बिहार राज्य फसल सहायता योजना – बिहार फसल सहायता योजना (Bihar Fasal Sahayata Yojana) एक सरकारी योजना है जो भारतीय राज्य बिहार में किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
Bihar Fasal Sahayata Yojana किसानों को उनकी फसलों की नुकसान पर आर्थिक मदद प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है, जो प्राकृतिक आपदाओं, बाढ़, सूखे, बर्फबारी, हैलस्टॉर्म आदि के कारण हो सकती हैं।
Bihar Fasal Sahayata Yojana 2024- बिहार फसल सहायता योजना के तहत, किसानों को उनके प्राकृतिक आपदा की आधारित फसल नुकसान के लिए आर्थिक मदद प्राप्त करने का मौका मिलता है, जिससे उनके आर्थिक बोझ को कम किया जा सकता है।
इस योजना के अंतर्गत, आवेदकों को उनके प्राकृतिक आपदा से प्रभावित क्षेत्र की स्थिति की जांच की जाती है और उनके द्वारा दावा की गई नुकसान की गणना की जाती है। इसके आधार पर आर्थिक मदद की जाती है जो किसानों के लिए सहायक साबित होती है।
क्रम संख्या | नुकसान | राशी |
01 | फसल 20% तक क्षति होने पर | Rs.7500/- रुपये प्रति हेक्टेयर |
02 | फसल 20% से अधिक क्षति होने पर | Rs.10000/- रूपये प्रति हेक्टेयर |
आवेदन प्रक्रिया:
- किसान अपने नजदीकी कृषि कार्यालय या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
- आवेदन पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज, जैसे भूमि का प्रमाण पत्र, फसल नुकसान का प्रमाण पत्र, और पहचान पत्र संलग्न करना होता है।
- आवेदन जमा करने के बाद, कृषि विभाग के अधिकारी फसल नुकसान का सर्वेक्षण करते हैं और सहायता राशि का निर्धारण करते हैं।
आवश्यक दस्तावेज़:
- भूमि का प्रमाण पत्र (पंजीकृत भूमि या पट्टा दस्तावेज़)
- पहचान पत्र (आधार कार्ड, पैन कार्ड, आदि)
- बैंक खाता विवरण (सहायता राशि के हस्तांतरण के लिए)
- फसल नुकसान का प्रमाण पत्र (ग्राम पंचायत या कृषि अधिकारी द्वारा जारी)
योजना के लाभ:
- आर्थिक सुरक्षा: किसानों को फसल नुकसान के समय वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति स्थिर रहती है।
- कृषि कार्य जारी रखना: सहायता राशि से किसान अगले सीजन के लिए बीज, खाद, और अन्य आवश्यक वस्त्र खरीद सकते हैं और अपना कृषि कार्य जारी रख सकते हैं।
- जोखिम में कमी: कृषि जोखिमों को कम करने में मदद मिलती है और किसानों को मानसिक और आर्थिक राहत मिलती है।
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