“कुशल युवा कार्यक्रम (केवाईपी)” योजना बिहार कौशल विकास मिशन (बीएसडीएम) द्वारा शुरू किया गया एक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम है। यह बिहार सरकार की “7 निश्चय” योजनाओं में से एक का हिस्सा है।
केवाईपी का उद्देश्य उन सभी उम्मीदवारों के रोजगार कौशल को बढ़ाना है जो बिहार के स्थायी निवासी हैं और कम से कम 10वीं कक्षा उत्तीर्ण हैं।
सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग में जीवन कौशल, संचार कौशल (अंग्रेजी और हिंदी), और बुनियादी कंप्यूटर साक्षरता शामिल है। प्रशिक्षण से उनकी रोजगार क्षमता बढ़ेगी।
आवेदक की आयु 15-28 वर्ष (एसटी/एससी/ओबीसी/दिव्यांगों के लिए छूट) के बीच होनी चाहिए। आवेदक के पास कोई रोजगार या स्वरोजगार नहीं होना चाहिए।
उद्देश्य:
1.कौशल विकास: युवाओं को आवश्यक कौशल और प्रशिक्षण प्रदान करना ताकि वे रोजगार के लिए तैयार हो सकें।
2. रोजगार के अवसर: युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्रदान करना।
3. आत्मनिर्भरता: युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए प्रोत्साहित करना।
मुख्य विशेषताएँ:
- मुफ्त प्रशिक्षण: युवाओं को मुफ्त कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
- विभिन्न कौशल: आईटी, संचार कौशल, और व्यवहारिक कौशल में प्रशिक्षण।
- प्रशिक्षण केंद्र: राज्य भर में विभिन्न प्रशिक्षण केंद्रों पर प्रशिक्षण की सुविधा।
- सर्टिफिकेट: प्रशिक्षण पूरा करने के बाद युवाओं को प्रमाण पत्र दिया जाता है।
पात्रता:
- उम्र: 15 से 25 वर्ष के युवा।
- शैक्षणिक योग्यता: न्यूनतम 10वीं या 12वीं कक्षा पास।
- बिहार का निवासी: योजना का लाभ केवल बिहार के स्थायी निवासियों को मिलता है।
आवेदन प्रक्रिया:
1.ऑनलाइन पंजीकरण: इच्छुक युवा योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं।
2. दस्तावेज़ सत्यापन: पंजीकरण के बाद आवश्यक दस्तावेजों का सत्यापन किया जाता है।
3. प्रशिक्षण केंद्र आवंटन: सत्यापन के बाद, युवाओं को नजदीकी प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण के लिए आवंटित किया जाता है।
कार्यान्वयन:
- बिहार कौशल विकास मिशन (BSDM): योजना के कार्यान्वयन और निगरानी की जिम्मेदारी।
- प्रशिक्षण केंद्र: राज्य भर में स्थित प्रशिक्षण केंद्रों पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
- स्थानीय अधिकारी: युवाओं को योजना के लाभ और सहायता प्रदान करने में मदद करते हैं।
लाभ:
- रोजगार योग्यता: युवाओं को रोजगार योग्य बनाने के लिए आवश्यक कौशल और प्रशिक्षण।
- आत्मनिर्भरता: युवाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित करना।
- आर्थिक सुधार: रोजगार मिलने से युवाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार।
- समग्र विकास: राज्य के युवाओं का समग्र विकास और सशक्तिकरण।
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