पवन ऊर्जा या पवन ऊर्जा अक्षय ऊर्जा का एक रूप है जो बिजली पैदा करने के लिए हवा की शक्ति का उपयोग करती है।
पवन ऊर्जा की क्षमता:
- बिहार में पवन ऊर्जा की प्रचुर क्षमता है।
- राज्य में कई क्षेत्र हैं जहाँ हवा की गति पवन ऊर्जा उत्पादन के लिए अनुकूल है।
- अनुमान है कि बिहार में 10,000 मेगावाट से अधिक पवन ऊर्जा क्षमता है।
विकास:
- पिछले कुछ वर्षों में भारत में पवन ऊर्जा क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- 2023 तक, भारत में कुल स्थापित पवन ऊर्जा क्षमता 40.8 गीगावाट है।
- यह दुनिया में चौथे स्थान पर है।
- भारत सरकार ने 2030 तक 100 गीगावाट पवन ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।
परियोजनाएं:
- भारत में कई बड़ी पवन ऊर्जा परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें शामिल हैं:
- जैसलमेर विंड पावर पार्क (1.645 गीगावाट): यह राजस्थान में स्थित भारत का सबसे बड़ा पवन ऊर्जा पार्क है।
- मुंद्रा विंड पावर पार्क (1.044 गीगावाट): यह गुजरात में स्थित भारत का दूसरा सबसे बड़ा पवन ऊर्जा पार्क है।
- कोडसन विंड पावर पार्क (750 मेगावाट): यह तमिलनाडु में स्थित भारत का तीसरा सबसे बड़ा पवन ऊर्जा पार्क है।
सरकारी पहल:
- सब्सिडी: सरकार पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए सब्सिडी प्रदान करती है।
- कर छूट: सरकार पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए कर छूट भी प्रदान करती है।
- नीतियां: सरकार ने पवन ऊर्जा विकास को बढ़ावा देने के लिए नीतियां भी बनाई हैं।
- पवन ऊर्जा पार्क: सरकार ने राज्य में कई पवन ऊर्जा पार्क स्थापित किए हैं।
उदाहरण:
- डुमरा पवन ऊर्जा परियोजना (250 मेगावाट): यह भारत की सबसे बड़ी पवन ऊर्जा परियोजनाओं में से एक है और यह बिहार के सीतामढ़ी जिले में स्थित है।
लाभ:
- स्वच्छ ऊर्जा: पवन ऊर्जा एक स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है जो पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करता है।
- नवीकरणीय: पवन ऊर्जा एक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है जो कभी खत्म नहीं होगा।
- कम लागत: पवन ऊर्जा की लागत तेजी से कम हो रही है और यह अब जीवाश्म ईंधन से अधिक किफायती हो रही है।
- रोजगार सृजन: पवन ऊर्जा उद्योग रोजगार के कई अवसर पैदा करता है।
चुनौतियां:
- अंतराल: पवन ऊर्जा एक अस्थिर ऊर्जा स्रोत है जो हवा की गति के आधार पर भिन्न होता है। इस समस्या को ऊर्जा भंडारण प्रणालियों के साथ दूर किया जा सकता है।
- जमीन की आवश्यकता: बड़े पैमाने पर पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए बड़ी मात्रा में भूमि की आवश्यकता होती है।
- पर्यावरणीय प्रभाव: पवन ऊर्जा संयंत्रों का पक्षियों और चमगादड़ों जैसे वन्यजीवों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
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