एकीकृत कुक्कुट विकास योजना (Integrated Poultry Development Scheme) भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य कुक्कुट पालन (पोल्ट्री फार्मिंग) को बढ़ावा देना और इसे आर्थिक रूप से लाभकारी बनाना है।
इस योजना का लक्ष्य पोल्ट्री उद्योग के विभिन्न पहलुओं को एकीकृत ढंग से विकसित करना है, जिसमें प्रजनन, पालन, और विपणन शामिल हैं।
उद्देश्य:
1.कुक्कुट पालन का विकास: पोल्ट्री उद्योग को समर्थन देकर इसे अधिक उत्पादक और लाभकारी बनाना।
2. आर्थिक लाभ: किसानों को पोल्ट्री पालन से आर्थिक लाभ दिलाना।
3. स्वास्थ्य और पोषण: लोगों को स्वस्थ और पोषक तत्वों से भरपूर चिकन और अंडे प्रदान करना।
4. रोजगार सृजन: पोल्ट्री उद्योग के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करना।
मुख्य विशेषताएँ:
- पोल्ट्री फार्मिंग के लिए प्रशिक्षण: किसानों और उद्यमियों को पोल्ट्री पालन, प्रबंधन, और रोग नियंत्रण पर प्रशिक्षण प्रदान करना।
- वित्तीय सहायता: पोल्ट्री फार्मिंग के लिए सब्सिडी, ऋण और वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास: पोल्ट्री फार्मों के लिए बुनियादी सुविधाओं का विकास और सुधार।
- स्वास्थ्य देखभाल: पोल्ट्री के लिए स्वास्थ्य देखभाल, जैसे टीकाकरण और रोग नियंत्रण।
पात्रता:
- योजना का लाभ सभी इच्छुक पोल्ट्री फार्मर्स, किसान, और उद्यमियों को मिल सकता है।
- विशेष रूप से छोटे और मझोले किसानों को प्राथमिकता दी जाती है।
आवेदन प्रक्रिया:
1.पंजीकरण: इच्छुक किसान या उद्यमी को संबंधित कृषि या पोल्ट्री विभाग में पंजीकरण कराना होगा।
2. आवेदन पत्र: योजना के अंतर्गत आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन पत्र भरना होगा।
3. प्रस्ताव की स्वीकृति: आवेदन की जाँच के बाद प्रस्ताव की स्वीकृति दी जाएगी और आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी।
कार्यान्वयन:
- कृषि और पशुपालन मंत्रालय: योजना के कार्यान्वयन के लिए केंद्रीय और राज्य स्तर पर जिम्मेदार विभाग।
- स्थानीय अधिकारियों: योजना के स्थानीय स्तर पर कार्यान्वयन और निगरानी की जिम्मेदारी निभाते हैं।
लाभ:
- आर्थिक सुधार: पोल्ट्री पालन से किसानों की आय में वृद्धि।
- स्वास्थ्य लाभ: लोगों को उच्च गुणवत्ता वाले चिकन और अंडे मिलते हैं।
- रोजगार: ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों का सृजन।
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