बिहार भारत का एक महत्वपूर्ण राज्य है, जिसकी सीमाएँ निम्नलिखित राज्यों और एक देश से लगती हैं:
- उत्तर: नेपाल (अंतर्राष्ट्रीय सीमा)
- नेपाल के साथ बिहार की सीमा करीब 601 किमी लंबी है। यह सीमावर्ती क्षेत्र कई नदियों और पहाड़ियों से घिरा है।
- पूर्व: पश्चिम बंगाल
- बिहार की पश्चिम बंगाल के साथ सीमा 170 किमी लंबी है। यह पूर्वी दिशा में स्थित है और इस सीमा के माध्यम से दोनों राज्यों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक आदान-प्रदान होता है।
- दक्षिण: झारखंड
- बिहार की झारखंड के साथ सीमा 814 किमी लंबी है। यह सीमा दक्षिणी दिशा में स्थित है और विभाजन से पहले बिहार का ही हिस्सा था। इस सीमा के पार स्थित क्षेत्रों में कई खनिज संसाधन पाए जाते हैं।
- पश्चिम: उत्तर प्रदेश
- बिहार की उत्तर प्रदेश के साथ सीमा 726 किमी लंबी है। यह पश्चिमी दिशा में स्थित है और दोनों राज्यों के बीच परिवहन और व्यापार का महत्वपूर्ण मार्ग है।
बिहार की सीमाएँ और उनका महत्व
- अंतर्राष्ट्रीय सीमा (नेपाल)
- नेपाल के साथ सीमा बिहार के उत्तर में स्थित है और यह सीमा सांस्कृतिक, व्यापारिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
- सीमावर्ती जिलों में पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी और सुपौल शामिल हैं।
- अंतरराज्यीय सीमाएँ
- पश्चिम बंगाल: बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच कनेक्टिविटी और व्यापारिक गतिविधियों का आदान-प्रदान महत्वपूर्ण है।
- झारखंड: खनिज संसाधनों और औद्योगिक गतिविधियों के लिए यह सीमा महत्वपूर्ण है।
- उत्तर प्रदेश: कृषि और व्यापार के लिए यह सीमा विशेष महत्व रखती है।
प्राकृतिक सीमाएँ
- नदियाँ: गंगा, कोसी, गंडक, सोन आदि नदियाँ बिहार की सीमा को प्राकृतिक रूप से विभाजित करती हैं।
- तराई क्षेत्र: उत्तर में हिमालय के तराई क्षेत्र में स्थित होने के कारण बिहार की भौगोलिक स्थिति अनुकूल है।
सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान: सीमावर्ती क्षेत्रों में विभिन्न सांस्कृतिक और पारंपरिक आदान-प्रदान होता है।
- आर्थिक गतिविधियाँ: सीमावर्ती क्षेत्रों में व्यापार और उद्योगों का विकास होता है, जिससे आर्थिक प्रगति होती है।
बिहार की सीमाएँ उसकी भौगोलिक स्थिति, सांस्कृतिक धरोहर और आर्थिक विकास के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
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