बिहार, अपनी समृद्ध जल संपदा के लिए जाना जाता है। गंगा, यमुना, सोन, कोसी और घाघरा जैसी प्रमुख नदियाँ राज्य से होकर बहती हैं। इन नदियों के अलावा, बिहार में कई झीलें, तालाब और नहरें भी हैं।
- गंगा नदी पर जलमार्ग:
- बिहार में गंगा नदी पर जलमार्गों का विकास हो रहा है। गंगा नदी का मुख्य जलमार्ग है जो उत्तरी और पश्चिमी बिहार को पटना, भागलपुर, मुंगेर, भक्तियारपुर, आदि शहरों से जोड़ता है।
- गंगा नदी पर सफलतापूर्वक अनेक जलमार्ग परियोजनाएं चल रही हैं जो शिपिंग, पर्यटन और व्यापार को सुगम बनाने का प्रयास कर रही हैं।
- कोसी नदी पर जलमार्ग:
- बिहार में कोसी नदी पर भी कुछ जलमार्ग परियोजनाएं हैं, जो पूर्वी बिहार के क्षेत्रों को जोड़ती हैं। कोसी नदी के उपयोग से पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिल रहा है।
- बांका-धरभंगा जलमार्ग परियोजना:
- इस परियोजना के अंतर्गत बांका से धरभंगा तक कोसी नदी पर जलमार्ग का निर्माण हो रहा है। यह बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों को उत्तरी बिहार के मुख्य नगरों से जोड़ेगा।
- अन्य जलमार्ग परियोजनाएँ:
- बिहार में अन्य जलमार्ग परियोजनाएँ भी हैं जैसे कि गंडक, महानंदा नदी परियोजनाएँ जो पूर्वी बिहार के क्षेत्रों को जोड़ती हैं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य बिहार के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच तेजी से और सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करना है।
जल परिवहन का महत्व:
- आर्थिक विकास: जल परिवहन बिहार के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह माल ढुलाई का एक किफायती और पर्यावरण के अनुकूल तरीका है, जो कृषि उत्पादों, खनिजों और अन्य वस्तुओं के परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- रोजगार सृजन: जल परिवहन सेक्टर में नाविकों, मछुआरों, गोदी श्रमिकों और अन्य लोगों को रोजगार मिलता है।
- पर्यटन: जल परिवहन पर्यटन को बढ़ावा देने में भी मदद करता है। नदी में नौका विहार और अन्य जल गतिविधियाँ पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हैं।
बिहार में जल परिवहन की स्थिति:
- अंतर्देशीय जलमार्ग: बिहार में 5,882 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय जलमार्ग हैं, जिनमें गंगा, यमुना, सोन, कोसी और घाघरा नदियाँ शामिल हैं। इन जलमार्गों पर कार्गो परिवहन के लिए नियमित नौका सेवाएं उपलब्ध हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय जलमार्ग: बिहार का नेपाल के साथ अंतर्राष्ट्रीय जलमार्ग भी है, जिसका उपयोग माल और यात्रियों के परिवहन के लिए किया जाता है।
- बंदरगाह: बिहार में कई अंतर्देशीय बंदरगाह हैं, जिनमें पटना, मुंगेर, हाजीपुर और सोनपुर शामिल हैं। ये बंदरगाह माल और यात्रियों के आगमन और प्रस्थान के लिए महत्वपूर्ण केंद्र हैं।
चुनौतियां:
- अवसंरचना की कमी: बिहार में जल परिवहन अवसंरचना अपर्याप्त है। कई जलमार्गों की गहराई कम है और उनमें नौकायन के लिए उपयुक्त चैनल नहीं हैं।
- प्रदूषण: नदियों में प्रदूषण जल परिवहन के लिए एक बड़ी समस्या है। प्रदूषण से नौकाओं को नुकसान हो सकता है और जल जीवन को भी नुकसान पहुंच सकता है।
- सुरक्षा: जल परिवहन में दुर्घटनाएं एक बड़ी चिंता का विषय हैं। कई दुर्घटनाएं पुरानी नौकाओं, अपर्याप्त सुरक्षा उपायों और अनुभवी नाविकों की कमी के कारण होती हैं।
सरकारी पहल:
- जलमार्ग विकास: बिहार सरकार जलमार्गों के विकास के लिए कई पहल कर रही है। सरकार जलमार्गों की गहराई बढ़ा रही है, चैनलों का निर्माण कर रही है और बंदरगाहों का आधुनिकीकरण कर रही है।
- जल परिवहन को बढ़ावा देना: सरकार जल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है। सरकार नौकाओं को सब्सिडी दे रही है, नाविकों को प्रशिक्षण दे रही है और जल परिवहन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।
- जल सुरक्षा: सरकार जल सुरक्षा में सुधार के लिए काम कर रही है। सरकार नई नौकाओं को सब्सिडी दे रही है, सुरक्षा उपायों को लागू कर रही है और नाविकों को प्रशिक्षण दे रही है।
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