थी परीक्षा में सफल हुआ है। हर साल बिहार पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के परिणाम से कट-ऑफ तय होता है। ‘कट-ऑफ’ या उससे अधिक अंक लाने वाले अभ्यर्थी सफल घोषित किए जाते हैं और बाकी असफल। आरक्षण व्यवस्था के तहत अलग-अलग श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए कट-ऑफ अलग-अलग होता है।
BPSC प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य अध्ययन का केवल एक ही पेपर होता है, जिसमें प्रश्नों की कुल संख्या- 150 एवं अधिकतम अंक- 150 निर्धारित है, अतः इस पेपर में अभ्यर्थियों द्वारा प्राप्त अंकों के आधार पर ही ‘कट-ऑफ’ निर्धारित किया जाता है।
कट-ऑफ की प्रकृति निश्चित नहीं है, यह हर साल बदलती रहती है। इसका निर्धारण सीटों की संख्या, प्रश्न-पत्रों के कठिनाई स्तर तथा अभ्यर्थियों की संख्या और गुणवत्ता जैसे कारकों पर निर्भर करता है। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए सामान्यतः 60-70% अंक आवश्यक होते हैं, लेकिन कभी-कभी प्रश्नों के कठिनाई स्तर को देखते हुए यह प्रतिशत कम भी हो सकता है। जैसे- 56-59वीं BPSC। प्रारंभिक परीक्षा का ‘कट-ऑफ’ 87 था, जो 60% से कम है, जबकि 60-62वीं BPSC। प्रारंभिक परीक्षा का कट-ऑफ 97 था। 68 वीं प्रारंभिक परीक्षा का कट-ऑफ 91 था।
इसी प्रकार मुख्य परीक्षा में भी कट-ऑफ निर्धारित होती है, जिसमें सामान्य परिस्थितियों में उत्तीर्ण होने के लिए 60-65% अंक लाना अनिवार्य होता है। यदि प्रश्नपत्र आसान होंगे तो कट-ऑफ बढ़ जाएगी तथा विपरीत परिस्थितियों में स्वतः ही कम हो जाएगी।
प्रश्न 8: बीपीएससी मुख्य परीक्षा में क्वालीफाइंग हिंदी प्रश्नपत्र का क्या मतलब है? इसकी तैयारी कैसे करें?
उत्तर: BPSC मुख्य परीक्षा में हिंदी के प्रश्नपत्र को उत्तीर्ण करने का अर्थ है कि इसमें न्यूनतम 30% अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। चूँकि इस पेपर के लिए अधिकतम 100 अंक निर्धारित हैं, इसलिए अभ्यर्थियों को अपनी सफलता सुनिश्चित करने के लिए इस पेपर में न्यूनतम 30 अंक या उससे अधिक अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
इस प्रश्नपत्र में 30 से कम अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों की अन्य प्रश्नपत्रों की कॉपियों का मूल्यांकन नहीं किया जाता है, अतः अन्य प्रश्नपत्रों में प्रदर्शन के बावजूद हिन्दी प्रश्नपत्र में अर्हक अंक प्राप्त करना अनिवार्य है।
‘सामान्य हिंदी’ में अर्हक अंक प्राप्त करने के लिए हिंदी व्याकरण (उपसर्ग, प्रत्यय, विलोम आदि) की समझ, संक्षिप्त सारांश, अपठित गद्यांशों का अच्छा ज्ञान आदि आवश्यक है। इसके लिए वासुदेव नंदन, हरदेव बाहरी द्वारा लिखित हिंदी पुस्तकों का गहन अध्ययन करना तथा उपरोक्त विषयों पर निरंतर लेखन कार्य करना लाभदायक रहेगा।
प्रश्न 9: बीपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए वैकल्पिक विषय चुनते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
उत्तर: BPSC द्वारा किए गए नए बदलावों के अनुसार, अब वैकल्पिक पेपर 100 अंकों का होगा और क्वालीफाइंग प्रकृति का होगा। प्रश्न बहुविकल्पीय आधारित होंगे। वैकल्पिक पेपर चुनना विषय के साथ आपकी परिचितता पर निर्भर करता है।
प्रश्न 10: BPSC मुख्य परीक्षा में प्रथम प्रश्नपत्र में पूछे गए सांख्यिकी प्रश्नों का अंकों की दृष्टि से क्या योगदान है? इसे हल करने के लिए क्या रणनीति अपनानी चाहिए?
उत्तर: बीपीएससी मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन के प्रथम पत्र के तृतीय खण्ड में सांख्यिकी विश्लेषण, रेखांकन एवं चित्रण से 72 अंकों के प्रश्न पूछे गये हैं, जिन्हें आपको आयोग द्वारा दी गयी उत्तर-पुस्तिका में हल करना है।
इसलिए इस खंड का निरंतर अभ्यास करना चाहिए। इन प्रश्नों की प्रकृति आसान है, इसके लिए प्रतिदिन पिछले वर्षों में पूछे गए प्रश्नों का अभ्यास करना लाभदायक है। अभ्यास के लिए सांख्यिकी की NCERT पुस्तक का उपयोग किया जा सकता है।
प्रश्न 11: मॉडरेशन का क्या मतलब है? यह BPSC मुख्य परीक्षा के वैकल्पिक विषयों में कैसे लागू होता है?
उत्तर: मॉडरेशन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा आयोग विभिन्न विषयों, उनमें उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों की संख्या और पेपर की गुणवत्ता आदि के आधार पर समानता स्थापित करता है, जिसके लिए वह एक जटिल सांख्यिकीय सूत्र का उपयोग करता है। मॉडरेशन का यह तरीका केवल वैकल्पिक विषयों पर लागू होता है, सामान्य अध्ययन के पेपर पर नहीं।
मॉडरेशन को लेकर बहुत सी भ्रामक बातें बताई जाती हैं, आपको ऐसी अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। यह मत भूलिए कि अंततः आपका चयन आपके अंकों से ही होता है, न कि इधर-उधर के तर्कों से। इसलिए मुख्य परीक्षा के वैकल्पिक विषयों में अधिकतम अंक प्राप्त करने के लिए अपनी लेखन शैली और उसकी निरंतरता पर विशेष ध्यान देना चाहिए। यदि आप अपने विषय में अच्छे अंक प्राप्त करते हैं तो मॉडरेशन का बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ता है। मुख्य परीक्षा के वैकल्पिक विषय में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए आप परीक्षा से पहले किसी भी मॉक टेस्ट सीरीज में शामिल हो सकते हैं। कुछ चुनिंदा विषयों (हिंदी साहित्य, इतिहास और भूगोल) के लिए ‘दृष्टि’ मॉक टेस्ट सीरीज सबसे अच्छी है, जिसमें आप जून से नवंबर तक बहुत सारे टेस्ट दे सकते हैं।
प्रश्न 12: BPSC द्वारा आयोजित परीक्षाओं में साक्षात्कार की क्या भूमिका है? इसकी तैयारी कैसे करें?
उत्तर: वर्तमान संशोधन के अनुसार BPSC द्वारा आयोजित इस परीक्षा में साक्षात्कार हेतु 120 अंक निर्धारित कर दिए गए हैं। चूँकि अंतिम मेधा सूची मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में प्राप्त अंकों के योग के आधार पर तैयार की जाती है, इसलिए इन परीक्षाओं में अंतिम चयन में साक्षात्कार की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
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