बिहार के गरीब परिवारों को लाभ प्रदान करने के लक्ष्य से बिहार सरकार द्वारा कबीर अंत्येष्टि अनुदान योजना का आरंभ किया गया है।
इस योजना के माध्यम से राज्य के बीपीएल परिवार के किसी सदस्य का देहांत/मृत्यु हो जाती है तो राज्य सरकार द्वारा मृतक की अंत्येष्टि (दाह संस्कार) के लिए आर्थिक सहायता मुहैया करवाई जाती है।
राज्य सरकार द्वारा 3000 रुपए की एकमुश्त आर्थिक सहायता मृतक के आश्रित/निकटतम संबंधी को दी जाती है।
इस योजना के तहत केवल उन्हीं बीपीएल परिवारों को कबीर अंत्येष्टि अनुदान योजना का लाभ दिया जाएगा जो 10 वर्ष से या इससे अधिक समय से बिहार में निवास कर रहे हैं।
मुख्य बिंदु:
1.लाभार्थी:
- यह योजना बिहार राज्य के गरीब और वंचित परिवारों के लिए है, जो किसी मृतक सदस्य के अंतिम संस्कार के लिए वित्तीय सहायता की आवश्यकता रखते हैं।
- विशेष रूप से अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के परिवारों को इस योजना का लाभ मिलता है।
2. वित्तीय सहायता:
- योजना के तहत मृतक के परिवार को अंतिम संस्कार के लिए ₹3,000 की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
- यह राशि अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को बिना किसी आर्थिक कठिनाई के पूरा करने में मदद करती है।
3. आवेदन प्रक्रिया:
- ऑफलाइन आवेदन: लाभार्थी व्यक्ति स्थानीय पंचायत या ब्लॉक स्तर के अधिकारी के माध्यम से आवेदन कर सकता है।
- आवश्यक दस्तावेज़: आवेदन के साथ मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र, परिवार की आर्थिक स्थिति का प्रमाण पत्र, और अन्य आवश्यक दस्तावेज़ जमा करना होता है।
- आवेदन प्रक्रिया सरल और त्वरित होती है ताकि लाभार्थी को समय पर सहायता मिल सके।
4. पात्रता मानदंड:
- आवेदक बिहार का निवासी होना चाहिए।
- मृतक व्यक्ति के परिवार की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए आवेदन स्वीकृत किया जाता है।
- परिवार की आर्थिक स्थिति का प्रमाण देना आवश्यक होता है ताकि योजना का लाभ सही परिवारों तक पहुंचे।
5. योजना का कार्यान्वयन:
- योजना का क्रियान्वयन संबंधित सरकारी विभागों और स्थानीय प्रशासन के माध्यम से किया जाता है।
- समय पर सहायता प्रदान करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है ताकि अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में देरी न हो।
बिहार कबीर अंत्येष्टि अनुदान योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब और वंचित परिवारों को उनके प्रियजनों के अंतिम संस्कार में आर्थिक सहायता प्रदान करना है, ताकि वे इस कठिन समय में सम्मानजनक तरीके से अंतिम संस्कार कर सकें।
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