लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना
बिहार राज्य के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी ने विधवा महिलाओं की आर्थिक मदद के लिए लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा योजना को शुरू किया है।
इस योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही सभी विधवा महिलाओं को प्रतिमाह ₹400 की पेंशन राशि प्रदान की जाएगी।
बीपीएल (BPL) परिवार के ऐसी महिलाएं जिनकी उम्र 18 वर्ष य से अधिक हो वह सभी इस योजना का लाभ उठा सकती है। इसके लिए उन्हें बस ऑनलाइन या ऑफलाईन माध्यम से आवेदन करना होगा।
लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का उद्देश्य
बिहार सरकार द्वारा शुरू किए गए इस योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रुप से कमजोर विधवा महिलाओं को पेंशन प्रदान करना है।
जिन महिलाओं के पति की मृत्यु हो जाती है उन्हें बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उनके पास जीवन यापन करने के लिए कोई रोजगार या आय का साधन नहीं होता है। इसलिए सरकार द्वारा इस योजना को शुरू किया गया है, जिसके माध्यम से लाभार्थियों को प्रतिमाह ₹400 की पेंशन राशि दी जाएगी, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा और राज्य की विधवा महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त एवं आत्मनिर्भर बन पाएंगी।
मुख्य विशेषताएँ:
- मासिक पेंशन: योजना के तहत विधवाओं को मासिक पेंशन प्रदान की जाती है।
- प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT): पेंशन की राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।
- पात्रता: योजना का लाभ उन विधवाओं को मिलता है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और जिनके पास आय का कोई स्थायी स्रोत नहीं है।
पात्रता:
- आयु सीमा: 18 वर्ष या उससे अधिक आयु की विधवाएँ।
- आय प्रमाण पत्र: आवेदिका की वार्षिक आय राज्य सरकार द्वारा निर्धारित सीमा से कम होनी चाहिए।
- बिहार का निवासी: योजना का लाभ केवल बिहार के स्थायी निवासियों को मिलता है।
आवेदन प्रक्रिया:
1.पंजीकरण: इच्छुक विधवाओं को स्थानीय सामाजिक सुरक्षा कार्यालय या पंचायत कार्यालय में पंजीकरण कराना होता है।
2. आवेदन पत्र: विधवाओं को योजना के तहत आवेदन पत्र भरना होता है, जिसमें आवश्यक दस्तावेज शामिल होते हैं, जैसे कि आय प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, और बैंक खाता विवरण।
3. सत्यापन: आवेदन की जाँच और सत्यापन के बाद, पेंशन की राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।
लाभ:
- आर्थिक स्थिरता: विधवाओं को नियमित पेंशन से आर्थिक स्थिरता मिलती है।
- सामाजिक सुरक्षा: विधवाओं को सम्मानजनक जीवन यापन के लिए सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना।
- आत्मनिर्भरता: विधवाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित करना।
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