आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण कुछ महिलाओ को गर्भवती अवस्था में भी काम पर जाना पढ़ता है।
इन्ही सारी कठिनाईओ का सामना निर्माण श्रमिक महिला को नहीं करना पड़े बिहार सरकार ने बिहार निर्माण श्रमिक मातृत्व लाभ सहायता योजना की शुरुवात की है।
योजना का उद्देश्य यह है की निर्माण श्रमिक महिलाओ को बच्चे के जन्म के उपरांत पौष्टिक आहार मिल पाए तथा वह स्वास्थ्य रह पाए।
बिहार निर्माण श्रमिक मातृत्व लाभ सहायता योजना बिहार के श्रम संसाधन विभाग के भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित की जा रही है।
योजना के अंतर्गत लाभार्थी महिला को बच्चे के जन्म के उपरान्त 90 दिनों की न्यूनतम मजदूरी की समतुल्य राशि देय होगी।
लाभार्थी निर्माण श्रमिक महिला को प्रथम दो प्रसव के लिए सहायता राशि दी जाएगी।
राज्य सरकार द्वारा निर्माण श्रमिक महिला को अकुशल कामगार हेतु निर्धारित न्यूनतम मजदूरी के राशि दी जाएगी।
लाभार्थी को योजना के अंतर्गत दिए जाने वाली अनुदान राशि स्वास्थ्य, समाज कल्याण एवं अन्य विभागों के अतिरिक्त है।
पंजीकृत महिला जो बोर्ड में न्यूनतम एक वर्ष से पंजीकृत है वह योजना के अंतर्गत पात्र है।
योजना की प्रमुख बातें:
1.लाभार्थी:
इस योजना का लाभ केवल पंजीकृत निर्माण श्रमिक महिलाएं ही ले सकती हैं।
2. सहायता राशि: गर्भवती महिला श्रमिक को 6000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है।
3. पात्रता:
- महिला श्रमिक का निर्माण श्रमिक के रूप में पंजीकरण होना चाहिए।
- गर्भावस्था के दौरान आवेदन किया जा सकता है।
4. दस्तावेज़: आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ों में पंजीकरण प्रमाण पत्र, गर्भावस्था प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण आदि शामिल हैं।
5. आवेदन प्रक्रिया:
- लाभार्थी महिला श्रमिक को अपने नजदीकी श्रम कार्यालय में आवेदन करना होता है।
- आवेदन के साथ सभी आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने होते हैं।
- सत्यापन के बाद, सहायता राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में स्थानांतरित कर दी जाती है।
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