बिहार सम्पूर्ण टीकाकरण योजना बिहार राज्य द्वारा चलायी जाती है और इसका उद्देश्य राज्य के सभी बच्चों को आवश्यक टीकाकरण प्रदान करना है ताकि वे जीवन-threatening बीमारियों से सुरक्षित रह सकें। यह योजना खासतौर पर उन क्षेत्रों में लागू की जाती है जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुँच सीमित है।
बिहार सम्पूर्ण टीकाकरण योजना के मुख्य बिंदु: लाभार्थी:
- यह योजना नवजात बच्चों और 0-5 वर्ष की आयु के बच्चों को लक्षित करती है।
टीकाकरण:
- मुख्य टीके: इस योजना के तहत बच्चों को विभिन्न जीवन-threatening बीमारियों के खिलाफ टीके लगाये जाते हैं, जैसे कि पोलियो, टीबी, हेपेटाइटिस B, खसरा, रूबेला, और डिप्थीरिया।
- विपणन: यह योजना नियमित टीकाकरण कार्यक्रम (Routine Immunization) के तहत कार्यान्वित की जाती है और इसमें आवश्यक टीके शामिल होते हैं।
टीकाकरण अभियान:
- विशेष टीकाकरण अभियान: कभी-कभी विशेष अभियान चलाए जाते हैं ताकि किसी खास बीमारी के प्रकोप को रोकने के लिए सभी बच्चों को टीका लगाया जा सके।
- वैकल्पिक टीकाकरण दिवस: टीकाकरण को सुनिश्चित करने के लिए विशेष दिवस भी घोषित किए जाते हैं।
टीकाकरण का महत्व:
- टीकाकरण बच्चों को संक्रामक बीमारियों से बचाता है और उनकी जीवन की गुणवत्ता को सुधारता है।
- इससे बच्चों की मृत्यु दर और बीमारी की संभावना को कम किया जाता है।
पोषण और स्वच्छता:
- टीकाकरण के साथ-साथ बच्चों को उचित पोषण और स्वच्छता के बारे में भी जागरूक किया जाता है ताकि उनके स्वास्थ्य में सुधार हो सके।
आवेदन और लाभ प्राप्ति:
- इस योजना का लाभ पाने के लिए माता-पिता को अपने बच्चों का नामांकन सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर कराना होता है।
- टीकाकरण कार्यक्रमों की जानकारी स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से दी जाती है।
निगरानी और मूल्यांकन:
- योजना की प्रभावशीलता को सुनिश्चित करने के लिए नियमित निगरानी और मूल्यांकन किया जाता है।
- टीकाकरण के डेटा और रिपोर्टिंग को ट्रैक किया जाता है ताकि किसी भी कमी को समय पर पूरा किया जा सके।
बिहार सम्पूर्ण टीकाकरण योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों को बीमारियों से बचाना और राज्य में टीकाकरण कवरेज को बढ़ाना है, ताकि बच्चों का स्वस्थ और सुरक्षित जीवन सुनिश्चित हो सके।
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