जल जीवन हरियाली योजना की शुरुआत बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार जी के द्वारा राज्य में पेड़ो का रोपण ,पोखरों और कुओ का निर्माण करने के लिए की गयी है।
Jal Jeevan Hariyali Yojana के अंतर्गत बिहार राज्य में कई पोधो का रोपण किया जायेगा और पानी के परम्परागत स्रोतों तलाब,पोखरों कुओ का निर्माण किया जायेगा तथा पुरे तालाब ,कुओ की मरम्मत राज्य सरकार द्वारा कराई जाएगी।
इस योजना के तहत बिहार के किसानो को तालाब ,पोखरे बनाने और खेतो की सिचाई के लिए सरकार 75500 रूपये की सब्सिडी आर्थिक सहायता के रूप में प्रदान की जाएगी।
जल जीवन हरियाली योजना के तहत चापा कल, कुआं, सरकारी भवनों में वर्षा के पानी को स्टोर करने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग की जाएगी।
उद्देश्य:
1.जल संरक्षण: जल के सही उपयोग और संरक्षण को सुनिश्चित करना।
2. वृक्षारोपण: अधिक से अधिक पौधों और पेड़ों का रोपण कर हरियाली बढ़ाना।
3. सतत जल प्रबंधन: जल स्रोतों के प्रबंधन और सुधार के लिए उपाय करना।
4. पर्यावरण संरक्षण: पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए विभिन्न गतिविधियाँ।
मुख्य पहल:
- जल संचयन: वर्षा के पानी को संचित करने के लिए संरचनाएं और प्रौद्योगिकियाँ विकसित करना।
- वृक्षारोपण अभियान: पौधारोपण और वनस्पति की वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए अभियान चलाना।
- सामुदायिक सहभागिता: स्थानीय लोगों को जल संरक्षण और वृक्षारोपण की गतिविधियों में शामिल करना।
- जल पुनर्चक्रण: जल के पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग के उपायों को बढ़ावा देना।
कार्यान्वयन:
- स्थानीय निकाय: पंचायत और नगरपालिका स्तर पर योजना का कार्यान्वयन।
- राज्य और जिला प्रशासन: योजना के संचालन और निगरानी की जिम्मेदारी।
- सामुदायिक संगठन: योजना के तहत जागरूकता फैलाने और कार्यान्वयन में सहयोग प्रदान करने के लिए शामिल होते हैं।
लाभ:
- जल संरक्षण: जल के संचित उपयोग से जल संकट को कम करना।
- पर्यावरणीय सुधार: वृक्षारोपण और हरियाली से पर्यावरणीय स्थिति में सुधार।
- सामाजिक जागरूकता: लोगों को जल संरक्षण और पर्यावरण की महत्वता के प्रति जागरूक करना।
- स्थायी विकास: जल और पर्यावरण संरक्षण के माध्यम से सतत विकास की दिशा में कदम बढ़ाना।
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