नालंदा, बिहार में स्थित एक प्राचीन नगर है, जो विशेष रूप से नालंदा विश्वविद्यालय के लिए प्रसिद्ध है।
यहाँ की प्रमुख ऐतिहासिक स्थल और धरोहर निम्नलिखित हैं:
1. नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष
- विवरण: नालंदा विश्वविद्यालय प्राचीन भारत का एक प्रमुख शिक्षा केंद्र था, जो 5वीं शताब्दी में स्थापित हुआ था और 12वीं शताब्दी तक सक्रिय रहा।
- धरोहर: यहाँ के प्राचीन विहार (मठ), स्तूप और पुस्तकालयों के अवशेष, विश्वविद्यालय की विशालता और इसकी वास्तुकला को दर्शाते हैं। इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है।
2. नालंदा स्तूप
- विवरण: नालंदा में कई स्तूप हैं, जो बौद्ध धर्म के प्रमुख धार्मिक स्मारक हैं। इनका निर्माण बौद्ध अनुयायियों द्वारा किया गया था।
- धरोहर: ये स्तूप नालंदा विश्वविद्यालय के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाते हैं और बौद्ध धर्म के इतिहास में महत्वपूर्ण हैं।
3. सोनभद्र गुफाएँ
- विवरण: ये गुफाएँ नालंदा के पास स्थित हैं और प्राचीन बौद्ध गुफाओं की एक श्रृंखला हैं।
- धरोहर: इन गुफाओं की वास्तुकला और बौद्ध चित्रण, नालंदा के बौद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाते हैं।
4. पावापुरी
- जैनियों के लिए एक पवित्र स्थल, पवारी बिहार के नालंदा जिले में स्थित है। इस नालंदा पर्यटन स्थल ने इस तथ्य के कारण अपना महत्व प्राप्त किया कि 500 ईसा पूर्व में, ऐसा माना जाता है कि भगवान महावीर को यहाँ दफनाया गया था।
5. नालंदा पुरातात्विक संग्रहालय
- विवरण: यह संग्रहालय नालंदा विश्वविद्यालय और आसपास के ऐतिहासिक स्थलों से संबंधित पुरातात्विक अवशेषों को संरक्षित करता है।
- धरोहर: संग्रहालय में प्राचीन मूर्तियाँ, अभिलेख, और अन्य कलात्मक वस्तुएँ शामिल हैं जो नालंदा की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाती हैं।
6. नालंदा की दीवारें और खंडहर
- विवरण: नालंदा विश्वविद्यालय की दीवारें और अन्य खंडहर प्राचीन वास्तुकला और निर्माण तकनीकों को दर्शाते हैं।
- धरोहर: ये खंडहर नालंदा के भव्य अतीत और इसकी विशालता को प्रमाणित करते हैं।
7. अशोक स्तूप
नालंदा का अशोक स्तूप विश्वविद्यालय के खंडहरों के पास स्थित है। इसका निर्माण तीसरी शताब्दी में अशोक ने करवाया था। इस स्तूप की संरचना एक पिरमिड की आकार का है। जिसके चारों तरफ प्रतिमाएं उकेरित हैं।
8. चीनी यात्री ह्वेनसांग का स्मारक:
यह स्मारक प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग को समर्पित है, जिन्होंने 7वीं शताब्दी ईस्वी में नालंदा विश्वविद्यालय का दौरा किया था। नालंदा विश्वविद्यालय के पास ही ह्वेन त्सांग मेमोरियल स्थित है। इतिहासकारों के मुताबिक इसका निर्माण 1960 में शुरू हुआ था। जो 1984 में बनकर तैयार हुा। इस मेमोरियल का डिजाइन पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है।
9. नालंदा संग्रहालय:
वर्ष 1917 में स्थापित नालंदा संग्रहालय भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सबसे प्रतिष्ठित स्थल-संग्रहालयों में से एक है। इसमें नालंदा महाविहार के उत्खनन स्थल से पाए जाने वाले पुरावशेष हैं, जो गुप्ता, मौखरी और पाला शासकों के संरक्षण में ईसाई युग की 5वीं-12 वीं शताब्दी के दौरान विकसित हुए थे। इन ऐतिहासिक स्थलों और धरोहरों के माध्यम से नालंदा का समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक महत्व उजागर होता है। यह स्थल प्राचीन भारतीय शिक्षा, धर्म और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं को दर्शाते हैं।
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